पुलिस संरक्षण में चल रहा पशु तस्करी का गोरखधंधा
-शासन की सख्ती के वाबजूद जारी है प्रतिबंधित पशुओं की तस्करी
-पुलिसकर्मी पशु तस्करों से गाड़ी पास कराने का ठेका लेते हैं BAREILLY: पशु तस्करी और गौकशी पर रोक लगाने के लिए शासन से सख्त निर्देश हैं, लेकिन जब पुलिस ही इस काम में पशु तस्करों का हेल्प करने लगेगी तो इस पर लगाम कैसे लग सकती है। कमिश्नर, डीआईजी और डीएम की सख्ती के बावजूद बरेली में पशु तस्करी जारी है। इस काम को पुलिसकर्मियों की हेल्प से बड़े आराम से अंजाम दिया जा रहा है। पुलिसकर्मी गाड़ी को पास कराने का ठेका लेते हैं। मीरगंज में भी इसी तरह का मामला भी पकड़ में आया। सीओ मीरगंज इसकी जांच भी कर रहे हैं। एक बॉर्डर से दूसरे बॉर्डर तकज्यादातर प्रतिबंधित पशु बरेली के रास्ते रामपुर कटान के लिए ले जाए जाते हैं। बरेली में ज्यादातर गाडि़यों की इंट्री फतेहगंज पूर्वी थाना एरिया से स्टार्ट होकर मीरगंज थाना एरिया में समाप्त होती है। इस दौरान फरीदपुर, बिथरी, कैंट, बारादरी, कोतवाली, किला, सीबीगंज, फतेहगंज पश्चिमी और मीरगंज थाना का एरिया पड़ता है।
फतेहगंज पूर्वी से ही शुरू हो जाता है खेलसोर्सेस के अनुसार पशु तस्करों को पास कराने का खेल फतेहगंज पूर्वी थाना से ही शुरू हो जाता है। इस थाने में तैनात पुलिसकर्मी पशु तस्करों से गाड़ी पास कराने का ठेका लेते हैं। उसके बाद रास्ते में पड़ने वाले सभी थानों, चौकियों और चौराहों से पास कराने का जिम्मा होता है। गाड़ी को पास कराने के लिए पुलिसकर्मी स्वयं आगे-आगे लग्जरी गाड़ी में चलते रहते हैं।
हर गाड़ी का अलग होता है रेट पशु तस्करों की गाड़ी पार कराने का रेट पहले से तय होता है। हर गाड़ी का रेट अलग होता है। अगर ट्रक या बस होती है तो उसके भ्0-भ्भ् हजार रुपये, डीसीएम या मिनी ट्रक के फ्0-फ्भ् हजार और छोटा हाथी के क्0-क्भ् हजार रुपए लिए जाते हैं। तस्करी के नए-नए तरीके पशु तस्कर तस्करी के लिए हमेशा नए-नए तरीके इस्तेमाल करते हैं। अगर ट्रक में पशुओं को भरकर ले जाया जाता है तो इसके लिए ट्रक को पीछे से पूरी तरह से कवर कर दिया जाता है। इसके अलावा कई बार पीछे के हिस्से में सब्जी या अन्य सामान भी भर दिया जाता है। कुछ दिनों पहले मीरगंज में लग्जरी बस में पशु तस्करी का मामला पकड़ में आया था। बस की सीटें कटी हुई थीं और इसके शीशों को पर्दे से ढका गया था।तस्करों पर लगाम लगाने के लिए म् टीमें
जिलों में प्रतिबंधित पशुओं की तस्करी और गोकशी पर रोक लगाने के लिए डीएम ने एसडीएम, सीओ व पुश चिकित्सक की टीमें गठित की गई हैं। टीमों का गठन डीआईजी के निर्देश पर टीमों के बीच कोआर्डिनेशन बनाने के लिए किया गया है। इसके पीछे दूसरा मकसद कानून व्यवस्था को बरकरार रखना भी है। ये टीमें तहसील लेवल पर बनायी गई हैं। फतेहगंज पश्चिमी मामले में सीओ आज सौंपेगे रिर्पोट फतेहगंज पश्चिमी में लग्जरी बस से पशु तस्करी कराने के मामले में सीओ की जांच में पांच पुलिसकर्मियों के नाम सामने आए हैं। सीओ मीरगंज की जांच में तीन सिपाही बरेली, एक सिपाही बदायूं और एक बर्खास्त सिपाही का नाम आया है। फ्राइडे को सीओ अपनी जांच रिपोर्ट सौंप देंगे। पशु तस्करी का मामला संडे को पकड़ में आया था, जिसमें लग्जरी बस में पशुओं को पास कराया जा रहा था। पुलिस ने एक लग्जरी कार पकड़ी थी लेकिन बस निकल गई थी। जांच में बस बर्खास्त सिपाही हबीब की निकली थी। वहीं फ्0 अगस्त को मीरगंज में लग्जरी बस में गोकशी के आरोपी चबन्नी, इमरान और राजू की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं।