-एक्यूटी फ्लैसिड पैरालिसिस के 208 संदिग्ध नूमनों की जांच, 38 की रिपोर्ट आना बाकी

-सीएमओ-सीएमएस ने आनन फानन में की प्रेस कांफ्रेंस, पोलियो केसेज न होने की रिपोर्ट दी

BAREILLY:

पोलियो को लेकर बरेली में सेहत महकमा एक बार फिर हाई अलर्ट मोड में आ गया है। पोलियो के संदिग्ध केसेज मिलने के खुलासे पर खलबली मच गई, जिसके बाद आनन-फानन में फ्राइडे को सीएमओ डॉ। विजय यादव व सीएमएस डॉ। डीपी शर्मा ने एक ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई, जिसमें व‌र्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के डॉ। पीवी कौशिक समेत यूनिसेफ के डॉ। सौरभ सिन्हा बतौर मेंबर्स भी शामिल रहे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने 21 जून से पोलियो समेत 8 जानलेवा बीमारियों से बचने के लिए इंद्रधनुष अभियान शुरू होने की जानकारी दी।

32 सैंपल की रिपोर्ट का इंतजार

एक्यूट फ्लैसिड पैरालिसिस यानि एएफपी एक ऐसी बीमारी है, जिसके लक्षण पोलियो की तरह होते हैं इस लक्षण वाले मरीजों के स्टूल की जांच लखनऊ, चेन्नई, मुंबई व दिल्ली की लैब में होती है। स्टूल में वाइल्ड पोलियो वायरस मिलने पर ही पोलियो की पुष्टि होती है। सीएमओ ने बताया कि 2014 में बरेली में कुल 19,494 सैंपल की जांच हुई, जिसमें 176 एएफपी के मामले पकड़ में आए। वहीं 2015 में कुल 17,370 सैंपल की जांच की गई, जिसमें 208 एएफपी के केसेज पाए गए, जिसमें से 176 की रिपोर्ट में वाइल्ड पोलिया वायरस निगेटिव मिला। जबकि 32 नमूनों की जांच रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। इन जांच रिपोर्ट में वायरस मिलने की आशंका पर ही अधिकारियों की सांसे फूल रही।

873 बूथों पर लगेंगे टीके

मिशन इंद्रधनुष के तहत 2 साल से कम उम्र के बच्चों व प्रसूताओं को 8 जानलेवा बीमारियों के खिलाफ इम्यूनाइज्ड किया जाएगा। सीएमओ की ओर से अप्रैल में 7,53,290 बच्चों को पोलियो वैक्सीन दी गई थी। इसी को 21 जून से शुरू हो रहे मिशन इंद्रधनुष का लक्ष्य बनाया गया है। कुल 873 फिक्स बूथों पर साढ़े सात लाख बच्चों को पोलियो ओरल वैक्सीन दी जाएगी। वहीं टीबी, हेपेटाइटिस बी, डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, खसरा और जापानी इंफेलाइटिस के टीके भी लगाए जाएंगे। 21 से 26 जून तक अभियान खत्म होने के बाद 1572 टीमें घर घर जाकर छूटे बच्चों को पोलियो वैक्सीन देगी। इसके बाद जुलाई और अगस्त माह में भी स्पेशल ड्राइव के तौर पर यह अभियान जारी रखा जाएगा।

Posted By: Inextlive