जश्न-ए-मिलादुन्नबी पर नूर से नहा उठा शहर
-मुस्लिम समुदाय ने घरों को सजाया
-नए लिबास में निकले जुलूसे मोहम्मदी में -फिजा में नात और मनकबत की गूंजी आवाज मुस्लिम समुदाय ने घरों को सजाया -नए लिबास में निकले जुलूसे मोहम्मदी में -फिजा में नात और मनकबत की गूंजी आवाज BAREILLY: BAREILLY: पैगम्बर-ए-इस्लाम की विलादत पर शहर नूर से नहा उठा। हर ओर जैसे नूर की बारिश हुई। फिजा में नात-मनकबत की आवाजें गूंज रही थीं। शहर में जिस जगह से जुलूस निकला। रोड को दुल्हन की तरह सजाया गया था। हर कोई मोहम्मद साहब की विलादत की खुशी में खुश नजर आया। घरों को लोगों ने बिजली की झालरों से सजाया था। सुबह लोग उठे और गुस्ल के बाद नए लिबास पहने। खुशबू लगाकर हर कोई जुलूस मोहम्मदी में जाने की जल्दी में दिखा। नौजवानों ने अपने वाहन तक को सजाया हुआ था। दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन ने झंडी दिखाकर जुलूस को रवाना किया।ईद से कम नहीं था जश्न
संडे मौका था जश्ने मिलादुन्नबी का। मुस्लिम समाज का हर कोई जश्न में डूबा नजर आया। सुबह से जोहर की नमाज के बाद निकलने वाले जुलूस की तैयारियां शुरू हो गई थी। लोगों ने नए लिबास पहने और इत्र लगाकर जुलूस में शरीक होने के लिए निकल पड़े। छोटे बच्चे अपने घर के बड़ो के साथ अंगुली पकड़कर चल रहे थे। बच्चों का भी जज्बा देखने लायक था।
जोहर की नजाम के बाद निकला जुलूस शहर के कोहाड़ापीर में जुलूस मोहम्मदी में सैकड़ों अंजुमनों ने शिरकत किया। यहां से जुलूस की शक्ल में सभी अंजुमने एक-एक करके दरगाह आला हजरत के लिए रवाना की गई। जुलूस की रवानगी के लिए सज्जादानशीन मौलाना अहसन रजा खां ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। बेहतरीन लिबास पहने थे लोग जुलूस में शामिल बच्चे, युवक बेहतरीन लिबास पहने हुए थे। किसी ने अपनी टोपी में मोर के पंख लगाए तो किसी ने कुर्ता-पजामा पहना। सभी अंजुमनों का अपना ड्रेस कोड था। अंजुमन के सदस्य उसकी के हिसाब से लिबास पहने हुए थे। जुलूस में शामिल लोगों का जोश देखते ही बन रहा था। नात और मनकबत से गूंजी फिजाजुलूस में अंजुमन के सदस्य नात और मनकबत पढ़ रहे थे। पत्ती-पत्ती फूल-फूल या रसूल-या रसूल अल्लाह के प्यारे नबी आदि के नारे लगा लग रहे थे। जुलूस में इसके साथ ही झंडे लेकर युवक हवा में लहराते हुए चल रहे थे। जुलूस शहर के नैनीताल रोड, कुतुबखाना, सब्जी मंडी, जिला अस्पताल होते हुए सौदागरान स्थित दरगाह पर पहुंचकर खत्म हुआ। वहां आला हजरत की दरगाह पर चादरपोशी और गुलपोशी के साथ मुल्क में अमन-चैन की दुआओं के साथ जुलूस खत्म हुआ।
घरों में बने लजीज पकवान जश्ने ईद-ए-मिलादुन्नबी के मौके पर घरों में लजीज पकवान बनाए गए। सेवई के अलावा दूसरे तरह के पकवान बने। लोग एक दूसरे के घरों में गए और पकवान का लुत्फ उठाया। वहीं गले मिलकर एक दूसरे को जश्ने मिलादुन्नबी की मुबारकबाद दी। देर रात तक जश्न का दौर चला।