मिथलेश मर्डर का इकलौता सबूत हेड मोहर्रिर को रखने के लिए दिया गया था

सिपाही ने पहले ही बता दिया था कि ब्लड लगा होने से इसे चूहे खा सकते हैं

BAREILLY: मिथलेश मर्डर में सबूत के साथ लापरवाही बरतने वाले थाना के हेड मोहर्रिर कुशलपाल थे। उन्होंने सिपाही के कहने के बावजूद भी सुबूत को ध्यान से नहीं रखा। वहीं अब दोबारा से फिंगर प्रिंट मिलान के लिए लखनऊ फोरेसिंक साइंस लेबोरेट्री में इसे भेज दिया गया है। साथ ही इंपॉर्टेट एवीडेंस के साथ लापरवाही बरतने के चलते एसपी सिटी राजीव मल्होत्रा ने इस मामले की जांच शुरू करा दी है।

कांस्टेबल लेकर पहुंचे थे थाना

पुलिस सोर्सेस की मानें तो मौके से थाना की गाड़ी के ड्राइवर कांस्टेबल रजनीश मिथलेश मर्डर के इकलौते सबूत को लेकर थाना पहुंचे थे। थाना में उस वक्त हेड मोहर्रिर कुशलपाल मौजूद थे। कुशलपाल को सिपाही रजनीश ने कहा भी था कि पॉलीथीन में रखे पेपर में ब्लड लगा हुआ है। ब्लड लगा होने के चलते चूहे इसे कुतर सकते हैं इसलिए इसे संभाल कर रख देना लेकिन इसके बावजूद भी कुशलपाल ने कुशलता ना दिखाकर ऐसे ही खुले में इसे रख ि1दया था।

जरूरत ना पड़ती तो चट हो जाता

पुलिस सोर्सेस की मानें तो दोबारा फिंगर प्रिंट कलेक्ट करने के लिए ही पेपर को मालखाना से निकाला गया था। अगर इसकी दोबारा जरूरत ना होती तो शायद चूहे पूरे ही सबूत को चट कर जाते और बाद में पुलिस खाली हाथ मलती रह जाती।

इसलिए पड़ी थी जरूरत

फील्ड यूनिट को मौके पर मिले पेपर पर ही कातिल के फिंगर प्रिंट मिले थे। मिथलेश के बहू-बेटे व एक अन्य पर शक होने के चलते इन लोगों के फिंगर प्रिंट कलेक्ट करके कागज पर मिले फिंगर प्रिंट को लखनऊ एफएसएल मिलान के लिए भेजा गया था। लखनऊ एफएसएल ने फिंगर प्रिंट में कुछ कमी बतायी थी, जिसके बाद सैटरडे को सीओ ने दोबारा फिंगर प्रिंट कलेक्ट कराने के लिए पेपर को थाना के मालखाना से निकलवाया था। जब पॉलीथीन में रखे पेपर को ओपन किया गया था तो वह साइड में कई जगह से कुतरा हुआ था। इसी को लेकर थाना में हड़कंप मच गया था।

Posted By: Inextlive