- कलेक्ट्रेट गेट पर आत्मदाह के प्रयास की सूचना से मचा हड़कंप

- महिला ने डीएम को पहले ही आत्मदाह की दे दी थी सूचना

- स्थानीय पुलिस और प्रशासन के आश्वासन से तंग आ चुकी थी महिला

BAREILLY:

ससुराल वालों के उत्पीड़न और प्रशासन की अनदेखी से बेबस, लाचार महिला ने अपनी दो बेटियों संग मंडे को कलेक्ट्रेट गेट पर आत्मदाह का प्रयास किया। महिला ने अपने साथ-साथ दो बेटियों पर मिट्टी का तेल छिड़क लिया। इससे वहां हड़कंप मच गया। पुलिस ने तुरंत महिला को हिरासत में लेकर कोतवाली भेज दिया। पुलिस ने महिला पर आत्मदाह का प्रयास करने पर धारा फ्09 के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे और दोनों बेटियों को परिजनों के हवाले कर ि1दया है।

कलेक्ट्रेट में मची अफरातफरी

सुबह करीब क्0.फ्0 शिकायत लेकर कस्बा व थाना शेरगढ़ बाजार रोड निवासी शमशुल निशा डीएम के पास पहुंची। मिलने में देर होने पर वह चीखने-चिल्लाने लगी। मौके पर तैनात पुलिस ने महिला को परिसर के बाहर निकाल दिया। इसके बाद करीब क्क् बजे उसने गेट पर अपनी दो बेटियों क्ब् वर्षीय नेहा और क्ख् वर्षीय निशा संग मिट्टी का तेल छिड़कना शुरू कर दिया। तभी वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने महिला के हाथ से बोतल छीनकर कब्जे में ले लिया। इतने में वहां काफी संख्या में लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई।

आत्मदाह की दी थी चेतावनी

शमशुल निशा ने ख्9 जनवरी को डीएम को सौंपे प्रार्थना पत्र में अपनी पीड़ा व्यक्त की थी। उसने देवर के पास मौजूद ट्रक मय किराए समेत लौटाने की मांग की थी। कहा था कि यदि प्रशासन कोई एक्शन नहीं लेता है तो ख् फरवरी को दोनों बेटियों संग कलेक्ट्रेट गेट के सामने आत्मदाह करने को मजबूर होगी। उसका कहना था कि आत्मदाह की जिम्मेदारी पूर्व चेयरमैन और पुलिस प्रशासन की होगी। बावजूद इसके मामले में क् फरवरी तक प्रशासन की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया। जिसके चलते उसने ऐसा कदम उठाया।

तीन दिनों से नहीं हुआ खाना नसीब

शमशुल निशा ने बताया कि उन्हें तीन दिनों से खाना नसीब नहीं हुआ है। बद से बदतर हालात हो गए हैं। ऐसे में आत्मदाह के अलावा कोई और रास्ता नजर ही नहीं आ रहा था। शमशुल निशा के अनुसार करीब आठ माह पूर्व उसके पति रईस अहमद की बीमारी के चलते मौत हो गई थी। पति निजी ट्रक चलाकर परिवार का पालन पोषण करता थे, लेकिन उनकी मौत के बाद शमशुल निशा ने ट्रक देवर समीर अहमद को ख्0 हजार रुपए मासिक किराए पर चलाने को दिया था। करीब म् महीना बीत जाने के बाद भी समीर ने किराया नहीं दिया है और उसे घर से बाहर निकाल दिया। इसके चलते वह दोनों बेटियों के साथ मायके शाही में रह रही थी।

न्याय के लिए भटकती रही पीडि़ता

महिला ने बताया कि मामले की जानकारी और उचित कार्रवाई के लिए उसने तीन बार थाना शेरगढ़ में प्रार्थना पत्र सौंपा था, लेकिन पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई ़ साथ ही एसओ के सामने ही प्रतिवादियों की ओर से अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए थाने से बाहर निकाल दिया गया था। क्7 नवंबर को महिला ने शेरगढ़ के एसओ के खिलाफ एसएसपी को शिकायती पत्र सौंपा, जिसमें एसओ ने शिकायतों के बावजूद एक्शन नहीं लिया। इसके अलावा पीडि़ता शमशुल निशा ने डीएम, एसएसपी के अलावा डीआईजी, आईजी, एडीएम को प्रार्थना पत्र और मुख्यमंत्री को 9 जनवरी क्भ् को फैक्स के माध्यम से न्याय की गुहार लगाई थी।

Posted By: Inextlive