अब साल भर सस्ती मिलेगी हरी सब्जी!
IIT कानपुर ने बनाई तकनीक
वॉइस कॉल प्रोजेक्ट को आईआईटी कानपुर की ओर से इजाद किया गया है। इस बारे में आईआईटी कानपुर के प्रोजेक्ट साइंटिस्ट डॉ। श्रवण शुक्ला ने बताया कि इस प्रोजेक्ट को अप्रैल तक पूरे इंडिया में लाया जाएगा। यूपी और उत्तराखंड के कई डिस्ट्रिक्ट को इससे जोड़ा जा चुका है। बरेली में भी यह सुविधा शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि इसमें डिस्ट्रिक्ट के प्रोजेक्ट ऑफिसर का नम्बर रजिस्ट्रड कर लिया गया है। रोजाना वह अपने रजिस्ट्रड मोबाइल नम्बर से जरूरी मैसेज बोलेंगे, जो तुरंत ही उस डिस्ट्रिक्ट के रजिस्ट्रड किसानों के मोबाइल फोन पर ट्रांसमिट कर दिया जाएगा। किसान और पशुपालक इस वॉइस कॉल की मदद से अपने कार्य में जरूरी फेर-बदल कर सकेंगे। डॉ। श्रवण शुक्ला के अनुसार इस प्रोजेक्ट को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसानों के पास फौरन सही जानकारी पहुंचे. इसका उद्देश्य किसानों को हित पहुंचाना है। उन्हें किसी तरह की प्रॉब्लम न हो। 10 हजार किसान जुड़े
डॉ। श्रवण शुक्ला के अनुसार इससे यूपी और उत्तराखंड के करीब 10 हजार किसानों को जोड़ा जा चुका है। उन्हें जानकारी भेजी जा रही है। बरेली से 100 किसानों का मोबाइल नम्बर रजिस्ट्रड किया गया है। उन्होंने बताया कि इस कॉल को केवल सुना जा सकेगा। क्रॉस क्वेश्चन पूछने की सुविधा नहीं है। किसे मिलेगी जानकारीआईवीआरआई के डायरेक्टर डॉ। एमसी शर्मा के निर्देशन में कृषि विज्ञान केन्द्र में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट की प्रभारी डॉ। हेमा त्रिपाठी ने बताया कि इसकी सुविधा मुख्यत किसानों को दी जाएगी। साथ ही पशुपालन से जुड़े किसानों, मत्स्य पालन और मधुमक्खी पालन से जुड़े लोगों को भी मोबाइल फोन पर जानकारी दी जाएगी, ताकि किसानों को प्रॉब्लम न हो। क्या है यह योजनाअगर खेत में खड़ी फसल बर्बाद होती है या फिर पशुओं में कुछ प्रॉब्लम शुरू होती है तो इसका असर समाज के हर वर्ग पर पड़ता है। ऐसे में जरूरत होती है जल्द से जल्द किसानों को सही परामर्श देने की। ऐसी ही प्रॉब्लम से निबटने के लिए शुरू किया गया है वॉइस कॉल प्रोजेक्ट। नेशनल एग्रीकल्चर इनोवेटिव प्रोजेक्ट की ओर से किसानों को जागरुक करने के उद्देश्य से वॉइस कॉल प्रोजेक्ट की शुरुआत की जा रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत किसानों के मोबाइल पर रोजना किसी एक समय आईवीआरआई के कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों की ओर से परामर्श दिया जाएगा। जो उस दिन, उस मौसम को ध्यान में रखते हुए बेहद महत्वपूर्ण होगा।Registered farmers को मिलेगी सूचना
ये सुविधा केवल उन्हीं किसानों को मिलेगी, जो कृषि विज्ञान केन्द्र में रजिस्ट्रड होंगे। अब तक ऐसे 100 किसानों के मोबाइल नम्बर को यहां रजिस्ट्रड कर लिया गया है। इसकी शुरुआत दो दिनों के अंदर शुरू कर दी जाएगी। इसमें जैसे-जैसे किसानों का रजिस्ट्रेशन बढ़ेगा, कॉल उन सभी के पास पहुंचने लगेगी। इसे एग्रीकल्चर से लेकर पशुपालन तक के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।