लॉकडाउन में झोलाछापों की मौज
- बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे हेल्थ सेंटर और क्लीनिक, खतरे में जिंदगियां
- कोरोना की वैक्सीन आने को, लेकिन छापामार कार्रवाई पर अब भी लॉकडाउन का कहर बरेली। कोरोना संक्रमण से बचने को लगा लॉकडाउन और नाइट कफ्र्यू खत्म होने के बाद नया साल लगने के साथ ही कोरोना की वैक्सीन भी आ गई, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की छापामार कार्रवाई अब भी लॉक है। कार्रवाई न होने के चलते शहर व रूरल एरिया में जमे झोलाछाप जिंदगियों को खतरे में डालकर धड़ल्ले से अपनी जेबे भर रहे हैं। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग इससे बेखबर है या यूं कहें कि साठगांठ के चलते अधिकारियों ने इस गोरखधंधे से निगाहें फेर ली हैं। ऐसा ही एक मामला सैटरडे को सामने आया, जहां एक हेल्थ सेंटर के बिना रजिस्ट्रेशन चलने का तब भांडा फूटा जब वहां की एक महिला कर्मचारी ने संचालक से एक्सपीरिएंस सर्टिफिकेट मांगा।एक्पीरिएंस सर्टिफिकेट पर रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं, बोले- इसी से काम चलाओ
प्रेमनगर क्षेत्र में बड़ा बाग हनुमान मंदिर के पास चल रहे एक हेल्थ सेंटर से ऐसा ही मामला सामने आया। यहां काम कर रही एक नर्स ने सरकारी नौकरी के लिए सलेक्शन होने पर हेल्थ सेंटर से दो साल का एक्सपीरिएंस सर्टिफिकेट मिला। लेकिन सर्टिफिकेट पर रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं था। नर्स ने इस पर आपत्ति की तो हेल्थ सेंटर के संचालक ने नर्स को उसी सर्टिफिकेट से काम चलाने को बोलकर टहला दिया। नर्स ने मामले की शिकायत विभाग के अधिकारियों से करने की बात कही।
पिछले साल से नहीं हुई कार्रवाई वैसे तो झोलाछापों और गली मोहल्लों में बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे क्लीनिकों की सूचना मिलने स्वास्थ्य विभाग जांच पड़ताल करता है। अक्सर कई जगहों पर कार्रवाई भी होती है, लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद से स्वास्थ्य विभाग की छापामार कार्रवाई पर लगा लॉकडाउन का ग्रहण अभी तक चालू है। इस दौरान गली मोहल्लों में झोलाछापों की तादात भी बढ़ गई है। अब नए सीएमओ के कार्यभार संभालने के बाद उम्मीद है कि जल्द ही कार्रवाई शुरू की जाएगी। मढ़ीनाथ-बिहारीपुर जैसी तंग जगहों पर खुले क्लीनिक झोलाछाप अक्सर तंग व दूर दराज के इलाकों में अपने ठिकाने बनाते हैं। यह झोलाछाप गली मोहल्लों में जनरल फिजीशियन से लेकर जनरल सर्जन तक बने बैठे हैं। इनमें मढ़ीनाथ, सुभाषनगर, सैदपुर हॉकिंस, बिहारीपुर जैसी जगहों पर कई ऐसे क्लीनिक हैं, जिनके रजिस्ट्रेशन ही नही हैं। 3-4 सालों में ये हुई कार्रवाई चिह्नित झोलाछाप 256सील किए गए क्लीनिक 12
झोलाछापों पर एफआईआर 73