अबीर गुलाल की होली को इस बार जरूर दें प्राथमिकता, रहेंगे सेफ

रंग, केमिकल व पेंट वाली भीगी होली बदले मौसम में पहुंचाएगी नुकसान

एक्सप‌र्ट्स ने चेताया स्किन, आंख व सांस संबंधी बीमारियों का बढ़ेगा खतरा

BAREILLY:

सुबह से दोपहर दिन तक होली की खुमारी में डूबे रहना, दोस्तों-रिश्तेदारों को जी भरकर भिगोने और रंगने की कोशिशें और अबीर गुलाल से लेकर पक्के रंगों और केमिकल वाले पेंट से खुद को रंगीन बन जाने से परहेज न करना। होली पर टिपिकल हुड़दंगियों का हर बार कमोबेश यही रूटीन होता है। खुद भीगना और दूसरों को भिगोए बिना होलियारों के लिए होली अधूरी लगती है। लेकिन मार्च के महीने को शुरू में ही पानी से सराबोर करने वाले इस बेईमान मौसम में ऐसा करना सेहत के लिए खासा खतरनाक हो सकता है। इस बार रंग व पेंट की बजाय सूखी होली क्यों रखेगी आपको सेफ और सेहतमंद, जानिए आई नेक्स्ट की मुहिम 'खेलें सूखी हाेली' में।

भीगने पर होगा फ्लू का खतरा

मार्च के आगाज में ही बरेली को बुरी तरह भिगोने वाली बारिश से मौसम भी यकायक बदल गया है। यह मौसम न सिर्फ दहशत बनी स्वाइन फ्लू बल्कि नॉर्मल फ्लू समेत वायरल फीवर जैसी बीमारियों का सरपरस्त बन गया है। ऐसे में होली पर पानी से भीगना और लगातार पानी के संपर्क में रहना आपको बीमार बनाने के लिए काफी है। मेडिकल एक्सप‌र्ट्स ने भी मौसम की इस करवट को देखते हुए सूखी होली खेलने की सलाह दी है।

स्किन व आंख संबंधी दिक्कतें

गीली होली यानि पक्के रंगों, पानी और केमिकल पेंट वाली होली। इस होली को एक्सप‌र्ट्स से शुरू से ही कई दिक्कतों की वजह मानते हैं। एक्सप‌र्ट्स ने बताया कि गीली होली इस बार आपको दबे पांव बीमार बनाने के अलावा आपकी स्किन में एलर्जी पैदा करने के लिए भी खतरनाक है। वहीं आंखों में रंग या केमिकल चला जाना बड़ी परेशानी का सबब बन सकती है। एक्सप‌र्ट्स ने ऐसे में अबीर-गुलाल व फूलों की होली खेलने को ही बेहतर माना है।

खुशबुदार गुलाल भी है खतरनाक

अगर आप आई नेक्स्ट की सलाह पर अबीर गुलाल की होली को ही अपना रहे हैं, तो इसमें भी थोड़ी सी सावधानी बरतें। अबीर गुलाल की क्वालिटी देखकर ही खरीदें। गुलाल लगाते समय भी ध्यान दें कि यह नाक या मुंह में न चली जाए। वरना यह सांस संबंधी दिक्कत जैसे अस्थमा की परेशानी बन सकती है। वहीं बाजार में बेहद पॉपुलर खुशबुदार गुलाल को भी लेने पर एक्सप‌र्ट्स ने चेताया है। गुलाल को खुशबुदार बनाने के लिए केमिकल का यूज किया जाता है। जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक होता है।

रंग से ज्यादा साबुन करेगा चेहरा खराब

पक्के रंगों को छुड़ाने के लिए बार बार साबुन का यूज खतरनाक

BAREILLY:

होली पर दिन भर अपनों को ढूंढ ढूंढकर रंगने की मशक्कत के बाद घंटों तक खुद के शरीर से रंग छुड़ाना भी किसी जंग से कम नहीं होता, लेकिन शरीर को हर बार रगड़-रगड़ के साबुन से धोना, भले ही आपके चेहरे को एक ही दिन में पहले जैसा साफ सुथरा न बनाए, उसे नुकसान जरूर पहुंचाएगा। साबुन से बार-बार चेहरे और शरीर की यही धुलाई, चेहरे पर लगे केमिकल वाले रंगों व पेंट से भी ज्यादा खतरनाक है। इससे चेहरे की कोमल स्किन न सिर्फ रूखी होकर खराब होने लगती है। बल्कि चेहरे पर लाल धब्बे, दाने या रेशेज भी होने का खतरा बढ़ जाता है।

कािस्टक खराब करेगा स्किन

गीली होली को खूब एंज्वॉय करने के बाद दर्जनों बार चेहरे व शरीर पर साबुन को रगड़ा जाता है। रंग छुटाने के लिए बार बार साबुन का यूज स्किन पर जुल्म की तरह है। एक्सप‌र्ट्स ने बताया कि रंग व केमिकल से ज्यादा साबुन में मिला कास्टिक स्किन को खराब कर देती है। ऐसा करना गीली होली खेलने से भी ज्यादा गलत है। ऐसे में एक्सप‌र्ट्स ने होली से पहले शरीर व चेहरे पर तेल या मॉइश्चर लगाने, नहाने के लिए ग्लिसरिन वाले सॉफ्ट साबुन का यूज करने और बार बार साबुन न लगाने की हिदायत दी है।

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इन बातों पर दे ध्यान

- पानी में भीगने पर फ्लू के वायरस की चपेट में आने का खतरा ज्यादा।

-अच्छी क्वालिटी के अबीर-गुलाल का ही यूज करें।

- किसी के गुलाल लगाने पर गहरी सांस न लें, यह नाक के जरिए फेफड़ों में जा सकता है।

- आंख में रंग चला जाएं तो पानी के कई बार छपाके मारें, आंखों को रगड़े नहीं।

- गुलाब जल की बूंदे दो-दो घंटे के अंतराल पर आंखों में डाले।

- स्किन एलर्जी से बचने को स्किन पर तेल या क्रीम जरूर लगा ले।

- चेहरे पर रंग लगने से जलन हो तो, तुरंत धो ले।

- रंग को एक ही दिन में छुड़ाने की कोशिश न करें।

Posted By: Inextlive