जीएसटी रिटर्न में बेरुखी, कहीं रैंकिंग न कर दे डाउन
- पिछले दो माह से अन्य शहरों के मुकाबले बरेली के व्यापारी टाइम से नहीं भर रहे रिटर्न
-अगस्त लास्ट में जारी होगी रैंकिंग, टाइम से रिटर्न भरने पर जिले को मिलती है टॉप रैंकिंग बरेली : शहर के व्यापारियों की जीएसटी यानि गुड्स एंड सर्विस टैक्स में बेरुखी के चलते सेंट्रल से जारी होने वाली रैंक में बरेली फिसड्डी साबित हो सकता है। लेट टैक्स जमा करने से जहां एक ओर राजस्व को हानि ही रही है तो वहीं दूसरी तरफ अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। पिछले दो माह में सेल टैक्स विभाग में दर्ज डीलर्स ने टाइम ओवर होने के बाद भी रिटर्न दाखिल नहीं किया है। ऐसे टैक्स पेयर्स पर विभाग अब कार्रवाई करने की तैयारी में है। अगस्त के अंत में जारी होगी रैकिंगहर साल की तरह इस साल भी अगस्त माह के अंत में सेंट्रल से सभी जोन की रैकिंग जारी की जाएगी। विभागीय अफसरों के अनुसार पिछले साल भी बरेली जोन ने रैकिंग अच्छी नहीं थी।
इतनों ने किया रिटर्न फाइल साल 2019-20 के अप्रैल माह में शहर में रजिस्टर्ड कुल 15256 डीलर्स में 12830 ने रिटर्न फाइल किया है। वहीं मई में कुल रजिस्टर्ड 20395 व्यापारियों में सिर्फ 12424 ने ही रिटर्न भरा है।हर माह लेट होती है प्रक्रिया
विभागीय अफसरों के अनुसार हर माह करीब बीस फीसदी डीलर्स समय से रिटर्न फाइन नहीं करते हैं, जिनको नोटिस जारी किया जाता है। इसके बाद देर से रिटर्न भरने पर लेट फीस भी एड की जाती है। लेकिन इस हीलाहवाली के कारण ही बरेली के रैंकिंग में सुधार नहीं हो सका है। चोरी की भी बढ़ी शिकायतें पिछले एक साल की बात करें तो करीब 200 ऐसे व्यापारियों पर कार्रवाई की गई थी, जो सेल परजेजिंग कर रहे थे और रिटर्न जीरो दिखा रहे थे। जांच में यह अनियमितता पकड़ में आई थी जिसके बाद उन्हें टैक्स का दो गुना अर्थदंड के रूप में चुकाना पड़ा। वर्जन अगस्त के अंत तक रैंकिंग जारी की जाएगी, पहले भी रैकिंग काफी अच्छी नहीं रही थी। रिटर्न समय से फाइल न होना इसका सबसे बड़ा कारण है। मुक्तिनाथ वर्मा, एडिशनल कमिश्नर, सेल टैक्स।