गले मिलकर दूर किए गिले शिकवे
- 1984 व 86 के बैच के सहयोग से ऑर्गनाइज हुआ हार्टमिलन 2014
- दोस्तों से मिलकर गम और खुशी बांटने का सिलसिला देर तक चला BAREILLY: दोस्तों से मिलना सभी को अच्छा लगता है, लेकिन जब दोस्त सालों के बाद गले मिलें तो खुशी को शब्दों में बयां करना नामुमकिन है। कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला हार्टमेन कॉलेज में ऑर्गनाइज प्रोग्राम हार्टमिलन ख्0क्ब् के दौरान। प्रोग्राम की शुरुआत हार्टमेन क्रिकेट ग्राउंड में क्98ब् व 8म् बैच के स्टूडेंट्स द्वारा 'मित्रता क्रिकेट मैच' से की गई। दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक ऑडिटोरियम में री यूनियन ऑफ 80 व 90 के बैच का हार्टमिलन प्रोग्राम ऑर्गनाइज किया गया। गौरतलब है कि हार्टमिलन ख्0क्ब् वीर चक्र शहीद अमर सिंह बेदी को समर्पित किया गया। इस मौके पर चीफ गेस्ट शहीद के पिता निर्मल मौन सिंह बेदी व माता सुरजीत सिंह बेदी मौजूद रहीं।गले मिलें तो यादें हुई ताजा
हार्टमिलन ख्0क्ब् प्रोग्राम की शुरुआत मित्रता क्रिकेट मैच के साथ की गई। वहीं दोपहर बाद हार्टमेन हॉल में पुराने साथियों की महफिल जमीं, जिसमें पुराने दोस्तों का गले मिलना, हाथ मिलाना और पुरानी यादों के झरोखों से कहकसा निकालकर एक दूसरे की कमियों को गिनाने का दौर शुरू हुआ। प्रोग्राम के दौरान 80 और 90 बैच के स्टूडेंट्स ने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। साथ ही अभिज्ञान शाकुंतलम की हास्य नाटक शैली प्रेजेंट की गई, जिसका सभी ने भरपूर आनंद लिया। इस मौके पर प्रोग्राम आयोजक शेरू जुनेजा, विकास खंडेलवाल, शरद भसीन, स्वाति गुप्ता, डॉ। शुभोचट्टोपाध्याय, नीला सरकार, अल्पना जोशी व एंकरिंग परवेज ने की।
- हार्टमिलन प्रोग्राम में आकर स्टूडेंट्स की तरह फील कर रहा हूं। कितनी ही यादें इस कॉलेज से जुड़ी हुई हैं। दोस्तों से मिलकर बहुत ही अच्छा लग रहा है। विजय खट्टर, स्टूडेंट 8ब् बैच - यहां से मुझे अनुशासन सीखने को मिला। पासऑउट होने के बाद जिसने हर पल मेरा साथ दिया। फ्रेंड्स से मिलने की खुशी को बयां नहीं किया जा सकता। स्वाति गुप्ता, स्टूडेंट 9क् बैच - ऐसे प्रोग्राम हमें हमारे गुजरे हुए लम्हों की यादें ताजा कर देते हैं। रीयूनियन का कॉन्सेप्ट बहुत ही बेहतरीन है। ऐसे प्रोग्राम सभी कॉलेजेज को ऑर्गनाइज करने चाहिए। अमित अग्रवाल, स्टूडेंट 8ब् बैच