..अल्लाह की रजा है अब्बास की रजा में
इमाम हुसैन के भाई हजरत अब्बास की याद में हुई तरही महफिल
>BAREILLY: हजरत इमाम हुसैन के भाई हजरत अब्बास की यौमे विलादत के मौके पर फ्राइडे रात शहर के किला स्थित काला इमामबाड़ा में महफिल हुई। महफिल में शायरों ने नजराने अकीदत पेश की। महफिल के बाद मौला अब्बास की नज्र दिया गया और मोमनीन कराम ने तबर्रुक खाया। इस दौरान कमेटी के लोगों ने आतिशबाजी कर भी विलादत की खुशी मनाई। शायरों ने पेश किए कलामशायरों में डॉ। अकील जैदी के शेर, ये कर्बोबला जिसमें गाजी का लहू शामिल, फैली है हवाओं में खुशबू-ए-वफा लोगों, अदील जाफरी, ये सोच के भी जाओ तुम सज्दा-ए-खुदा में, अल्लाह की रजा है अब्बास की रजा में, हानी बरेलवी ने अजब कसीदा यह तश्ना लबी के बारे में, फुरात प्यासी थी पानी पिला गये अब्बास को लोगों ने खूब पसंद किया। रिफअत बिजनौरी ने कद तुम्हारा अर्शे आजम से बड़ा हो जायेगा, सीरतो किरदार में सबसे सिवा हो जाओगे, रिजवान बरेलवी ने आसमां से आके करते हों मलक जिसका तवाफ, किस बुलंदी पर जमीने करबला रक्खी गई, बाकर जैदी बरेलवी ने अब्बासे नामदार से जब लब कुशाई की, फौरन मदद को आये मेरी रहनुमाई की, सदफ मुरादाबादी ने जान दे दी शेर ने उसकी हिफाजत के लिए, जब अली के लाल ने देखा वफा मुश्किल मे है, अली अब्बास नौगांवी ने, यू लगा जैसे कि जन्नत का नजारा देखा, हमने जब ख्वाब मे अब्बास का रौजा देखा, सुहान सिरसवी ने जौफ हाथों में हो अगर महसूस, मातम-ए- शाहे करबला कीजिए जैसे बेहतरीन कलाम पेश कर माहौल नूरानी कर दिया। इसके अलावा नईम शबाब, जौहर वारसी, शकील तालिब, जिया अमरोहवी समेत तमाम शायरों ने कलाम पेश किया। सदारत शाहीन सेथली और निजामत अली अब्बास ने की। शहर इमाम शमशुल हसन ने मुल्क में अमन-चैन की दुआ कराई।