GM नहीं रुके पर trains घंटों रुकीं
परेशान रहे passengers
जीएम वीके गुप्ता की स्पेशल ट्रेन से सबसे ज्यादा परेशानी पैसेंजर्स को हुई। स्पेशल ट्रेन को लाइन क्लियर देने के लिए प्लेटफॉर्म नंबर एक पर सियालदाह जम्मूतवी एक्सपे्रस को करीब 50 मिनट देरी से खुली। वहीं प्लेटफॉर्म नंबर तीन पर खड़ी बरेली प्रयाग जौनपुर एक्सपे्रस के खुलने का टाइम साढ़े 3 बजे है लेकिन जीएम स्पेशल ट्रेन की वजह से इसे भी समय पर नहीं खोला गया। लिहाजा गर्मी ने पैसेंजर्स को ऐसा परेशान किया कि सभी ट्रेन से उतर कर प्लेटफॉर्म पर घूमते नजर आए। दोनों ट्रेनों के बीच से गुजरी जीएम स्पेशल ट्रेन जंक्शन पर नहीं रुकी और ट्रेन आगे निकल गई। जीएम की ट्रेन बरेली जंक्शन से दोपहर 3.30 बजे प्लेटफॉर्म नंबर दो से गुजर गई और इसके बाद ही ऑफिसर्स की जान में जान आई। जीएम स्पेशल ट्रेन के चले जाने के काफी देर बाद दोनों ट्रेन को प्लेटफॉर्म से जाने की अनुमति मिल सकी।GM साहबआते रहना
थर्सडे को जिसने भी बरेली जंक्शन पर कदम रखा, उसके मुंह से अपने आप निकला वाह। जंक्शन एकदम बदला-बदला सा दिखा। चकाचक साफ-सफाई थी। हर जगह डस्टबिन थे। ट्रेन की इंफॉर्मेशन वाला एलसीडी डिस्प्ले प्रॉपरली काम कर रहा था। पैसेंजर्स चौंके तो पर खुश हो गए। सभी के मन में बस एक ही सवाल था कि अचानक जंक्शन को क्या हो गया। जब पता चला कि ये चमत्कार जीएम साहब के आने की खबर से हुआ है तो सभी बोले कि जीएम साहब ऐसे ही आते रहना।6 महीने बाद लगा LCD displayदरअसल जीएम वीके गुप्ता के आने की सूचना पर कई दिनों से स्टेशन को चमकाने की कवायद चल रही थी, जो थर्सडे को चरम पर दिखी। जीएम के आने से कुछ ही देर पहले मेन गेट पर ट्रेनों की जानकारी देने वाला एलसीडी डिस्प्ले चालू हो गया। यह खराब हो गया था तो हटा लिया गया था। करीब छह महीने बाद इसे लगाया गया। स्टेशन को चमकाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई थी। जगह-जगह पान खाकर थूकने के निशान मिटाने के लिए रंग-रोगन का सहारा लिया गया। स्टेशन पर जितने भी वेंडर थे उनको स्टॉल के पास प्लास्टिक के नए कूड़ेदान रखने के निर्देश दिए गए थे, जिसका पूरा पालन किया गया।Train आई और चली गई
स्टेशन मैनेजर आदिल जिया सिद्दीकी के पास बने कमरे में स्टेशन के बड़े ऑफिसर्स जीएम के निरीक्षण के बाबत रणनीति बनाने में जुटे थे। लेकिन लास्ट में हुआ वही जिसकी कामना ऑफिसर्स कर रहे थे। जीएम वीके गुप्ता की ट्रेन आई और चली गई। मतलब यह कि उन्होंने स्टेशन पर विजिट नहीं की। ऑफिसर्स ने राहत की सांस ली। पर पैसेंजर्स ने जीएम साहब को बहुत दुआएं दीं।