हूटर बिकते हैं और लगते हैं, ट्रैफिक पुलिस रोकने से मजबूर
बरेली (ब्यूरो)। सिटी की किसी भी बिजी रोड पर अगर आपको हूटर की आवाज सुनाई दे तो वह इमरजेंसी सेवा का वाहन हो, यह जरूरी नहीं। क्योंकि जिले में फर्जी का रौब गांठने वालों की भी कमी नहीं है। रौब गांठने के लिए लोग अपने वाहनों में हूटर लगवा लेते हैं और कहीं पर भी बिजी वाले एरिया में उस हूटर को बजा देते हैं। यह पुलिस की लापरवाही कहें या फिर मेहरबानी, जो शहर में धड़ल्ले से हूटर लगे वाहन दौड़ रहे हैं। हालांकि इस बारे अफसरों का कहना है कि पकड़े जाने पर वह चालान की कार्रवाई करते हैं, लेकिन हूटर कौन बेच रहा है और कौन अपने वाहन में लगवा रहा है, इस पर उनका कोई होल्ड नहीं होता है। ट्रैफिक पुलिस की यह मजबूरी आम जनता के लिए सिरदर्द बनती जा रही है।
इमरजेंसी में समस्या
इमरजेंसी सेवाएं चाहे वह फायर सर्विस, पुलिस हो या फिर एंबुलेंस सेवा हो, इन वाहनों के हूटर बजाने पर भी लोग जल्दी साइड नहीं देना चाहते हैं। कई बार तो लोग इमरजेंसी सेवाओं के वाहनों का हूटर सुनने के बाद भी इग्नोर कर देते हैं। कारण यह है कि फर्जी का रौब गांठने वालों ने इमरजेंसी सेवाओं में लगे हुए हूटरों की गंभीरता कम कर दी है। हालांकि इससे इमरजेंसी में लोगों को भी प्रॉब्लम होती है, लेकिन इसके बाद भी कोई ठोस ऐसी कार्रवाई नहीं हो पाती है, जिससे फर्जी में हूटर लगाने वालों पर लगाम लग सके।
फर्जी का भोकाल बनाने के लिए लोग को कार के बोनट के नीचे छिपा लेते हैं। कहीं पर भी आते-जाते ये अपनी दबंगई दिखाने के लिए हूटर बजा देते हैं। इतना ही नहीं कहीं पर और कभी भी हूटर की साउंड सुनकर आसपास बैठी पुलिस अलर्ट तो हो जाती है, लेकिन बाद में कोई इमरजेंसी सेवा नहीं देखकर फिर से बैठ जाती है। हैरत की बात यह है कि इस तरह से अवैध ढंग से लगाए गए हूटर उतरवाने की जहमत भी उनके द्वारा नहीं उठाई जाती। यह ही कारण है कि हूटर लगे ये वाहन आपको शहर में लगभग रोज ही घूमते दिखाई दे जाते हैं। अचानक किसी भी समय हूटर की आवाज भी सुनाई देने लगती है। नियम के तहत वाहन में सायरन या हूटर के उपयोग कोई नहीं कर सकता है। पुलिस द्वारा उपयोग किए जाने वाले वाहनों के अलावा एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड और निर्माण उपकरण वाहनों में ही हूटर को लगाया जा सकता है।
10 हजार तक जुर्माना
अगर आप अपने वाहनों में हूटर लगाए पाए जाते हैं तो ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग कार्रवाई करता है। इसके साथ ही पटाखा साइलेंसर और हूटर का प्रयोग करने पर 10 हजार रुपए का चालान और वाहन से हूटर और साइलेंसर को निकलवा दिया जाता है।
रिपोर्टर : कार में हूटर लगवाना है।
दुकानदार : लगाता नहीं हूं, सिर्फ बेचता हूं
रिपोर्टर : हूटर लगाएगा कौन।
दुकानदार : सामने को इशारा करके वहां जाकर लगवा लेना।
रिपोर्टर : कितना रुपए का है हूटर।
दुकानदार : 480 रुपए में मिल जाएगा। बढिया साउंड है।
रिपोर्टर : कोई और अच्छा है तो बताइए।
दुकानदार: एक हजार रुपए तक हूटर हैं, आप जो कहिए मिल जाएगा।
रिपोर्टर : रुकिए हूटर लगवाने के लिए कार लेकर आता हूं। बोले अधिकारी
हूटर सिर्फ इमरजेंसी सेवा वाले वाहनों में ही लगाया जा सकता है। इसके अलावा हूटर कोई नहीं लगवा सकता है। ऐसे वाहन वालों के खिलाफ हर माह कार्रवाई की जाती है।
जेपी गुप्ता, एआरटीओ एंफोर्समेंट