Bareilly: मुस्कुराने की कोशिश तो की थी मगर पलकों पर थोड़ी सी नमी रह गई दर्द मुझसे मिलकर रोता रहा और इंसानियत थोड़े से फासले से देखती रही... किसी शायर की यह पंक्तियां जंक्शन पर पड़ी उस 60 वर्षीय वृद्धा पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं जिसकी मदद करने के बजाए जंक्शन स्टाफ ने उसे जबरदस्ती त्रिवेणी एक्सप्रेस में चढ़ा दिया. वृद्धा काफी दिनों से प्लेटफॉर्म नंबर एक पर बीमार अवस्था में पड़ी हुई थी लेकिन किसी ने उसे हॉस्पिटल में एडमिट तक नहीं कराया.


पार्सल विभाग के पास थीकई दिनों से जंक्शन पर बीमार महिला के बारे में स्टेशन के तमाम ऑफिसर्स को पता था। फ्राइडे को वृद्धा पार्सल विभाग के पास ही पड़ी थी। जब जंक्शन के ऑफिसर्स को लगा कि इसके बचने की संभावना अब न के बराबर है और उसके शरीर से आती बदबू असहनीय हो गई तो उन्होंने उसे त्रिवेणी एक्सपे्रस में चढ़ा दिया। प्लेटफॉर्म पर मौजूद मुश्ताक ने बताया कि ट्रेन प्लेटफॉर्म से चल चुकी थी लेकिन ट्रेन को रुकवाकर जंक्शन स्टाफ ने उस वृद्धा को गाड़ी में चढ़ाकर रवाना कर दिया। ताकि अगर वह मरे तो उसके पोस्टमार्टम का खर्चा उन्हें न उठाना पड़े। वृद्धा को ट्रेन में बैठा देने से भले ही रेलवे ऑफिसर्स की जीत हुई हो लेकिन इंसानियत जरूर हार गई। स्टेशन अधीक्षक आदिल जिया सिद्दीकी से कॉन्टेक्ट करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन आउट ऑफ कवरेज था।

Posted By: Inextlive