रिश्वतखोरों की बंद होगी 'दुकान'
-ट्रांसफर कराने और रुकवाने के नाम पर पुलिस वालों से ऐंठ रहे रुपए
-पुलिसकर्मी आईजी ऑफिस में प्रत्येक ट्यूजडे सीधे बता सकेंगे परेशानी BAREILLY: ट्रांसफर कराने और रुकवाने वाले दलालों पर लगाम कसने के लिए आईजी विजय सिंह मीना ने पुख्ता प्लानिंग की है। पुलिसकर्मियों को ट्रांसफर के लिए अब किसी भी दलाल के चक्कर में नहीं पड़ना होगा। पुलिसकर्मी प्रत्येक मंगलवार सीधे आईजी से मिलकर प्रॉब्लम बता सकते हैं। प्रॉब्लम सही हुई तो समाधान हो जाएगा। लास्ट वीक में आईजी ने करीब फ्भ् पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर से जुड़ी प्रॉब्लम सुनी थी। बॉर्डर स्कीम के तहत हुई प्रॉब्लमबॉर्डर स्कीम के तहत बरेली डिस्ट्रिक्ट से ही करीब क्000 पुलिसकर्मियों को दूसरे जिलों में ट्रांसफर कर भेजा गया था। ऐसे में अचानक शहर चेंज करने से उनके सामने मुश्किलें खड़ी हो गई। कुछ पुलिसकर्मियों ने हाईकोर्ट से स्टे करा लिया, लेकिन सभी का हाईकोर्ट में जाना मुनासिब नहीं समझा। पुलिसकर्मियों की प्रॉब्लम को देखते हुए शासन ने आईजी और डीआईजी को समाधान करने का निर्देश दिया। बस फिर क्या था विभाग में बैठे दलालों ने इसका फायदा उठाकर अधिकारियों से मिलवाने के लिए रिश्वखोरी करना शुरू कर दिया।
ऑफिस से जुड़े लोग ही होते हैंअधिकारियों से डायरेक्ट मिलने से पुलिसकर्मी घबराते हैं। ऐसे में अधिकारियों से मिलने के लिए वो किसी न किसी अधिकारी के ऑफिस के बाबू या अन्य स्टाफ से संपर्क करते हैं। या फिर किसी नेता के चक्कर में पड़ जाते हैं। पुलिसकर्मियों से ट्रांसफर के नाम पर हजारों रुपये वसूल लेते हैं। अगर ट्रांसफर हो गया तो उन्होंने करा दिया अगर नहीं हुआ तो फिर नए-नए बहाना बनाते हैं।
सिर्फ एसएसपी की चािहए परमीशन आईजी जोन बरेली विजय सिंह मीना के अंडर में दो रेंज है। इन दोनों रेंज में बॉर्डर स्कीम के तहत ट्रांसफर हुए पुलिसकर्मियों की संख्या काफी अधिक है। आईजी से मिलने से पहले पुलिसकर्मी को सिर्फ अपने एसएसपी के सामने पेश होकर आईजी के यहां पेश होने की परमीशन लेनी होगी। एसएसपी की परमीशन के बाद उन्हें एक अप्लीकेशन आईजी पीआरओ को देनी होगी। आईजी पीआरओ उस अप्लीकेशन के साथ निर्धारित दिन ट्यूजडे को पेश करेंगे। आईजी के सामने पेश होने पर उसे अपनी प्रॉब्लम बतानी होगी। ट्रांसफर के लिए पुलिसकर्मी दलालों के चक्कर में पड़ जाते हैं। पुलिसकर्मियों को कोई प्रॉब्लम न हो इसके लिए प्रत्येक ट्यूजडे को वह सीधे अपनी प्रॉब्लम लेकर मेरे सामने आ सकते हैं। विजय सिंह मीना, आईजी बरेली