समर्स का सॉलिड कमबैक, बरेलियंस को लगा 40 डिग्री का झटका
- हफ्ते भर में पारे ने दर्ज किया 16.2 डिग्री की उछाल
- नेक्स्ट वीक 42 डिग्री पार कर सकता है टेंप्रेचरBAREILLY: नर्म दिन बीते रे भइयागर्म दिन आयो रेजी हां बरेलियंस आजकल कुछ यही गाना गा रहे हैं। अब तक अप्रैल आने के बाद भी गर्मी के प्रकोप से बचे रहे बरेलियंस को फाइनली समर्स के सॉलिड कमबैक का सामना करना पड़ गया है। एक हफ्ते पहले तक ठंडा-ठंडा कूल-कूल फील कर रहे लोगों के अब पसीने छूटने लगे हैं। पारे ने एक वीक में ही क्म्.ख् डिग्री का उछाल दर्ज करके टेंप्रेचर का मैक्सिमम टॉर्चर देना शुरू कर दिया है। बढ़ती गर्मी की वजह से सिटी की रोड्स पर भी सन्नाटा छाने लगा है। एक्सपर्ट्स की मानें तो हाल ही में हुए वेस्टर्न डिस्टर्बेस की वजह से बारिश हुई, जिससे पारे ने भारी गिरावट दर्ज कर कई वर्षो का रिकॉर्ड तोड़ दिया। लेकिन हफ्ते भर में टेंप्रेचर में हुई यह बढ़ोत्तरी भी अपने में रिकॉर्ड है। इस सब के बीच करीब 7 किमी की रफ्तार से चल रही धूल भरी आंधियां भी बरेलियंस पर और कहर छा रही हैं। नेक्स्ट वीक तक मैक्सिमम टेंप्रेचर ब्ख् डिग्री को भी पार कर सकता है। संडे को सिटी का मैक्सिमम टेंप्रेचर और मिनिमम टेंप्रेचर डिग्री रिकॉर्ड किया गया।
गर्मी से बेहाल बरेलियंस
एक हफ्ते पहले तक अप्रैल के महीने में भी मौसम के नर्म रुख का मजा ले रहे बरेलियंस की खुशी कुछ दिन की ही साबित हुई है। जैसे ही बादलों ने आसमान का साथ छोड़ा वैसे ही सूरज अपने गुस्सैल अवतार में आ गया। बस फिर क्या था तेज धूप और चिलचिलाती गर्मी ने बरेलियंस को तपाना शुरू कर दिया। अब आलम ये है कि लोग अपने घरों से निकलने में भी घबरा रहे हैं और धूप की तेजी देखकर सभी शाम में ही अपने जरूरी कामों को निपटाना बेहतर समझ रहे हैं। वेदर एक्सपर्ट की मानें तो सिटी से बादलों के जाने से अब गर्मी बढ़ रही है। साथ ही फसलों का कट जाना भी कुछ हद तक जिम्मेदार है क्योंकि फसलों से ह्यूमिडिटी बरकरार रहती है। इससे तेज धूप में भी गर्मी का अहसास काफी कम होता है। बचने के लिए कई जतनपारे का ग्राफ बढ़ने के साथ ही लोगों ने गर्मी से बचने के लिए भी कई जतन करना शुरू कर दिए हैं। सारे स्टाइलिश आउटफिट्स छोड़ बरेलियंस अब कॉटन वियर्स पर आ गए हैं। वहीं कलरफुल अंबै्रला और सनग्लासेस भी उनकी धूप से बचने में हेल्प कर रहे हैं.वहीं अपने माइंट को रिफ्रेश और कूल रखने के लिए लोग कोल्डड्रिंक्स, गन्ने का जूस, आइसक्रीम और आम पना जैसी ड्रिंक्स को जमकर पी रहे हैं। डॉ। जेके भाटिया ने बताया कि लोगों को तेज धूप से बचने के सभी जतन करने चाहिए। स्किन को सनबर्न से बचाने के लिए फुल स्लीव शर्ट्स पहनें। ब्वॉयज बाइक चलाते समय हेलमेट और गर्ल्स दुपट्टे से फेस कवर रखें।
कुछ उम्मीद बरकरार बढ़ रहे पारे से झुलसते बरेलियंस के लिए थोड़ी राहत की उम्मीद भी है। एक्सपर्ट्स की मानें तो सिटी में अब भी थोड़ी ह्यूमिडिटी बरकरार है। हाल ही में हुई बारिश की वजह से सिटी में ह्यूमिडिटी करीब 90 परसेंट तक पहुंच गई थी। वहीं वेस्टर्न डिस्टर्बेस की वजह से दिल्ली, हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान और हिल्स एरिया में जमकर बारिश हुई। इसलिए हो सकता है कि इस ओर से चल रही हवा अपने साथ सिटी में नमी लेकर आए, जिससे यहां भी बौछारे पड़ें। वेदर एक्सपर्ट डॉ। एचएस कुशवाहा के अनुसार वेस्टर्न डिस्टर्बेस से पिछले दिनों बारिश हुई थी, लेकिन अब इनका दोबारा आना थोड़ा मुश्किल है। हालांकि कभी-कभार हल्के बादल छा सकते हैं। बावजूद इसके टेंप्रेचर इंक्रीज करेगा। वहीं तेज हवा आंधी में बदलकर कुछ राहत दे सकती है।अप्रैल मैक्सिमम मिनिमम
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क्9 ख्ब्.0 क्भ्.8 नोट-टेंप्रेचर डिग्री सेल्सियस में है आसमान साफ होने की वजह से पारे ने हफ्ते भर में क्म्.ख् डिग्री तक की उछाल दर्ज की है। ऐसे में गर्मी का बढ़ना स्वावभाविक है। डॉ। एचएस कुशवाहा, वेदर एक्सपर्ट