- ग्रीन पार्क में रह रहे लोगों को बेघर होने का डर

- एडमिनिस्ट्रेशन और ग्रीनपार्क मैनेजमेंट आमने-सामने

- 1960 के मैप पर डिपेंड करेगा की किसकी है जमीन

BAREILLY: ग्रीनपार्क मैनेजमेंट वर्सेज एडमिनिस्ट्रेशन की जंग में हजारों फैमिली मेंबर्स की सांसे अटकी हुई हैं। मेन ग्रीन पार्क, गे्रटर और गोल्डेन ग्रीन पार्क में रह रहे लोगों को घर से बेघर होने का डर सताने लगा है। एडमिनिस्ट्रेशन की नजर में जिस जमीन पर ग्रीन पार्क बसा है वह नहर, नदी और सिलिंग की जमीन है। जबकि ग्रीनपार्क मैनेजमेंट इसे सिरे से खारिज कर रहा है। हजारों लोगों के आशियाने पर मंडरा रहे संकट का भविष्य क्9म्0 के मैप में छिपा है। इसी संबंध में थर्सडे को सोसाइटी के सदस्यों की मीटिंग भी होनी थी। लेकिन मीटिंग फिलहाल टाल दी गई है। अगली मीटिंग दो-तीन दिन में होने की बात सदस्यों ने कही है।

क्99क् के मानचित्र में नहीं है क्लू

तीनों ग्रीन पार्क में करीब साढ़े तीन हजार मकान बने हुए है। ग्रीन पार्क हरुनगला के मानचित्र में शामिल है। लेकिन क्99क् से ख्0ख्0 तक का जो मैप है उसमें कहीं भी नदी, नहर और सिलिंग के जमीन की जिक्र नहीं है। लेकिन एडमिनिस्ट्रेशन की नजरों में पूरा ग्रीन पार्क नहर, नदी और सिलिंग की जमीन पर ही बनी है। जिसको देखते हुए ग्रीन पार्क मैनेजमेंट और एडमिनिस्ट्रेशन सामने आ गया है। सोसाइटी के सदस्यों का कहना है कि सोबती के जीएम अनुप कुमार पांडेय ने जो जमीन के कागज दिखाए है उसमें कहीं भी सिलिंग की जमीन प्रतीत नहीं होती है।

पास्ट में डिपेंड ग्रीन पार्क का भविष्य

वर्तमान मैप में कोई क्लू नहीं होने पर एडमिनिस्ट्रेशन को क्9म्0 के मैप की तलाश है। अगर क्9म्0 के मैप में नगर व सिलिंग की जमीन की पुष्टि होती है तो हजारों ग्रीन पार्क वासियों को घर से बेघर होना पड़ सकता है। उधर ग्रीन पार्क सोसाइटी के लोगों का कहना है कि, एडमिनिस्ट्रेशन जो भी जमीन नहर और सिलिंग की है उसे आईडेंटीफाई करे। एडमिनिस्ट्रेशन लोगों को डराने का प्रयास कर रहा है।

कोर्ट दे चुका है नोटिस

हालांकि कोर्ट ने दो मंथ पहले ग्रीन पार्क मैनेजमेंट को नोटिस भेज चुका है। गोल्डेन ग्रीन पार्क में बने करीब 7-8 मकान नदी के जमीन पर बना है। ऐसे में लोगों को इस बार का डर है कि कहीं बाकी जमीन भी नहर और सिलिंग की न हो। ऐसे में लोगों का डर भी वाजिब है।

सोसाइटी की मीटिंग कैंसिल हो गई है। अगली बैठक जल्द ही जाएगी। एडमिनिस्ट्रेशन लोगों को डराने का प्रयास कर रहे है। अगर कोई जमीन नहर व सिलिंग कि है तो उसे एडमिनिस्ट्रेशन आईडेंटीफाई करें।

-अभिजीत चक्रवर्ती, प्रेसीडेंट, गोल्डेन ग्रीन पार्क

Posted By: Inextlive