गार्डिग का बजट गायब, मोहल्लों में झूल रहे मौत के तार
- हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से हर साल हो रही मौतें
- जर्जर तारों की गार्डिग के लिए आने वाले बजट को गटक रहा महकमा बरेली : शहर की प्रमुख सड़कों के अलावा मोहल्लों में मौत के तार झूल रहे हैं जो हर साल लोगों को मौत की सौगात दे रहे हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं गली मोहल्लों से गुजर रहीं जर्जर हाईटेंशन लाइनों के जाल की। हाल ही में दो युवक इस मौत के मकड़जाल की चपेट में आकर अपनी जान गवां चुके हैं। लेकिन विभागीय अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। कई बार शिकायत करने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। छतों से सटकर गुजर रहे तारशहर के नवादा शेखान, कांकर टोला, रोहली टोला, बिहारीपुर, कुतुबखाना, सुभाष नगर, जोगी नवादा, किला समेत करीब एक दर्जन मोहल्ले ऐसे हैं जहां घरों की छतों के बिल्कुल पास से यह जर्जर तार गुजर रहे हैं जो कि लोगों के लिए बड़ी परेशानी का सबब है। मामला अधिकारियों के संज्ञान में होने के बाद भी कोई सुध नहीं ले रहा है।
लाखों का बजट गायबहर साल जर्जर तारों की गार्डिग यानि उन्हें घरों की छत से दूर करने के लिए लाखों का बजट सरकार की ओर से जारी किया जाता है लेकिन जिस प्रकार कई सालों से मोहल्लों में जर्जर तारों का जाल जो छतों से सट कर गुजर रहे हैं उनकी हालत में कोई बदलाव नहीं हुआ है इससे सवालिया निशान उठना लाजमी है कि आखिर विभाग को मिला बजट कहां खपाया गया।
केस 1राजमिस्त्री दीपक मूलरूप से पीलीभीत के भगवानपुर गांव के रहने वाले थे। वह दो साल से थाना बारादरी के नवादा शेखान मोहल्ले में चोखे लाल के मकान में छत पर बने कमरे में परिवार समेत किराए पर रहते थे। ट्यूजडे शाम को वह काम करके लौटने के बाद रात 10 बजे खाना खाकर सो गए। रात करीब दो बजे पेशाब के लिए उठे तो नींद में होने के चलते दीवार की जगह उसके पास से गुजर रही हाइटेंशन लाइन का तार पकड़ लिया। करंट लगने से चीख के साथ वह जमीन पर गिर पड़े। चीख सुनकर पत्नी पूनम वहां पहुंची। वह समझीं कि दीपक बेहोश हो गए हैं तो उन्होंने चेहरे पर पानी के छींटे मारी लेकिन वह होश में नहीं आए। चीख- पुकार सुनकर आस-पड़ोस के लोग आ गए। पड़ोसियों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी। रात में ही रिश्तेदार भी पहुंच गए। सुबह पुलिस मौके पर पहुंची और शव पोस्टमार्टम को भेजा।
केस 2 फर्रुखाबाद के कायमगंज के गांव शिवाला गांव निवासी अशोक ट्रक चालक था। बीते मंडे को बड़ा बाईपास के विलयधाम चौराहा स्थित एक ढाबे पर खाना खाया। खाना खाने के बाद वह ट्रक को साइड में लगाकर वह ट्रक की छत पर सोने चला गया। जिस स्थान पर चालक ने ट्रक खड़ा किया उसके ठीक ऊपर से हाईटेंशन लाइन गुजर रही थी। चालक ने इस पर ध्यान नहीं दिया। ढाबे के लोगों की मानें तो सोते समय चालक लाइन की चपेट में आ गया। ट्यूजडे सुबह तक ट्रक उसी स्थान पर खड़ा होने के चलते ढाबा कर्मचारियों को शक हुआ। चालक को आवाज दी लेकिन, कुछ न बोला। ट्रक की छत पर चढ़ते ही देखा कि वह मृत अवस्था में पड़ा है।