डिजीटल इंडिया में ऑनलाइन बैंकिंग जितनी आसान और सुविधाजनक है उतनी ही ातरनाक ाी हो गई है. साइबर ठगों ने वर्तमान में अपना जाल फैला रखा है

बरेली (ब्यूरो)। डिजीटल इंडिया में ऑनलाइन बैंकिंग जितनी आसान और सुविधाजनक है, उतनी ही ातरनाक ाी हो गई है। साइबर ठगों ने वर्तमान में अपना जाल फैला रखा है। ये ठग दिन-प्रतिदिन ठगी के नए-नए फंडे अपना कर लोगों को शिकार बना रहे हैं। अब इन लोगों ने पलिक को ठगने के लिए नया फंडा अपना लिया है। अब ये लोगों को 140 से शुरू होने वाले फर्जी टोल फ्री नंबर से कॉल करते हैं और कॉल रिसीव होते ही अकाउंट खाली कर देते हैं।

पुलिस करेगी अवेयर
समय के साथ-साथ ये ठग ाी इतने एक्सपर्ट हो गए हैं कि अब कंपनियों की फर्जी वेबसाइट और टोल फ्री नंबर बना कर लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है। हालांकि जिले में ऐसा कोई भी मामला सामने नहीं आया है। बंगलोर, दिल्ली सहित कई बड़े नगरों में ऐसे 60 से अधिक मामले सामने आने के बाद बरेली पुलिस ाी एक्टिव हो गई है। जल्द ही आियान चला कर लोगों को जागरूक किया जाएगा। उन्हïें बताया जाएगा कि यदि आपके पास ऐसी कोई ाी कॉल आती हïै तो किसी हïाल में उस पर रिस्पॉन्स न करें, अन्यथा ठगी का शिकार हïो सकते हïैं।

ऐसे करते हैं ठगी
कुछ दिन पहले दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश भी किया था, जो 140 से शुरू होने वाले टोल फ्री नंबर से कॉल कर ााताधारक को फोन करता था। ााताधारक को क्रेडिट कार्ड का बिल जमा करने या उसकी ईएमआई टूटने पर छूट का लालच देते हैं। ऑनलाइन फॉर्म भेज कर उसमें क्रेडिट कार्ड का नंबर, सीवीवी व नाम सहित अन्य डिटेल भरवाते हैं।

कुछ सेकंड में अकाउंट खाली
जनपद में अब तक सब से अधिक मामले लिंक के माध्यम से ठगी के सामने आए हैं। साइबर ठग अलग-अलग कंपनी के लिंक ोजते हैं, जो फिशिंग लिंक होते हैं। इन पर क्लिक करते ही स्क्रीन शेयरिंग एप डाउनलोड हो जाता है। जब तक लोग समझ पाते हैं, तब तक उनका मोबाइल पे-वॉलेट हैक हो जाता है। इसके बाद साइबर ठग कुछ ही सेकेंड में बैंक ााता ााली कर देते हैं।

त्योहारी सीजन में एक्टिव
पुलिस के अनुसार साइबर ठग त्योहारी सीजन में सबसे ज्यादा एक्टिव रहते हैं। फिलहाल त्योहारी सीजन चल रहा है। इसी के चलते साइबर ठग ाी एक्टिव हो गए हैं और नए-नए फंडे अपना रहे हैं। साइबर ठग कंपनियों के फर्जी टोल फ्री नंबर बनाकर लोगों को मैसेज करते हैं और नए-नए ऑफर देकर लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। लोग यह जानकारी तक नहीं करते कि जो मैसेज आया है, वह कंपनी का है या फिर नहीं। ऐसे विज्ञापन सोशल साइट पर सबसे ज्यादा आते हैं।

बोले अधिकारी
बचाव के लिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। किसी ाी टोल फ्री नंबर से कॉल आने पर किसी ाी हïाल में कॉलर को व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। इस के साथ हïी अनजाने फोन कॉल्स अथवा ङ्क्षलक पर किसी भी सूरत में क्लिक न करें। इससे आप साइबर ठगी का शिकार हो सकते हैं। सावधानी हïी बचाव हïै।
मुकेश प्रताप ङ्क्षसह, एसपी क्राइम

Posted By: Inextlive