Bareilly:चांदी जैसा रंग पाने की चाहत गल्र्स और वुमेंस की हड्डियों को कमजोर बना रही है. सन रेज की वजह से होने वाले डार्क टोन से लड़कियां और महिलाएं इससे बच रहीं हैं. घर से बाहर निकलते समय उनके शरीर का ज्यादातर हिस्सा कपड़ों ग्लब्स और मास्क से ढंका होता है. इससे उन्हें फेयर स्किन तो मिल रही है लेकिन साथ ही उनमें सन रेज से मिलने वाले विटामिन डी की कमी भी हो रही है. नतीजा कम उम्र में ही ऑर्थराइटिस जैसी बीमारियां. वहीं एडल्टे्रशन की वजह से यूथ्स में कैल्शियम की कमी भी हो रही है.


आर्टीफीशियल हो गई लाइफप्रेजेंट टाइम में लाइफ जरूरत से ज्यादा फास्ट और आर्टीफीशियल हो चुकी है। लोग ओपन एटमॉस्फियर से ज्यादा एअर कंडीशन में रहना पसंद कर रहे हैं। धूप में तो कोई निकलना ही नहीं चाहता। काम की वजह से घर से बाहर निकलना भी पड़ता है तो भी सिर से पांव तक कपड़ों से ढंके होते हैं। डॉक्टर्स की मानें सन रेज से विटामिन डी का रिच सोर्स होता है और इससे दूरी की वजह से बरेलियंस, खासकर लड़कियों और महिलाओं में विटामिन डी की कमी हो रही है। बोन्स को मतबूती देने में विटामिन डी सबसे ज्यादा इंपार्टेंट होता है। नतीजतन लोगों को अर्ली ऐज में ही ऑर्थराइटिस की दिक्कत हो रही है।स्ट्रेस और एडल्ट्रेशन बढ़ा रहे प्राब्लम


डे-टू-डे की फास्ट लाइफ में स्ट्रेस होना आम बात है। पर यही स्ट्रेस धीरे-धीरे आपके शरीर में जकडऩ बनकर भी सामने आता है। बॉडी में घटती कैल्शियम की मात्रा की एक बड़ी वजह एडल्ट्रेशन भी है। मिलावटी खाद्य पदार्थों की वजह से ही बॉडी को प्रॉपर न्यूट्रीएंटस नहीं मिल पाते हैं। कैल्शियम का सबसे रिच सोर्स मिल्क है। लेकिन अर्बन एरियाज में तो प्योर मिल्क मिलना भी मुश्किल है। काउ मिल्क तो ढूंढने पर भी नहीं मिलता। जबकि वह बॉडी की कैल्शियम की नीड को आसानी से पूरा करता है।कम होती है ऐजडॉक्टर्स की मानें तो जो लोग कम उम्र में ही ऑर्थराइटिस की प्रॉब्लम्स से ग्रस्त हो जाते हैं। उनकी बोन्स की ऐज दस साल तक घट जाती है। यूं तो ऑर्थराइटिस शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। लेकिन पैर में होने वाली ह्यूमेटेड ऑर्थराइटिस सबसे ज्यादा खतरनाक होती है। इसमें पेशेंट को तेज दर्द होता है और दवाओं की वजह से धीरे-धीरे भूख कम हो जाती है।बदलनी होगी लाइफस्टाइलकम एज में इस प्रॉब्लम से बचने के लिए हमें अपनी लाइफस्टाइल चेंज करनी होगी। इसमें सबसे पहले फूड हैबिट और फिर अपना वर्किंग स्टाइल। जो लोग ज्यादातर समय घरों में ही रहते हैं उन्हें फ्रेश एयर के लिए मॉर्निंग वॉक जरूर करना चाहिए। जिन लोगों को ज्यादा देर कुर्सी पर बैठकर काम करना होता है उन्हें काम करते समय हर एक घंटे के बाद चेअर से उठकर कुछ देर टहलना चाहिए। फिट रहने के अपने सभी ज्वाइंट्स को मूवमेंट में रखना भी बहुत जरूरी है। वहीं आप घर के कुछ काम खुद करके भी खुद को फिट रख सकते हैं। ये हैं आंकड़ेऑर्थराइटिस       प्रॉब्लम्स इन वुमेंस                  75 परसेंट

ऑर्थराइटिस      प्रॉब्लम्स इन मिडिल एज पर्संस      40 परसेंटऑर्थराइटिस        प्रॉब्लम्स इन यूथ                   20 परसेंटआर्थराइटिस       प्राब्लम्स इन चिल्ड्रेन                10 परसेंटऑर्थराइटिस की सबसे ज्यादा पेशेंट्स लेडीज ही होती हैं। पिछले कुछ दिनों में बढ़ते स्ट्रेस और फूड एडल्ट्रेशन से लोगों में ऑर्थराइटिस की प्रॉब्लम्स भी बढ़ी है। ऐसे में जरूरी है कि अपने खान-पान पर विषेश ध्यान दें और सुबह की धूप में कुछ देर तक जरूर बैठें।- डॉ। केवी पाठक, ऑर्थोपेडिक सर्जन, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल बरेलीमेरे पास ऑर्थराइटिस के सबसे ज्यादा पेशेंट्स आते हैं। बॉडी में विटामिन डी और कैल्शियम की कमी से ही ऑर्थराइटिस होती है। जरूरी है कि डाइट में कैल्शियम की मात्रा ठीक हो। वहीं धूप के सेवन से भी ऑर्थराइटिस से बचा सकता है।- डॉ। ब्रजेश्वर सिंह, आर्थोपेडिक सर्जन

Posted By: Inextlive