बरेली के हर घर में हार्मोनल पेशेंट्स
-डायबिटीज, थॉयराइड, इंफर्टिलिटी, मोटापा और शरीर का विकास न होना आम बीमारी
-मेरठ से बरेली तक एक भी एंडो क्रायोनोलोजिस्ट नहीं, इलाज न मिलने से मुश्किलें बढ़ी BAREILLY: बरेली के लोग हार्मोनल डिजीज यानि हार्मोन से होने वाली बीमारियों की जद में हैं। या यूं कहें कि हार्मोनल बीमारी से कोई घर अछूता नहीं। गरीब तबके से लेकर अमीर घराना। बरेली के हर घर में हार्मोनल बीमारी ने डेरा बनाया हुआ है। पिछले 8 साल से शहर में हार्मोनल डिजीज के केसेज देख रहे मेरठ के एंडोक्रायोनोलोजिस्ट डॉ। एसके गुप्ता ने इलाज के दौरान अपनी केस स्टडीज के आधार पर यह माना है। हार्मोन्स एक्सपर्ट के मुताबिक बरेली के हर घर में एक या दो लोग ऐसे जरूर हैं जो हार्मोन्स की गड़बड़ी के चलते किसी न किसी हार्मोनल डिजीज के शिकार हैं। क्या है हार्मोनएंडोक्रायोनोलोजिस्ट के मुताबिक हार्मोन एक तरह का रस है, जो शरीर में कुछ ग्लैंड्स से निकलता है और सीधे खून में मिल जाता है। यदि यह ग्लैंड्स किसी वजह से डेवलेप नहीं होती या सही से काम नहीं कर पाती तो इस वजह से इम्यून सिस्टम खराब होता है। इस स्थिति में ग्लैंड्स सही तरीके से जरूरी हार्मोन नहीं निकालती। जिससे ज्यादातर हार्मोनल बीमारियां होती हैं। इसलिए एक स्वस्थ्य इंसान के लिए सभी हार्मोन का संतुलित मात्रा में निकलना जरूरी होता है।
थॉयराइड व अनचाहे बाल बड़ी समस्या बरेली की महिलाओं व गर्ल्स में हार्मोनल डिजीज के केसेज सबसे ज्यादा मिले हैं। हार्मोनल डिजीज के केसेज में करीब भ्भ् फीसदी तादाद महिलाओं व गर्ल्स की है। महिलाओं में हार्मोन की गड़बड़ी के चलते होने वाली थॉयराइड सबसे आम बीमारी बन रही है। जिससे गर्ल्स भी पीडि़त हैं। इसके साथ गर्ल्स में चेहरे में अनचाहे बालों की समस्या भी बढ़ती जा रही है। हार्मोन की गड़बड़ी के चलते महिलाओं में इररेगुलर मेन्सट्रुअल साइकिल की दिक्क्त बढ़ी है। कम उम्र में ही इस तरह की समस्या और महिलाओं में समय से पहले मेनोपॉज की दिक्क्त भी हार्मोन के बिगड़ने का नतीजा है। ख्0ख्ब् तक दोगुने होंगे मरीजहार्मोन डिजीज एक्सपर्ट के मुताबिक पिछले 7-8 साल के इलाज के दौरान बरेली शहर में हार्मोन डिजीज के मरीजों का ग्राफ बेहद तेजी से बढ़ा है। इनमें महिलाओं में थॉयराइड के साथ ही पुरुषों में डायबिटीज के मरीजों की तादाद भ्0 फीसदी से ज्यादा बढ़ी है। केस स्टडी में हर कटेगरी में मोटापे के पेशेंट्स की भी भरमार दिखी। एक्सपर्ट के मुताबिक इस रफ्तार से साल ख्0ख्ब् तक बरेली में हार्मोनल डिजीज के केसेज मौजूदा समय के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा होंगे। इनमें पुरुषों में इंपोटेंसी, प्रीमेच्योर इजैकुलेशन जैसी सेक्शुअल डिजीज के भी बढ़ने की आशंका है।
बरेली मंडल में नहीं एंडोक्रायोनोलोजिस्ट मेरठ के एंडोक्रायोनोलोजिस्ट डॉ। एसके गुप्ता हर महीने की ख्फ्, ख्ब् व ख्भ् तारीख को स्टेशन रोड स्थित एक निजी हॉस्पिटल में बरेली के मरीजों को देखने आते हैं। बरेली शहर ही नहीं बल्कि पूरे मंडल में ही एक भी एंडोक्रायोनोलोजिस्ट नहीं है। हालत यह है कि बरेली मंडल तो दूर मेरठ से बरेली और बरेली से लखनऊ के बीच एक भी हार्मोन डिजीज एक्सपर्ट ही नहीं। यूपी के अधिकतर जिलों में एंडोक्रायोनोलोजिस्ट की कमी है। वहीं सरकारी मेडिकल कॉलेजों में भी एंडोक्रायोनोलोजी की सीटे महज एक या बेहद कम हैं। इससे हार्मोन की बीमारियों में मरीज को न तो तुरंत इलाज मिल पा रहा और न ही उन्हें समय रहते इसकी जानकारी हो रही कि उन्हे हार्मोनल डिजीज है। हामार्ेनल डिजीजडायबिटीज, थॉयराइड, बच्चों में नाटापन, गर्ल्स के चेहरे पर अनचाहे बाल, मुहांसे, महिलाओं इररेगुलर पीरियड्स, दुबलापन, शरीर का पूरा विकास न होना, बच्चे का बिस्तर पर पेशाब करना, महिलाओं की कमर में दर्द, जोड़ों का दर्द, ऑस्टियोपोरोसिस, पुरुषों में इंफर्टिलिटी, मानसिक विकास न होना, सेक्स अंगों का विकास न होना, पुरुषों में इंपोटेंसी, अर्ली डिस्चार्ज या इरेक्टाइल डिसफंशन
बरेली में हर घर में कोई न कोई हार्मोनल डिजीज से पीडि़त है। एंडोक्रायोनोलोजिस्ट के न होने से बरेली मंडल में ही हार्मोनल बीमारियों के मरीज परेशानी उठा रहे हैं। इसके चलते शुरुआती स्टेज में ही हार्मोनल डिजीज को पहचानने और इसे कंट्रोल करने में दिक्कत आ रही। एक बार बीमारी मालूम होने पर इसकी लगातार दवा व जांच कराएं। - डॉ। एसके गुप्ता, एंडोक्रायोनोलोजिस्ट