Sir..Sir...O..Sir...We love you
बच्चे जैसा दिया लाड-प्यार
मुझे बचपन से ही म्यूजिक और डांस का शौक था। स्कूल डेज से ही डांस करता था। सूरजभान इंटर कॉलेज के सभी टीचर्स का मैं चहेता था। जब कभी फ्री आवर में मैं डांस करता था तो सभी मुझे एप्रीशिएट करते थे। सच कहूं तो यह एप्रीसिएशन ही मेरी सफलता का कारण साबित हुआ। अपनी लाइफ में सबसे ज्यादा एप्रीसिएशन मुझे मैथ्स की टीचर मोनिका से मिला। स्कूल के बाद जब मैं उनसे पढऩे जाता, तो वह मुझे अपने बच्चे की तरह ट्रीट करती थीं। सर्दियों में कंबल देकर कहती थीं, पहले इसे ओढ़ लो फिर पढऩा। साथ ही उन्होंने मेरे टैलेंट को न सिर्फ पहचाना, बल्कि उसे निखारने के लिए हमेशा प्रेरित भी करती रहीं। वहीं मेरे डांस टीचर बिलाल ने भी मेरी प्रतिभा को काफी निखारा। स्टूडेंट्स को खुद को मेंटली और फिजिकली निखारना होता है, इसकी पहल टीचर ही करता है। - पारस अरोरा, टीवी आर्टिस्ट
अपनी सक्सेस का क्रेडिट मैं अपनी फेवरेट टीचर सत्यम को ही दूंगी। करियर का फस्र्ट स्टेप लेते समय मेरे अंदर काफी कश्मकश थी। मेरी टीचर सत्यम ने मुझे सही रास्ता दिखाते हुए मोटीवेट किया। सिटी के सेंट फ्रांसिस स्कूल में वह मेरी केमेस्ट्री की टीचर थीं। उन्होंने मेरी शू डिजाइन देखकर फोर्स कर के उन्हें आगरा भिजवाया। इसके बाद ही फुटवियर डिजाइनिंग में मुझे लाइफ का पहला ब्रेक मिला। जब मैं पढ़ती थी तब भी वह मेरे सबसे करीब थीं। अब भी वह मेरे दिल के सबसे करीब हैं। बिना मेहनत कोई सफलता की सीढ़ी नहीं चढ़ सकता लेकिन इस सीढ़ी को चढऩे का मोटीवेशन मुझे मेरी टीचर से ही मिला। लाइफ में काफी सारे उतार-चढ़ाव आए मगर टीचर के सपोर्ट से मैं बराबर आगे बढ़ती चली गई। - स्वाति मेहरोत्रा, फैशन फुटवियर डिजाइनर