Bareilly: हजरत मोहम्मद की पैदाईश पर अंजुमन इत्तिहाद-उल-मुस्लिमीन ने पुराने शहर में जूलूस-ए-मोहम्मदी निकाला. जूलूस की शुरूआत कुरान ख्वानी से हुआ. फूलों और रोशनी से नहाए इस जूलूस में खुशी के तमाम रंग देखने को मिले. कहींं रंग-बिरंगी ड्रेसेज तो कहीं फूलों की सजावट का नजारा देखने लायक था. जुलूस कमेटी के लोगों ने परचम सौंप कर जूलूस को रवाना किया. जूलूस में चारों तरफ नारों की आवाज गंूजती रही.


जूलूस में कॉम्पिटिशनजूलूस में अंजुमन लश्कर-ए-रजा आगे-आगे चल रही थी। इसके रास्ते में फूलों की बारिश, सड़क पर पानी डालते और लोबान का इत्र छिड़का जा रहा था। जूलूस में अंजुमनों के लिए कॉम्पिटिशन भी ऑर्गनाइज किया गया। इन्हें बेस्ट ड्रेस, बेस्ट डेकोरेशन, शबीह, नात प्रेजेंटेशन पर अवार्ड दिया जाएगा। ड्रेस में विशेष ध्यान लड़कों की पगड़ी, साफा, कुर्ते-पायजामें पर दिया गया। डेकोरेशन में फूलों की सजावट और लाइटिंग मेन रहा। फूलों की सजावट और डेकोरेशन देखते ही बनता था। फूलों की बारिश


जुलूस पर रास्ते में लोग फूलों की बारिश कर रहे थे। चारों तरफ फूलों की बारिश हो रही थी। हलुआ बांट कर लोग एकदूसरे का मुंह मीठा करा रहे थे। बारावफात के मौके पर हुसैन बाग के हाफिज रहमत खां के मकबरे पर भी रोशनी के लिए 786 मोमबत्तियां जलाई गईं। जुलूस-ए-मोहम्मदी में सूफी रिजवान रजा खां, हाजी हाफिज नियाज अहमद, मुजाहिद हसन खां, शादाब शमीम, यामीन अहमद, मोहम्मद तारिक सईद आदि ने विशेष सहयोग किया। निर्णायक मंडल में तौकीर सिद्दीकी, अख्तर हुसैन सलमानी, मोहसिन आलम, हाजी जीशान बेग, यामीन राईन रहे। जूलूस देर रात तक जारी रहा।गर्ल और बच्चे भी टशन में

अंजुमन के सभी सदस्य जुलूस में नाते पढ़ते हुए चल रहे थे। वहीं युवाओं की बाइक्स देख कर ऐसा लग रहा था मानों उन्हें फूलों से नहला दिया गया हो। कुछ अंजुमनों में लड़कियों और बच्चों ने भी पूरे जोश के साथ शिरकत की। जूलूस के पूरे रास्ते रोशनी से नहाए हुए थे।

Posted By: Inextlive