इलाज की थी आस, छिन गई आंखों की रोशनी
डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में हीमोफीलिया के मरीज की इलाज के दौरान गई रोशनी
परिजनों का इलाज में लापरवाही का आरोप, हायर सेंटर रेफर किया गया मरीज BAREILLY:डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में ठीक होने की आस में इलाज के लिए आए एक मरीज की जिंदगी में अंधेरा हो गया। मरीज का आरोप है कि इलाज के दौरान डॉक्टर्स की लापरवाही के चलते उसकी आंखों की रोशनी चली गई। डॉक्टर्स ने समय रहते उसे मर्ज की गंभीरता के बारे में नहीं बताया। परिजनों ने मरीज को समय रहते डॉक्टर्स के न देखने और कराई गई जांच रिपोर्ट 24 घंटे बाद भी नहीं बताने के आरोप लगाए हैं। हालांकि हॉस्पिटल प्रशासन मरीज के लगाए गए आरोपों को नकार रहा है। हॉस्पिटल प्रशासन ने मरीज की आंखों की रोशनी चले जाने पर उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया है। जिसके बाद ट्यूजडे को परिजन मरीज को दिल्ली के लोकमान्य हॉस्पिटल ले गए।
हीमोफीलिया से पीडि़त है मरीज
भोजीपुरा के दलपुर में रहने वाले वेदप्रकाश को हीमोफीलिया की बीमारी है। इस बीमारी में घाव होने पर ब्लड क्लॉटिंग नहीं होती। इससे घाव से लगातार खून के रिसाव से मरीज की हालत गंभीर हो जाती है। परिजनों ने वेदप्रकाश को पहले पास के ही एक निजी क्लिनिक में एडमिट कराया। निजी क्लिनिक के हाथ खड़े करने पर सैटरडे को परिजन मरीज को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल लाए। जहां मरीज को इमरजेंसी वार्ड में एडमिट कर डॉ। अजय मोहन अग्रवाल की देखरेख में इलाज शुरू कराया गया। परिजनों का कहना है कि मंडे को ही मरीज की आंखों की रोशनी चली गई। इस पर आई स्पेशलिस्ट डॉ। गौतम ने मरीज का सीटी स्कैन कराया। लेकिन ट्यूजडे तक डॉ। गौतम के तहसील दिवस में जाने पर जांच रिपोर्ट नहीं पढ़ी जा सकी।
----------------------------- मरीज हीमोफीलिया से पीडि़त है। उसे फैक्टर 8 व 9 के इंजेक्शन लगाए गए। साथ ही एक यूनिट ब्लड भी चढ़ाया गया। हालत गंभीर होने पर उसे हायर सेंटर रेफर किया गया। इलाज में लापरवाही के आरोप गलत है। - डॉ। डीपी शर्मा, सीएमएस