स्टार्टअप शुरू करना है... खादी ग्रामोद्योग है न
बरेली (ब्यूरो)। अगर आपके पास बिजनेस शुरू करने का कोई यूनिक आइडिया है, लेकिन बजट नहीं है तो भी आपके सपनों को पंख लगेंगे। इसके लिए खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग आपके आइडिया को सपोर्ट करेगा और आपको बैंक से लोन दिलाने में भी हेल्प करेगा। जिला खादी ग्रामोद्योग विभाग बेरोजगार युवाओं के साथ 50 वर्ष तक के लोगों को उनके प्रोजेक्ट को देखकर सपोर्ट कर रहा है। इसमें सबसे अधिक जो प्रोजेक्ट जिले भर में लगे हैं, उनमें सबसे अधिक 10 लाख तक के स्टार्टअप हैं।
दी जाती है सब्सिडी
खादी ग्रामोद्योग विभाग अधिकारी अजय पाल का कहना है कि आपके स्टार्टअप को सपोर्ट दी जाती है। इसके बाद आपके आइडिया पर लोन बैंक से ही मिलता है। इस पर खादी ग्रामोद्योग विभाग आपको सब्सिडी भी देता है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत यह सब्सिडी शहरी क्षेत्र में रहने वाले सामान्य वर्ग के पुरुष को 15 और महिला के लिए 25 परसेंट दी जाती है। ग्रामीण क्षेत्र के पुरुष के लिए 25 परसेंट और महिला के लिए यह सब्सिडी 35 परसेंट तक है। फाइनेंस पर सब्सिडी के अलावा बची रकम आपको पांच वर्ष में वापस करनी होती है। जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी का कहना है कि हर वर्ष 50-60 आवेदकों को योजनओं के तहत लाभ दिया जाता है। सिटी के कई यूथ अब तक स्टार्टअप के लिए लोन ले चुके हैैं। सबसे ज्यादा दस लाख तक के स्टार्टअप शुरू किए गए हैैं।
खादी ग्रामोद्योग विभाग की तरफ से दो योजनाओं में सपोर्ट किया जाता है। इसमें एक सीएम ग्रामोद्योग रोजगार योजना है, जिसमें 10 लाख तक के फाइनेंस की सुविधा दी जाती है। इसके लिए आईटीआई से तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने वालों को प्राथमिकता दी जाती है। इसके साथ शिक्षित बेरोजगारों को, जिनकी सरकारी सेवा की उम्र निकल चुकी है, उनको सपोर्ट किया जाता है। स्वरोजगार में रुचि रखने वाली महिलाओं, व्यवसायिक शिक्षा से 12वीं पास और वह कैंडिडेट्स जिन्होंने स्वरोजगार के लिए रोजगार ऑफिस में रजिस्ट्रेशन कराया हो। उनके लिए सीएम योजना के तहत प्राथमिकता दी जाती है। इसके तहत खनिज आधारित उद्योग पत्थर से बनी चीजें, कुटीर कुम्हार उद्योग, गुलाल रंगोली, बर्तन धोने का पाउडर, कांच के खिलौने का निर्माण आदि शमिल है। इसके साथ वन आधारित उद्योग, कृषि आधारित उद्योग, रसायन आधारित उद्योग और परंपरागत उर्जा आधारित उद्योग शामिल हैं।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम
बेरोजगारों को प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत भी 25 लाख से एक करोड़ रुपए तक की वित्तीय सुविधा दी जाती है। इसमें किसी भी मैन्यूफैक्चरिंग की इकाई लगाने पर एक करोड़ तक और सर्विस क्षेत्र के लिए 25 लाख तक फाइनेंस की सुविधा दी जाती है। इसमें परियोजना लागत का 15 परसेंट अनुदान और परियोजना लागत का दस परसेंट स्वयं का अशंदान अनिवार्य है। इस योजना के तहत भी सीएम योजना उद्योगों की तरह फाइनेंस की सुविधा दी जाती है।
लाभार्थियों की आयु 18 वर्ष से कम और 50 वर्ष से अधिक न हो।
50 प्रतिशत तक अनुसूचित जाति, जन जाति पिछड़ी जाति के लाभार्थी
स्थानीय कच्चे माल की उपलब्धता का आकलन करें। चयनित व्यक्ति के लिए ग्रामोद्योग ईकाई निर्धारित की जाएगी।
स्थानीय उपभोक्ताओं की दैनिक आवश्कताओं की वस्तुओं के मैन्यूफैचरिंग के लिए इकाइयां स्थापित कराने में वरीयता दी जाएगी। यह चाहिए दस्तावेज
परियोजना की पूरी डिटेल्स
शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र
तकनीकी प्रमाण पत्र
जाति प्रमाण पत्र
निवास प्रमाण पत्र
उद्यमिता विकास प्रशिक्षण प्रमाण पत्र ऑनलाइन कर सकते हैं आवेदन
ह्वश्चद्म1द्बड्ढ.द्दश1.द्बठ्ठ पर या फिर क्करूश्वत्रक्क श्व क्कशह्म्ह्लड्डद्य पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। इस साइट पर आवेदक को अपने दस्तावेज डाउनलोड भी करने होते हैं। इसके साथ ही हार्ड कॉपी जिला खादी ग्रामोद्योग ऑफिस में तीन दिन के अंदर जमा करनी होती है।
बोले अधिकारी
जिले के जो भी युवा हों या फिर कोई व्यक्ति अपना प्लान शीट बनाकर लाता है। विभाग की तरफ से उसके प्लान को देखकर लोन बैंक के माध्यम से अप्रूव कराया जाता है, ताकि वह अपना बिजनेस शुरू कर सके।
अजय पाल, जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी