अपर नगर लेखा अधिकारी की ऑडिट रिपोर्ट में जलकल का फर्जीवाड़ा उजागर

बिना नगर आयुक्त व शासन की जानकारी एक ही दिन में आउटसोर्स से नियुक्ति

एक खाली पद पर दो कर्मचारियों को नौकरी, दोनों से 55,760 की रिकवरी होगी

BAREILLY: सरकारी पैसे को विकासकार्यो में लगाने के नाम पर उसका दुरपयोग करने के मामले में जलकल विभाग एक बार फिर विवादों में हैं। ताजा मामला जलकल के जीएम और एई का है। जिसमें दोनों अधिकारियों ने बिना शासन व नगर आयुक्त की जानकारी के आउटसोर्सिंग से दो इलेक्ट्रिशियनों की नियुक्ति की। जिनके वेतन भुगतान में गड़बड़ी की बात सामने आई। मुख्य नगर लेखा परीक्षक अशोक कुमार यादव की ऑडिट रिपोर्ट में दोनों आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति और उनको दिए गए भुगतान में आपत्ति उठा दी गई है। वहीं मुख्य नगर लेखा परीक्षक ने नगर निगम को नुकसान पहुंचाने का जिम्मेदार मानते हुए दोनों अधिकारियों से भ्भ्,7म्0 रुपए की रिकवरी किए जाने की रिपोर्ट मेयर नगर आयुक्त को साैंपी है।

एक पद पर दो नियुक्ति

9 जुलाई की इस ऑडिट रिपेार्ट के मुताबिक जलकल विभाग में पंप अटेंडेंट व पंप चालक के टेक्निकल पद हैं। टेक्निकल पोस्ट होने के कारण इन कर्मचारियों से इलेक्ट्रिशियन का काम लिया जा सकता है। लेकिन जलकल विभाग के जीएम व एई ने विभाग में इलेक्ट्रिशियन का एक पद दिखाते हुए दो इलेक्ट्रिशियनों को आउटसोर्स से नियुक्त कर दिया। ऑडिट रिपोर्ट में इसका भी खुलासा हुआ कि शासन व नगर आयुक्त से बिना परमिशन लिए ही आउटसोर्सिंग से नियुक्ति की गई।

एक दिन में कोटेशन व कॉन्ट्रेक्ट

मुख्य नगर लेखा परीक्षक की रिपेार्ट के मुताबिक आउटसोर्स के लिए मंगाए गए कोटेशन जीएम व एई ने ही खोले। आउटसोर्स के लिए आए तीन कोटेशन में से सिर्फ दो ही फॉरवर्ड किए गए। वहीं कोटेशन मंगाने की तारीख क्क् नंवबर ख्0क्फ् थी और इसी दिन कोटेशन खोलकर कॉन्ट्रेक्ट की कार्यवाही पूरी कर दी गई। जबकि कोटेशन मंगाने, कोटेशन खोलने, कॉन्ट्रेक्ट व वर्कऑर्डर जारी करने की पूरी कवायद में ही कम से कम एक हफ्ते का समय लगना आम है।

तारीखों में भी खेल

रिपोर्ट में दोनों अधिकारियों के खिलाफ एक और गड़बड़ी पकड़ में आई है। कॉन्ट्रेक्ट तय करने की कार्यवाही क्क् नवंबर ख्0क्फ् है। वहीं जिस फर्म से दोनो कर्मचारी आउटसोर्स किए गए उस फर्म को क्फ् नवंबर ख्0क्फ् की तारीख में कर्मचारी दिए जाने के निर्देश दिए। जबकि दोनों कर्मचारियों की नियुक्ति कर उनके कॉन्ट्रेक्ट की कार्यवाही के लिए इस्तेमाल किए गए स्टाम्प की तारीख ख् दिसंबर ख्0क्फ् की है।

कार्यकारिणी में भी उठा मामला

जलकल विभाग के इन दोनों जिम्मेदारों की वर्किंग पर जनता से लेकर पार्षदों तक ने कई बार सवाल और शिकायतें की हैं। नगर निगम में ख् जुलाई ख्0क्ब् की कार्यकारिणी की बैठक में भी मेंबर्स की मांग पर मेयर ने इलेक्ट्रिशियनों की आपूर्ति से संबधित दस्तावेजों पर ऑडिट रिपोर्ट तलब की थी। मुख्य नगर लेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि दोनों इलेक्ट्रिशियन को जिस मद से भुगतान किया गया वह भी स्पष्ट नहीं है। साथ ही दोनों इलेक्ट्रिशियन को जिस दर से भुगतान किया गया वह भी निगम से अप्रूव्ड नहीं है।

जलकल विभाग में इलेक्ट्रिशियन की नियुक्ति वाली गड़बड़ी पर मुख्य नगर लेखा परीक्षक की रिपोर्ट अभी देखी नहीं है। लेकिन ऑडिट रिपोर्ट में दोनों अधिकारियों के खिलाफ गड़बड़ी मिली है और रिकवरी की मांग है तो दोनों से रकम वसूली की जाएगी।

- डॉ। आईएस तोमर, मेयर

Posted By: Inextlive