हनुमान जी के दर्शन पर ग्रहण
- ग्रहण लगने की वजह से दोपहर 12 से बंद हो जाएंगे मंदिरों के पट
BAREILLY: हनुमान जयंती का पर्व सैटरडे को शहर में सेलीब्रेट होगा। हालांकि इस बार हनुमान जी के दर्शन पूरे दिन नहीं कर पाएंगे, क्योंकि चंद्र ग्रहण से आठ घंटे पहले सूतक लगने की वजह से मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे। सनद रहे कि चंद्रगहण क्भ् साल बाद लग रहा है, जो कन्या राशि के लिए अशुभ रहेगा। वहीं अन्य राशि के जातकों के लिए ग्रहण सामान्य रहेगा। ब्रह्मामुहूर्त में होगी पूजाचंद्र ग्रहण के मौके पर सैटरडे को शहर के मंदिरों में भोर में ही पूजा की जाएगी। बजरंगबली का पूजन अर्चन सुबह फ्.ब्म् बजे से प्रारंभ हो जाएगा। सूतक लगने के साथ ही मंदिरों के पट बंद कर दिए जाएंगे। जो ग्रहण समाप्ति शाम 7.क्भ् बजे के बाद खुलेंगे। ज्योतिषाचार्य पं। प्रखर मिश्रा के मुताबिक सूतक लगने से पहले ही पूजन कर लें। सूतक के दौरान देव प्रतिमा का स्पर्श अशुभ रहेगा। ग्रहण फ् घंटे फ्म् मिनट तक प्रभावी रहेगा। इस दिन चंद्रमा और राहु कन्या राशि में रहेंगे। इसलिए कन्या राशि वालों के ग्रहण अशुभ है। राशि के जातकों को ग्रहण देखने से बचना चाहिए।
ग्रहण के प्रभावहनुमान जयंती के दिन खग्रास चंद्रग्रहण दोषप्रद होता है। ज्योतिषाचार्य पं। राजेंद्र त्रिपाठी के मुताबिक ऐसे में चंद्रग्रहण राजनीतिक और कला क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए अशुभ है। साथ ही फसल व आगामी शीतकालीन फसल के लिए अशुभ रहेगा। सोना मंहगा होगा। अनाज के दाम बढ़ेंगे। फलों की खेती में लाभ, सुपारी तथा लाल वस्तुओं के संग्रह करने पर लाभ, जल से उत्पन्न होने वाले पुष्प, सुगन्धित द्रव्य, शंख, लवण, जलयान चालकों व व्यापारियों के लिए अशुभ, मणि और मोती महंगे, मूंग व उड़द के संग्रह करना हितकर रहने की संभावना है। साथ ही ग्रहण के समय खरीदारी, नया मकान, नई दुकान लेने से परहेज करें।
उपाय ज्योतिषाचार्य पं। संजय सिंह के अनुसार ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए लोगों को स्नान, दान, जप, स्तुति पाठ, मंत्र जाप, शाबर मंत्र सिद्धि, आराधना, इस्टसिद्धि व हवन करना चाहिए। इस दिन हनुमत आराधना का विशेष महत्व रहेगा। शनि की ढैया व साढ़े साती से बचने के लिए और मंगल दोष निवारण के लिए हनुमत उपासना श्रेयस्कर रहेगी। गरीबों को दान, भोजन कराने से भी लाभ होगा। गायत्री मंत्र का उच्चारण, भोजन करने से बचें। ग्रहण के बाद स्नान करें और ताज़ा भोजन करें। गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें।सूतक - दोपहर क्ख्.00 बजे
ग्रहण का स्पर्श - दोपहर ख्.फ्फ् बजे ग्रहण प्रारंभ - दोपहर फ्.ब्7 बजे ग्रहण मध्य - शाम भ्.ख्7 बजे ग्रहण पूर्ण - शाम भ्.फ्ख् बजे ग्रहण सम्पन्न - शाम 7.क्ब् बजे ग्रहण को मोक्ष - शाम 8.ख्8 बजे