स्टूडेंट्स बढ़े पर पासिंग परसेंटेज घटा
यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटर में पिछले साल के मुकाबले कम स्टूडेंट्स हुए हैं पास
गर्ल्स की परफॉर्मेस हुई बेहतरBAREILLY: यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटर के रिजल्ट के आंकड़ों पर गौर करें तो इसके पीछे कई अनकही कहानियां छिपी हुई हैं। दूसरे बोर्ड के रिजल्ट का मुकाबला करने के लिए यूपी बोर्ड ने अपने एग्जाम पैटर्न, सिलेबस से लेकर मार्किंग में कई आमूलचूल बदलाव किए हैं। इसका नतीजा यह रहा कि हर वर्ष यूपी बोर्ड का रिजल्ट बेहतर होता गया। ना केवल ज्यादा मार्क्स पाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ी बल्कि ओवरऑल पासिंग पर्सेटेज में भी काफी इजाफा हुआ। पर पिछले दो वर्षो के रिजल्ट की तुलना करें तो स्टूडेंट्स की संख्या तो बढ़ी है लेकिन ओवरऑल पासिंग पर्सेटेज में अचानक ब्रेक लग गया है। वहीं गर्ल्स की पासिंग पर्सेटेज ने तेजी से छलांग लगाई है। स्टूडेंट्स की मेधा पर कोई शक व शुबह नहीं है, लेकिन आंकड़े पूरे एजूकेशन सिस्टम पर सवाल उठा रहे हैं।
लैपटॉप योजना के बाद बढ़े स्टूडेंट्सपिछले दो वर्षो में बरेली डिस्ट्रिक्ट में हाईस्कूल और इंटर में अपीयर होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में बढ़ोतरी तो हुई है लेकिन ओवरऑल पासिंग पर्सेटेज में कोई खास इजाफा नहीं हुआ है। वहीं हाईस्कूल के रजिस्टर्ड स्टूडेंट्स ही इंटर में एग्जाम देते हैं। प्राइवेट फॉर्म के जरिए एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स की संख्या फिक्स कर दी गई है। बावजूद इसके इंटर में अपीयर होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या हाईस्कूल के स्टूडेंट्स की संख्या कहीं ज्यादा है। मतलब साफ है कि स्टूडेंट्स को जैसे तैसे फॉर्म भरवाकर पास करा दिया जाता है। ये वो स्टूडेंट्स होते हैं, जिनको पास कराने के नाम पर दूर-दराज के स्कूल्स मैनेजमेंट ठेका ले लेते हैं। वर्ष ख्0क्फ् में फ्ब्,090 स्टूडेंट्स हाईस्कूल के लिए रजिस्टर्ड हुए। जिसमें से फ्0,ब्भ्ख् ही एग्जाम दे पाए। जबकि इस वर्ष फ्भ्,फ्ब्8 स्टूडेंट्स रजिस्टर्ड हुए और फ्क्,7ख्क् स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया। लैपटॉप की योजना के बाद इंटर में पास रजिस्टर्ड, अपीयर और पास होने वाले स्टूडेंट्स में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है। लास्ट ईयर इंटर में फ्भ्,फ्ब्8 स्टूडेंट्स रजिस्टर्ड हुए, जिसमें से फ्क्,7ख्क् स्टूडेंट्स अपीयर हुए। इस वर्ष ब्8,ब्0क् स्टूडेंट्स रजिस्टर्ड थे, जिसमें से ब्भ्,क्ब्ख् स्टूडेंट्स एग्जाम में अपीयर हुए। लास्ट ईयर हाईस्कूल में ओवरऑल 8ख्.89 स्टूडेंट्स पास हुए। जबकि इस बार पासिंग पर्सेटेज 8ख्.फ्फ् ही रहा। इंटर की भी यही कहानी है। लास्ट ईयर इंटर में 9ख्.8ख् पर्सेट स्टूडेंट्स पास हुए। जबकि इस वर्ष यह पासिंग पर्सेटेज 89.09 ही रहा। लास्ट ईयर और इस वर्ष के ही रिजल्ट की बात करें तो देहात के स्टूडेंट्स ने मेरिट लिस्ट में प्रमुखता और ज्यादा संख्या में अपनी जगह बनाई है। यह बात दीगर है कि डिस्िटक्शन और ऑनर्स से पास होने वाले स्टूडेंट्स की संख्या इन एरियाज में अपेक्षाकृत काफी कम है।
