वादी ने दर्ज कराए बयान - बोले तहसीलदार ने अर्दली के जरिए मांगे थे पांच लाख आवास पर अर्दली ने लिये थे रुपये सौंपी वीडियो अब दोनों आरोपितों पर कसेगा शिकंजा

बरेली (ब्यूरो)। रिश्वत की पटकथा तहसीलदार शेर बहादुर ङ्क्षसह ने ही लिखी। उन्होंने कहा कि अर्दली अबरार से मिल लो। अबरार ने पांच लाख रुपये की मांग की। 1.80 लाख रुपये एडवांस दिये। तहसीलदार के आवास पर दिये गए रुपयों का यह वीडियो साथी प्रदीप ङ्क्षसह यादव ने बना लिया। बाद में प्रदीप की पिटाई की और मुकदमा दर्ज कर जेल भिजवा दिया। रिश्वत प्रकरण में सीओ प्रथम के समक्ष दर्ज कराए गए बयान में वीरेंद्र ङ्क्षसह बिष्ट ने वही कहानी दोहराई जो उन्होंने एफआइआर दर्ज कराने के समय कही थी। बाकायदा, रुपये देने का पूरा वीडियो भी उन्होंने सीओ को साक्ष्य के तौर पर सौंपा है। ऐसे में अब तहसीलदार व अर्दली दोनों पर शिकंजा कसेगा।

साक्ष्य के तौर पर सौंपा वीडियो

मामला बीते पांच मई का है। तहसीलदार कार्यालय से भ्रष्टाचार की यह कहानी तब सामने आई जब तत्कालीन तहसीलदार सदर शेर बहादुर ङ्क्षसह के पेशकार लाखन ङ्क्षसह कोतवाली पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि प्रदीप ङ्क्षसह यादव नाम के व्यक्ति ने तहसीलदार से अकेले में बातचीत की बात कही। इन्कार कर दिया गया तो उसने मारपीट शुरू कर दी। कार्यालय में रखी फाइलें फाड़ दीं और तोडफ़ोड़ की। तत्काल ही प्रदीप ङ्क्षसह यादव के विरुद्ध सरकारी काम में बाधा व अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर जेल भेज दिया गया। इसके बाद इज्जतनगर के वीर सावरकरनगर के रहने वाले सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक वीरेंद्र ङ्क्षसह बिष्ट ने तहसीलदार व अर्दली के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया। जमीन के एक मामले में वह शेर बहादुर ङ्क्षसह से मिलें। उन्होंने अर्दली अबरार से मिलने की बात कही। उसने कहा कि पांच लाख रुपये लेकर ही साहब प्लाट पर कब्जा दिलायेंगे। 1.80 लाख एडवांस ले लिये। साथी प्रदीप ङ्क्षसह यादव ने पूरा वीडियो बना लिया। बावजूद काम ना होने पर प्रदीप ने कार्यालय पहुंचकर जब सवाल किया तो उल्टा उनकी पिटाई कर दी गई और जेल भेज दिया गया। उन्होंने तहसीलदार शेर बहादुर ङ्क्षसह व उनके कर्मचारियों पर बंधक बनाने, पिटाई करने, रिश्वत लेने का आरोप लगाया। इसके बाद शेर बहादुर ङ्क्षसह व अर्दली अबरार पर भ्रष्टाचार की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई।

वीडियो में रिश्वत के रुपये गिनते कैद है अर्दली
प्रकरण में सामने आए वीडियो में अर्दली अबरार रिश्वत रुपये गिनते कैद है। रुपये देने वाला कहता है कि 20 हजार निकल पाए हैं, यह ले लो। इस पर अर्दली अबरार कहता है कि आज ही देना है, ज्यादा बड़ी रकम नहीं है। अबरार रुपये लेने से इन्कार करता है। कहता है कि इक_ा देना है। अधिकारी का मैटर है, वह नाराज हो जाएंगे।

अफसर मेहरबान अब तक न हुआ निलंबन, मिल गई छुट्टी
भ्रष्टाचार जैसे मामलों में मुकदमा दर्ज होने के बाद संबंधित को तत्काल ही पद से हटाए जाने के बाद निलंबित कर दिया जाता है। रिश्वत प्रकरण में तहसीलदार शेर बहादुर ङ्क्षसह पर अफसर मेहरबान हैं। चौतरफा किरकिरी कराने के बाद जैसे-तैसे तो शेर बहादुर को सदर की जिम्मेदारी से हटाकर कार्यालय अटैच किया गया। निलंबन टाल दिया गया। प्रकरण के एक माह से अधिक का समय बीत गया लेकिन तहसीलदार का अब तक निलंबन नहीं किया गया। उल्टा उन्हें छुट्टी दे दी गई। चर्चा है कि आजकल आरोपित छुट्टी मना रहा है।

भ्रष्टाचार का मुकदमा, साक्ष्य फिर भी नहीं हुई गिरफ्तारी
तहसीलदार की गिरफ्तारी की बाच् आई तो उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद कार्रवाई का दावा किया गया। इधर, अर्दली अबरार भी अब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका। साफ है कि यदि अर्दली पर कार्रवाई हुई तो तहसीलदार भी फंसेगा। ऐसे में उसकी आड़ में दोनों को बचाया जा रहा है।

वादी पर बनाया गया बयान न दर्ज कराने का दबाव
पहले वादी का साथी जेल चला गया। उसने मुकदमा दर्ज कराया तो उसे धमकाया गया। इसी के बाद वीरेंद्र ङ्क्षसह बिष्ट बयान दर्ज कराने में टालमटोल कर रहे थे। जब पुलिस ने उन्हीं पर कार्रवाई की चेतावनी दी तब कोतवाली पहुंचकर उन्होंने सीओ के सामने बयान दर्ज कराए।


मामले में वादी ने बयान में वहीं बातें दोहराई जो उसने एफआइआर में कहीं थी। साक्ष्य के तौर पर उसने वीडियो की सीडी भी सौंपी है। अब जल्द ही कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी।
- रोहित ङ्क्षसह सजवाण, एसएसपी

Posted By: Inextlive