जेब गरम करो और नियम तोड़ो!
चौकी वाइज रकम फिक्स
सोर्सेज की मानें तो सिविल पुलिस की कमाई चौकी से तय की जाती है। हर चौकी की मंथली रकम तय है। यह रकम 500 से लेकर 2000 रुपए तक होती है। अगर कोई वीआईपी एरिया है या फिर वहां पर सवारियां ज्यादा हैं तो वसूली ज्यादा है। अगर कोई ऑटो ड्राइवर रकम देने से इंकार कर देता है तो पुलिस के ठेकेदार झगड़े व मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। ऑटो और टैम्पो चालक अगर इसकी शिकायत करते हैं तो पुलिस सुनवाई भी नहीं करती। टैम्पो और ऑटो चालकों की मानें तो कुतुबखाना, स्टेशन रोड, चौकी चौराहा तथा अय्यूब खां चौराहा स्थित चौकियों पर वसूली के तरीके अलग हैं।
कोड पर चलती है बात
अवैध वसूली के लिए ट्रैफिक पुलिस ने कोड निर्धारित कर रखे हैं। कोड बोलने पर टैम्पो और ऑटो ड्राइवर को पास मिल जाता है। ये कोड ठेकेदार के नाम के फस्र्ट लेटर के हिसाब से रखे जाते हैं। अगर कोई टैम्पो और ऑटो ड्राइवर रकम नहीं देता है तो चालान काटकर उसे परेशान किया जाता है।
Plan तो बने पर
टैम्पो राज पर लगाम लगाने के लिए ट्रैफिक पुलिस कई बार प्लानिंग कर चुकी है पर हर बार प्लानिंग धरी की धरी रह जाती है। ट्रैफिक पुलिस ने करीब तीन महीने पहले एक योजना तैयार की थी। इसके तहत चौराहों से 100 मीटर पहले रोड के किनारे एक सफेद पट्टी बनाई जानी थी। टैम्पो और ऑटो इस पट्टी के अंदर ही सवारियां बैठा सकते हैं। यही नहीं अधिक देर तक टैम्पो और ऑटो वहां रुक भी नहीं सकते। प्लान तो नहीं बना पर इसे लागू नहीं किया जा सका। नए एसपी ट्रैफिक डीपी श्रीवास्तव ने इन सब पर लगाम लगाने के लिए बड़े-बड़े दावे किए लेकिन नतीजा ढाक के वही तीन पात। प्लान लागू न होने के पीछे ट्रैफिक पुलिस बारिश व कफ्र्यू को जिम्मेदार मानती है।
एरिया वाइज कोड
एरिया कोड
नरियावल स्टैंड ए
श्यामगंज एस
कोहाड़ापीर ओ
रुहेलखंड आरके
सिटी स्टेशन एम
शाहदाना यूके
डाकखाना-डेलापीर डीडी
डेलापीर-पीलीभीत आरआर
चौपुला-श्यामगंज पीके
चौपुला-करगैना पी
चौकी की कमाई !
चौकी रकम
बिहारीपुर 1,500
नकटिया 1,000
कोहाड़ापीर 2,000
डेलापीर 2,000
करगैना 1,000
रामगंगा 1,000
मॉडल टाउन 1,000
रुहेलखंड 500
श्यामगंज 1,500
टै्रफिक पुलिस का धंधा!
एरिया रकम
नरियावल 1,500
शाहदाना 1,000
डेलापीर 500
डाकखाना 1,500
कोहाड़ापीर 1,000
चौपुला 500
रामगंगा 1,000
रुहेलखंड 500
श्यामगंज 1,500
सिटी स्टेशन 500
नए ऑटो स्टैंड की मांग
डेलापीर, कुतुबखाना, कुदेशिया रोड, श्यामगंज चौराहे पर हमारा ऑटो स्टैंड बना हुआ है। जहां पर हम लोग दो-दो करके ऑटो रोड पर लाते हैं। नगर आयुक्त से 34 और ऑटो स्टैंड की मांग की है। स्टैंड कम होने से ऑटो और टैम्पो को रोड पर इधर-उधर खड़ा करना पड़ता है। दुकान के सामने खड़ा करो तो वह उसका मालिक हटा देता है, ठेले के सामने भी हटा देते हैं। आखिर हम अपने ऑटो लेकर कहां जाएं
-अकीलउद्दीन, जिलाध्यक्ष, महानगर ऑटो रिक्शा ओनर्स वेलफेयर
10 बार दे चुके हैं ज्ञापन
एडमिनिस्ट्रेशन को स्टैंड के लिए 10 बार ज्ञापन दे चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं। इसके बावजूद हम सुबह शाम यह ध्यान देते हैं कि ड्राइवर ऑटो और टैम्पो रोड की साइड में खड़े करें। अभी आज ही ज्ञापन दिया है। कई ऑटो तो देहात परमिट पर शहर में चल रहे हैं, जिससे और प्रॉब्लम आ रही है।
-पंकज पांडेय, अध्यक्ष, बरेली ऑटो टैम्पो सोसाइटी
नहीं सुनता प्रशासन
इसके जिम्मेदार डीएम और नगर आयुक्त हैं। उन्हें हमें स्टैंड देना चाहिए इसके लिए हम लोगों ने कई बार मांग की है लेकिन एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से कोई सुनवाई नहीं होती है। सारा कानून ऑटो वालों के लिए ही है। कुछ टैम्पो चालक हैं जो लापरवाही करते हैं और नेता बनना चाहते हैं। कुछ नाबालिग हैं और शराब पीकर ऑटो चलाते हैं।
-जयराम गुप्ता, अध्यक्ष, ऑटो रिक्शा चालक ओनर्स संगठन
इनके लिए प्रॉपर स्टैंड की व्यवस्था की आवश्यकता है। अगर टैम्पो यूनियन के लोग इस बारे में अपनी बात मेरे सामने लाएंगे तो सांसद निधि से शहर में स्टैंड बनाने में मदद की जाएगी। इसके अलावा टैम्पो यूनियन व पुलिस-प्रशासन पर दबाव बनाकर सुविधा शुल्क के नाम पर वसूली जा रही रकम पर रोक लगाई जाएगी। इससे शहर की टै्रफिक व्यवस्था सुधारी जा जा सकेगी।
-प्रवीण सिंह ऐरन, सांसद बरेली
मैं अभी लखनऊ में ऑफिशियल काम से आया हूं। ट्यूजडे को बरेली पहुंच जाउंगा, तभी इस बारे में जानकारी दे सकूंगा।
-डीपी श्रीवास्तव, एसपी ट्रैफिक
सिटी के ट्रैफिक सिस्टम का जिम्मा एसपी ट्रैफिक के पास है। वो ट्यूजडे को बरेली पहुंच रहे हैं। इस संबंध में वही आपको जानकारी दे सकेंगे।
-सत्येंद्र वीर सिंह, एसएसपी