लड़की हूं इसलिए लावारिस छोड़ दिया!
सीबीगंज में ठंड से सिकुड़ी मिलीबेबी ट्यूजडे दोपहर सीबीगंज के सर्वोदय नगर में रोड किनारे पड़ी थी। रास्ते से गुजरने वालों की जब उस पर नजर पड़ी तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने देखा कि बच्ची की सांसे चल रही हैं। वहां मौजूद ताहिर व सत्येंद्र वीर सिंह ने बच्ची को करीब सवा दो बजे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराया। उसे इमरजेंसी में बच्चा वार्ड की चाइल्ड केयर यूनिट में एडमिट किया गया। हॉस्पिटल के रजिस्टर में उसका नाम बेबी अज्ञात लिखा गया है। उसकी उम्र अभी बस एक दिन की है। उसका ऊपर वाला लिप कटा हुआ है। 24 घंटे हैं क्रिटिकल
चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ। सागर की देख-रेख में उसका इलाज किया जा रहा है। नर्स व आया उसकी पूरी केयर कर रही हैं। डॉक्टर का कहना है कि जब बच्ची हॉस्पिटल में आई थी तो कांप रही थी। बारिश व ठंड की वजह से पूरी तरह से ठंडी पड़ गई थी। बच्ची की कंडीशन क्रिटिकल बनी हुई है। उसे वॉर्मर में रखा गया है। 24 घंटे ऑब्जर्वेशन के बाद ही बेबी की कंडीशन के बारे में कुछ कहा जा सकता है। कई लोग लेना चाहते हैं गोद
बच्ची को हॉस्पिटल में एडमिट हुए कुछ ही घंटे हुए हैं लेकिन उसे गोद लेने वाले कई लोग सामने आ गए हैं। सीबीगंज के ही रहने वाले मुन्नवर खां उसे रात में देखने हॉस्पिटल पहुंचे। उनका कहना है कि अल्लाह ने उनकी गोद 12 साल से सूनी रखी है। वह बच्ची को गोद लेना चाहते हैं। वहीं मथुरापुर की रहने वाली बबली ने बताया कि उसकी भाभी शशि को 10 साल से कोई बच्चा नहीं हुआ है। वह बच्ची को गोद लेना चाहती हैं। उन्होंने पुलिस से भी बात कर ली है और वेडनसडे को सीबीगंज थाना पुलिस ने उन्हें कागजी कार्रवाई के लिए बुलाया है। क्या पिंकी की तरह मिलेगी पहचानहॉस्पिटल में एडमिट एक दिन की बच्ची की तरह ही मिर्जापुर की पिंकी का भी ऊपर वाला लिप कटा हुआ था। पिंकी के पेरेंट्स गरीब थे। वे उसका होंठ कटा होने के चलते उसे ठीक नहीं मानते थे। अचानक एक सोशल वर्कर की मदद मिली और ट्रीटमेंट के बाद पिंकी ठीक हो गई। पिंकी पर 'स्माइल पिंकी' नामक डॉक्युमेंट्री बनी थी, जिसने कई अवॉर्ड अपने नाम किए। क्या पिंकी की तरह इस बच्ची को भी पहचान मिल सकेगी।