धर्मस्थल पर चली जेसीबी, विरोध पर बरसी लाठी
सब हेड : अलग-अलग समुदाय के दो धर्म स्थल ढहाने पर हुआ विवाद
- लोगों ने धर्मस्थल का कड़ा विरोध, सपा नेता भी बैठे धरने पर - पुलिस ने किया लाठी चार्ज, पांच घंटे तक हुआ जमकर हंगामाबरेली : बीडीए लगातार शहर में अवैध निर्माणों पर कार्रवाई कर रहा है। इसी क्रम मं थर्सडे को बीडीए की टीम को कार्रवाई करना भारी पड़ गया। बीडीए की टीम डोहरा रोड स्थित विचपुरी पहुंची और दो अलग-अलग समुदाय के धर्मस्थलों पर जैसी ही जेसीबी चलाना शुरू किया तो भारी संख्या में दोनों ही समुदाय के लोग अपने-अपने धर्मस्थलों पर एकत्र होकर नारेबाजी करने लगे। वहीं इसी बीच लोग बीडीए की टीम पर हमलावर हो गए तो पुलिस ने भीड़ को लाठीचार्ज कर दिया। हालांकि हंगामे के बाद भी बीडीए ने ध्वस्तीकरण किया। इसके बाद दोनों समुदाय के लोग धरने पर बैठ गए। बाद में अफसरों ने समझाने और आश्वासन के बाद धरना खत्म हुआ।
लाठी भंाज खदेड़ाबीडीए की टीम ने जैसे ही धर्मस्थलों पर जेसीबी चलानी शुरू किया लोग भारी संख्या में एकत्र होकर इसका कड़ा विरोध करने लगे। जब समझाने पर लोग नहीं माने तो बिथरी चैनपुर थाने की पुलिस और पीएसी के जवानों को लाठी चार्ज करना पड़ा। करीब आधा घंटा लाठी चार्ज होने के बाद लोग धर्म स्थल के पास से हटे।
पथराव की उड़ी अफवाह बीडीए की टीम जब कार्रवाई कर रही थी तो किसी ने बीडीए वीसी जोगिंदर सिंह को सूचना दी कि इलाकाई लोग टीम पर पथराव कर रहे हैं। सूचना मिलते ही बीडीए वीसी मौके पर पहुंचे और टीम के सदस्यों से जानकारी ली तो पता चला कि पथराव नहीं हुआ है लेकिन टीम के सदस्यों से अभद्र व्यवहार और धक्का-मुक्की की गई। बीडीए के खिलाफ नारेबाजी जब टीम धर्मस्थलों पर कार्रवाई कर चली गई इसके बाद दोनों ही समुदाय के लोग धर्मस्थल के पास ही धरने पर बैठ गए, जिसमें बच्चे-बूढ़े, जवान और महिलाएं हर वर्ग के लोग शामिल थे, सभी बीडीए प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। करीब एक घंटे तक नारेबाजी का क्रम जारी रहा। धर्मस्थलों का इतिहास पुराना इलाके के बुजुर्गो के अनुसार दोनों ही धर्मस्थलों का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है। जब धर्मस्थलों का निर्माण हुआ तब बीडीए नहीं था तो फिर ये जमीन बीडीए की कैसे हो गई। इसी बात पर दोनों ही समुदाय के लोग बीडीए प्रशासन के खिलाफ मुखर हो गए। सितम करोगे तो सितम करेंगेजब विरोध प्रदर्शन की भनक सपा नेता हैदर अली को लगी तो वह भी समर्थन के लिए विचपुरी पहुंच गए, लोगों की भीड़ के बीच धरने पर बैठ गए, इसी बीच उन्होंने बीडीए पर मुखर होते हुए कहा कि सितम करोगे तो सितम करेंगे, करम करोगे तो करम करेंगे, उन्होने कहा कि विरोध प्रदर्शन करो लेकिन संयम के साथ, हमारा मकसद महौल बिगाड़ने का नहीं है।
एसडीएम के समझाने के बाद खत्म हुआ धरना धरने की सूचना पर लोगों से वार्ता करने के लिए एसडीएम विशुराजा लोगों के बीच पहुंचे, उन्होने फौरन इलाके के लेखपाल राकेश शर्मा को नक्शे के साथ बुलाया, नक्शा देखने के बाद वह लोगों के बीच पंहुचे उन्होने लोगों को बताया कि दोनों ही धर्मस्थलों का निर्माण रास्ते पर किए गए हैं यह दोनों अवैध निर्माण बीडीए के गाटा संख्या में शामिल हैं इसलिए इन्हें तोड़ा गया है। जो कि नियमानुसार ठीक है। बाकि आगे क्या स्थिति रहेगी इस पर निर्णय दोनों ही पक्षों से वार्ता करने के बाद लिया जाएगा। बेटा ये जेसीबी हमारे दिल पर चली हैजब एसडीएम विशुराजा धरना खत्म कराके जाने लगे तो खुर्शीदा नाम की एक बुजुर्ग महिला ने उन्हे रोक लिया और धर्मस्थल का पुराना इतिहास बताकर बोलीं कि बेटा मैं ये तो नहीं जानती कि कानून क्या है लेकिन जहां से हमारी आस्था जुड़ी हो वहां ऐसा नहीं करना चाहिए, बेटा ये जेसीबी हमारे दिलों पर चलाई गई है।
जिम्मेदारों से बीडीए वीसी ने की वार्ता जब मामला शांत हो गया तो बीडीए वीसी ने दोनों ही समुदाय के जिम्मेदारों को वार्ता करने के लिए बीडीए बुलाया, उन्होने कहा कि लोगों की भावनाओं को आहत करना उद्देश्य नहीं है लेकिन सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा नहीं किया जा सकता है, वहीं दोनों ही समुदाय के धर्मगुरुओं के सामने पक्ष रखने के बाद किसी भी प्रकार का निर्णय लिया जाएगा। जिम्मेदारों की बात 1. बिना सूचना के धर्मस्थल का गेट तोड़ा गया है जिससे धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है। प्रशासनिक अधिकारियों से इस बाबत पत्र दिया जाएगा। महंत बाबा मुनि महाराज 2. जब धर्मस्थल सैकड़ो साल पुराना है तो जमीन बीडीए की कैसे हो गई, वेडनसडे रात में बीडीए की ओर से कार्रवाई के लिए फोन किया था, लेकिन इस दौरान ध्वस्तीकरण संबंधी कोई जानकारी नहीं दी गई थी। हसनैन, अध्यक्ष, मजार कमेटी। वर्जनदोनों ही धर्मस्थलों का हिस्सा बीडीए की जमीन में बने थे, कार्रवाई से पहले जिम्मेदारों को दी गई थी, टीम से लोगों ने अभद्रता भी की। मामले को उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। वहीं धर्मगुरुओं से वार्ता कर अग्रिम निर्णय लिया जाएगा।
जोगिंदर सिंह, वीसी, बीडीए