गर्ल्स की परफॉर्मेँस में उछालकिसी भी बोर्ड रिजल्ट में गर्ल्स की परफॉर्मेस ब्वॉयज से बेहतर ही होती है। चाहे वह मेरिट चार्ट में सशक्त रूप से जगह बनाने की बात हो या फिर ओवरऑल पासिंग पर्सेटेज की। हाल में गर्ल्स की परफॉर्मेस में अप्रत्याशित रूप से उछाल आया है। जाहिर सी बात है गर्ल्स की मेधा पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। वे ब्वॉयज से कहीं ज्यादा सिंसियर और हार्ड वर्किंग होती हैं, लेकिन फिर भी आंकड़े कुछ अनछुई कहानी बयां करते हैं। बोर्ड ने गर्ल्स के लिए स्वकेंद्र प्रणाली कर रखी है। वहीं प्राइवेट स्कूल्स खासकर दूर-दराज के अपनी परफॉर्मेस को सुधारने के लिए हर हद तक गिर जाते हैं। कॉपी चेकिंग के दौरान भी परीक्षकों ने इस बात को स्वीकारा कि एक ही सेंटर के सभी कॉपियों पर एक जैसे आंसर लिखे हुए थे। जो सामूहिक नकल की ओर इशारा करते हैं। लास्ट ईयर हाईस्कूल में 8क्.फ्0 पर्सेट ब्वॉयज पास हुए थे, जबकि गर्ल्स का पर्सेटेज 90.क्म् रहा। इस वर्ष 7म्.7क् पर्सेट ब्वॉयज पास हुए, जबकि 89.ख्भ् पर्सेट गर्ल्स पास हुई। वहीं लास्ट ईयर इंटर में 9भ्.भ्फ् पर्सेट ब्वॉयज पास हुए थे और गर्ल्स 9क्.क्म् इस बार इंटर में 8भ्.7फ् ब्वॉयज पास हुए जबकि गर्ल्स का पसिंग पर्सेटेज का आंकड़ा 9ब्.7म् तक पहुंच गया।
सुधरा गवर्नमेंट स्कूल्स का ग्राफगवर्नमेंट और एडेड स्कूल्स में सैलरी के नाम पर गवर्नमेंट करोड़ों रुपए खर्च करती है। बावजूद इनके स्कूल की परफॉर्मेस हर वर्ष गिरती गई। लेकिन अब इनके रिजल्ट में भी बड़ा सुधार देखा गया है। यहां तक कि स्टूडेंट्स मेरिट लिस्ट में भी आने लगे हैं। अब गवर्नमेंट स्कूल्स प्राइवेट को भी पछाड़ने लगे हैं। वो अलग बात है कि इक्का दुक्का स्टूडेंट ही हाई पर्सेटेज ले पाते हैं बाकी स्टूडेंट्स तो दूर-दूर तक उनके आसपास नहीं हैं। इस बार इंटर के रिजल्ट में गवर्नमेंट स्कूल्स के 9ब्.77 पर्सेट स्टूडेंट्स पास हुए, वहीं एडेड स्कूल्स के 9ब्.फ्8 स्टूडेंट्स। जबकि प्राइवेट स्कूल्स का रिजल्ट इनसे कम है। प्राइवेट के 9क्.फ्0 स्टूडेंट्स पास हुए हैं। इसके अलावा गवर्नमेंट और एडेड का कोई ऐसा स्कूल नहीं है, जिसका रिजल्ट ख्0 पर्सेट से कम हो। लेकिन प्राइवेट स्कूल्स की संख्या क्फ् हैं। वहीं हाईस्कूल में गवर्नमेंट स्कूल के 8क्.ख्ख्, एडेड स्कूल्स के 8ब्.87 और प्राइवेट के 8म्.ख्7 स्टूडेंट्स पास हुए हैं। क्7 गवर्नमेंट और ब् एडेड स्कूल्स ऐसे हैं जिनका रिजल्ट ख्0 पर्सेट से कम है। जबकि ख्0 पर्सेँट से भी कम रिजल्ट देने वालों में प्राइवेट स्कूल्स की संख्या ख्म् है।