पर्यवेक्षक पोर्टल पर अपलोड नहीं कर रहे सूचना, शोध प्रवेश प्रक्रिया अटकी
- शोध निदेशक ने दोबारा जारी किया आदेश, 31 जुलाई तक दिया मौका
-एमजेपीआरयू ने शोध गंगा पोर्टल पर अब तक 600 से अधिक थीसिस की है अपलोड बरेली : एमजेपीआरयू में शोध की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन कर दी गई है। इसके लिए आरयू ने शोध निदेशालय की वेबसाइट लांच की थी। वेबसाइट पर शोध पर्यवेक्षकों को लॉग इन-पासवर्ड भी दिए गए थे, लेकिन अब तक बहुत कम शोध पर्यवेक्षकों ने सूचनाएं अपलोड की हैं। इसके चलते प्रवेश प्रक्रिया अटकी हुई है। शनिवार को शोध निदेशक प्रो। सुधीर कुमार ने दोबारा पत्र जारी कर पर्यवेक्षकों को सूचना अपलोड करने को कहा है। इसके लिए अब 31 जुलाई तक का समय दिया गया है। तो आवंटित नहीं होंगे शोधार्थीएमजेपीआरयू ने शोध गंगा पोर्टल पर भी अब तक 600 से अधिक थीसिस अपलोड की जा चुकी हैं। शोध निदेशक प्रो। सुधीर कुमार ने बताया कि वेबसाइट की लां¨चग के साथ शोध सुपरवाइजर पर्यवेक्षकों की वर्चुअल बैठक की गई थी। बैठक में शोध से जुड़ी सभी समस्याओं को दूर करने के साथ ही पूरी शोध प्रक्रिया को ऑनलाइन करने पर सहमति बनी थी। इसके बाद शोध प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया था। इसके लिए शोध पर्यवेक्षकों को 30 जून को पत्र जारी कर उनका नवीनतम विवरण मांगा गया था, लेकिन सैटरडे तक कुछ ही शिक्षकों ने ही इसे पोर्टल पर अपलोड किया है। इसके चलते ही विवरण पोर्टल पर अपलोड करने का एक मौका और देते हुए इसका समय 31 जुलाई कर दिया गया है। सैटरडे को पत्र जारी कर शोध निदेशक प्रो। सुधीर कुमार ने कहा कि 31 जुलाई तक अगर सूचना प्राप्त नहीं होती है तो यह माना जाएगा कि शिक्षक शोध कार्य के लिए इच्छुक नहीं है। इसके बाद उन शिक्षकों को शोधार्थी आवंटित नहीं किए जाएंगे।
दूसरे संस्थानों के पर्यवेक्षक भी होंगे शामिल शोध निदेशक के मुताबिक वेबसाइट पर 315 शोध पर्यवेक्षकों का डाटा अपलोड कर दिया गया है। शोध पर्यवेक्षक ने अब तक कितनी रिसर्च की हैं, उनके अंतर्गत कितने छात्रों ने शोध की हैं, विदेश में उनकी शोध का क्या स्तर रहा है यह सभी जानकारी वेबसाइट पर देनी होगी। उन्होंने कहा कि नए पर्यवेक्षक भी जुड़ सकेंगे। इसके लिए उनका विभाग 10 साल पुराना और उन्हें कम से कम संस्थागत तौर पर दो वर्ष पढ़ाने का अनुभव हो। जल्द ही दिल्ली, उत्तराखंड व अन्य राज्यों के संस्थानों के भी शोध पर्यवेक्षक शामिल किए जाएंगे। इससे छात्र ऑनलाइन ही अपना पर्यवेक्षक अपनी सुविधा के हिसाब से चुन सकेगा।ऑनलाइन होगी आरईटी
एमजेपीआरयू जल्द ही शोध की प्रवेश परीक्षा (आरईटी-रिसर्च इंट्रेंस टेस्ट ) आयोजित करेगा। प्रवेश परीक्षा ऑनलाइन ही आयोजित कराई जाएगी। इस बार शोध छात्रों को तीन साल के लिए फेलोशिप भी दी जाएगी। इसके लिए उसे पढ़ाना आवश्यक होगा। अलग-अलग तरह की फेलोशिप पाने वाले छात्रों का सीधे प्रवेश लिया जाएगा। इसकी भी तैयारी की जा रही है। इसके लिए साक्षात्कार या अन्य कोई व्यवस्था की जाएगी।