स्कूलों के सामने लगा है गोबर का ढेर

एक कमरे में चल रही हैं कक्षाएं

जर्जर स्कूल के मलबे से निकलते हैं सांप-बिच्छू

BAREILLY:

बेसिक शिक्षा की बदतर स्थिति खुली किताब की तरह दिखायी दे रही है। स्कूलों में बच्चे जान जोखिम में डालकर स्टडी कर रहे हैं। कहने के लिए इन स्कूलों में बच्चों को क्वॉलिटी बेस्ड एजुकेशन दिया जा रहा है, लेकिन सच बच्चे ही बयां कर रहे हैं। प्राइमरी शिक्षा ले रहे बच्चे तो नादान हैं, लेकिन वह अच्छाई-बुराई को बेहतरी से समझ रहे हैं। ट्यूजडे को आई नेक्स्ट ने गंगापुर सेकंड व सूफी टोला फ‌र्स्ट का जायजा लिया तो कुछ इस तरह की समस्याएं सामने आयीं

प्राइमरी स्कूल सूफीटोला-क् किराये के भवन में चल रहे इस स्कूल का पिछला हिस्सा ढह चुका है, जिसकी वजह से ब्फ् बच्चों का ये स्कूल केवल एक कमरे में संचालित हो रहा है। क्लास की फर्श ऊबड़-खाबड़ ईंटों की है, जिस पर अक्सर बच्चों कों पैर में ठेंस लगती है। सबसे बुरा पहलू यह है कि स्कूल के बाहर गोबर का ढेर लगा हुआ है। स्कूल की बाउंड्री ढह जाने के कारण लोगों के खेलने और कूड़ादान की जगह बन चुका है।

एक कमरे में लगती हैं पांच क्लास

इस स्कूल में घुसते ही कमरे में दस लाइनों में बैठे बच्चों को देखकर एक बारगी लगा कि हर क्लास में अच्छी तादाद में बच्चे मौजूद है। लेकिन असल में ये दस लाइनें एक क्लास की नही, बल्कि इनमें पांच कक्षाएं पढ़ाई जा रही है। इस स्कूल के इंचार्ज टीचर का कहना है कि कमरा छोटा है इसलिए सभी बच्चों को एक साथ बैठाकर पढ़ाना पड़ता है। दो-दो लाइनों में एक-एक क्लास के बच्चे बैठा रखे है। बच्चों को पढ़ने में उलझन तो होती ही है, लेकिन क्या कर सकता हूं।

किराये की जमीन पर पड़ोसी करने लगे अतिक्रमण

किराये की बिल्डिंग में चल रहे इस स्कूल की बाउंड्री टूट चुकी है, जिससे पड़ोसियों ने इस स्कूल की खाली पड़ी फील्ड में अपने जानवर बांधना और गोबर इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही लोगों ने इसे पार्किंग एरिया भी बना रखा है। इंचार्ज ने बताया कि विभाग की ओर से स्कूल का किराया केवल फ्क् रुपये दिया जाता है इसलिए मकान मालिक अपनी इस जमीन पर ध्यान नही देता, और पड़ोसी मेरी बात नही सुनते।

बैठने के लिए नही है फर्नीचर, न बिजली-न पानी की फैसिलिटी

इस स्कूल में बच्चे जमीन पर बिछी चटाइयों पर बैठे मिले, फर्नीचर के नाम पर मास्टर साहब की एक प्लास्टिक की कुर्सी और एक मेज है। स्कूल में न तो बिजली की व्यवस्था है और पीने के पानी के लिए हैंड पंप भी नही लगा हुआ है।

दो कमरों में से एक सालों पहले ढह चुका है, इसलिए एक ही कमरे में स्कूल चलाना पड़ रहा है। अलग-अलग क्लास के बच्चे है तो एक साथ पढ़ाने में दिक्कत तो आती है, लेकिन क्या कर सकता हूं। यहां नल नही होने से सबसे ज्यादा दिक्कत होती है।

- सफीद अहमद खां, इंचार्ज, प्राइमरी स्कूल सूफीटोला-क्

स्कूल के टूटे हुए कमरे में से कई बार सांप बिच्छू निकल आते है। हम सारे बच्चे एक ही कमरे में पढ़ते है, जब सर हमारी क्लास को पढ़ाते है तो दूसरे क्लास वाले बच्चे बहुत शोर मचाते है। कुछ समझ नही आता।

- मोहम्मद अली, क्लास-ब्

खाना खाने के बाद पानी पीने के लिए दूर गली में लगे हैंड पंप तक जाना पड़ता है, स्कूल में नल नही है। जमीन पर बैठकर पढ़ते है अब ठंड लगने लगी है.,

- मुस्कान, क्लास-फ्

प्राइमरी स्कूल गंगापुर-ख्

किराये की बिल्डिंग में चल रहे इस स्कूल के कमरे जर्जर स्थिति में होने के कारण बच्चों की क्लासेस टिन के नीचे लगाई जा रही है। कोई कमरा न होने से बच्चे बारिश और कड़क सर्दियों में भी यही बैठकर पढ़ते है। स्कूल में एक प्रिंसिपल और एक शिक्षामित्र नियुक्त है।

कमरा टूटने के बाद स्कूल टिन के हवाले

इस किराये की बिल्डिंग के दो कमरों में स्कूल संचालित था, लेकिन करीब पांच साल पहले इसके जर्जर होने के बाद बाहर के बरामदे में टिनशेड डलवा कर स्कूल को चलाया जा रहा है। प्रिंसिपल ने बताया कि उनकी नियुक्ति के पहले से ही इस स्कूल को टिनशेड के नीचे शिफ्ट कर दिया गया। यहां टोटल ब्ख् बच्चे रजिस्टर्ड है।

बेसिक जरूरतों से महरूम बिल्डिंग में पढ़ रहे नन्हे-मुन्हें

टिन शेड में चल रहे इस स्कूल में बिजली तो दूर नल तक की व्यवस्था नही है। टिनशेड के नीचे सभी क्लास के बच्चे एक साथ बैठे मिले। कक्षा एक से लेकर पांच तक के बच्चों को कम जगह होने के चलते एक साथ मिलाकर बैठा दिया जाता है।

कमरे टूट चुके है जिसके वजह से बच्चे टिन के नीचे बैठ रहे है। स्कूल किराये की बिल्डिंग में है इसलिए निर्माण कार्य कराने का हक विभाग को नही। हम कई बार बच्चों के टिन के नीचे पढ़ते की शिकायत विभाग तक पहुंचा चुके है। बरामदे में सभी क्लास एक साथ चलाने में बड़ी परेशानी होती है।

- फरहान अफजल, प्रिंसिपल, प्राइमरी स्कूल गंगापुर-ख्

टिन के नीचे बैठना पड़ता है, ठंड में जब धूप निकलना बंद हो जाती है तो बहुत सर्दी लगती है। बारिश में पानी टिन के अंदर तक आ जाता है।

- रौशनी, क्लास-फ्

पानी के लिए नल नही है, पानी की बोतल लेकर आते है लेकिन बोतल का पानी खत्म हो जाने के बाद पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। सारी क्लास एक साथ चलती है तो परेशानी होती है।

- ज्योति, क्लास-भ्

Posted By: Inextlive