कचरे से अटे पड़े नाले इस तरह स्वच्छ कैसे होगा शहर गलियों में डेयरियां हो रही संचालित नालों में बह रहा गोबर


बरेली(ब्यूरो) । शहर की सफाई रेगुलर करने का दावा नगर निगम की ओर से लगातार किया जाता है। लेकिन, हकीकत कुछ और ही सामने आती है। इसे निगम की लापरवाही कहें या साठगांठ कि नाला सफाई का अभियान लाखों खर्च करके चलाया गया। उसके बाद भी नाले कचरे और गोबर से अटे पड़े हुए हैैं। निगम की अभियान की सफलता व उसके दावे की हकीकत जानने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने जब रियलिटी चेक किया तो सच्चाई कुछ और ही सामने आई।

डेयरियों पर नहीं काबू
शहर के घनी आबादी वाले इलाके में भी डेयरियां संचालित हो रही हैैं। लेकिन, निगम इससे अंजान बना हुआ है। साथ ही नालियां में बह रहा डेयरी वेस्ट भी नगर निगम के अधिकारियों को दिखाई नहीं दे रहा है। यहीं डेयरी से निकला वेस्ट(गोबर) नालों को चोक कर रहा है। शहर के सुभाषनगर में, बदायंू रोड पर या फिर बिहारीपुर आदि हर जगह पर डेयरी वेस्ट नालों में बहाया जा रहा है। इससे बारिश में नाले चोक होना तय है। वहीं गंदगी को लेकर नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि नालों में गंदगी की समस्या सामने आ रही है, जल्द इस पर एक्शन लिया जाएगा।

चलाया गया अभियान
जानकारी के अनुसार हर वर्ष नाला सफाई में करीब 15 करोड़ का खर्च किया जाता है। लेकिन, उसके बाद भी शहर में उस स्तर की सफाई देखने को नहीं मिलती है। नगर निगम द्वारा कराई जा रही सफाई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि थोड़ी देर की बारिश में ही जलभराव हो जाता है। उसके बाद ही निगम को नालों की सफाई करने की याद आती है। लेकिन, बारिश में पानी भरने से लोगों को काफी परेशानी होने लगती है।

सीन 01, सुभाषनगर
सुभाषनगर की घनी आबादी के बीच कई डेयरियां संचालित हो रही हैैं। इसके साथ ही यहां से निकलने वाला डेयरी वेस्ट नालियों में बह रहा है। जिसके कारण नालियां चोक हो रही हैैं। लेकिन, नगर निगम का इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

सीन 02, बदांयू रोड
बदायंू रोड पर भी नाला सफाई का अभियान चलाया गया था। इसके साथ ही नालों में सिंगल यूज प्लास्टिक से लेकर थर्मोकोल का ढेर लगा हुआ है। यहां सुभाषनगर से लेकर करगैना तक नाले में कचरे का ढेर लगा हुआ है।

सीन 03, बीडीए कॉलोनी
बीडीए कॉलोनी करगैना के पास नाला काफी समय से चोक पड़ा हुआ है। लेकिन, यहां सफाई करने में जिम्मेदार रूचि लेते नहीं दिखाई दे रहे हैैं। इसको लेकर पब्लिक के लिए काफी परेशानी हो रही है। क्योंकि, पानी भरने से इस रोड से लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता है।

नालों की सफाई समय-समय पर होनी चाहिए। नालों में गंदगी होने से जलभराव के साथ ही बीमारियों के फैलने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसको लेकर जिम्मेदारों को ध्यान देने की जरूरत है।
-हेमंत

सफाई को लेकर नगर निगम के साथ ही पब्लिक को भी अवेयर होने की जरूरत है, जिससे स्वच्छ भारत मिशन को धरातल पर सफल बनाने में आसानी हो सके। क्योंकि स्वच्छता ही शहर की पहचान होती है।
-सत्य प्रकाश

Posted By: Inextlive