बरेली में सरकारी विभाग हैं विद्युत विभाग के बड़े बकाएदार
(बरेली ब्यूरो)। बिजली बिल वसूली में बिजली विभाग को जोर आम उपभोक्ताओं पर तो खूब चलता है, पर समकक्ष पर उनका यह जोर इतना कमजोर पड़ जाता है कि बिल वसूली में वर्षों बीत जाते हैं। उसकी इसी कमजोरी से सरकारी विभागों पर करोड़ो का बिजली बिल बकाया है। इस बिल की वसूली के लिए विभाग की कार्रवाई सिर्फ नोटिस तक सीमित रह जाती है। बकाया बिजली वसूली को लेकर इस लचर कार्रवाई से ही जिले के 19 सरकारी विभागों पर बिजली विभाग का 65 करोड़ 32 लाख 24 हजार रुपया बकाया है। शासन से बकाया बिल वसूली का दबाव बढऩे पर अब बिजली विभाग इन बकायादार विभागों से वसूली को हाथ पांव तो मार रहा है, पर इसमें उसे कोई विशेष सफलता मिल नहीं रही है। फैक्ट एंंड फिगर
6532.24 करोड़ टोटल बकाया
यह हैं बकाएदार विभाग
1- कृषि विभाग
2- पशु चिकित्सालाय
3- पुलिस
4-चिकित्सा शिक्षा
5-न्याय
6-प्राथमिक शिक्षा
7-प्रशासनिक
8- विकास खंड
9-पंचायती राज
10- विकास भवन
11-विज्ञान व प्रौद्योगिकी
12- सेतु निगम
13- समाज कल्याण
14-मनोरंजन व वाणिज्यकर
15-संस्कृति विभाग
16-कमिश्नरी रोहिलखंड
17-न्याय वोर्ड
18-जिला संरक्षण
19-भू जल विभाग
शायद इन्हें भी ओटीएस का इंतजार
आम उपभोक्ताओं से बकाया बिल वसूलने के लिए शासन की ओर से ओटीएस स्कीम लागू की जाती है। इसमें बकाया एकमुश्त जमा करने पर सरचार्ज माफ किया जाता है। उपभोक्ता इस स्कीम का फायदा भी उठाते हैं। यह स्कीम कॉमर्शिलय उपभाक्ताओं या सरकारी विभागों के बकायादारों के लिए नहीं होती है। वर्षों से बिजली बिल दबाए बैठे सरकारी विभागों को भी मानो ओटीएस का ही इंतजार है।
सरकारी विभागों पर करोड़ों बिल बकाया होना और वर्षों बाद भी इसकी अदायगी न करना, यह इन विभागों की लापरवाही तो है ही, बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी भी है और उदासीनता भी। अधिकारियों की इस तरह की कार्यप्रणाली से ही इस विभाग पर निजीकरण की तलवार लटक रही है। बीते कुछ महीने पहले निजीकरण के विरोध में उतरे कर्मचारियों को सेवा में सुधार और वसूली बढ़ाने पर ही मोहलत दी गई थी। इसके बाद भी यह विभाग दूसरे सरकारी विभागों से करोड़ा का बिल वसूल नहीं कर पा रहा है।
6 माह बाद दिया जात है नोटिस
बिजली बिल जमा न करने पर कनेक्शन काटने के लिए आम उपभोक्ता को एक महीने का नोटिस दिया जाता है। वैसे ही सरकारी संस्थानों के लिए यह नोटिस पीरियड 6 महीने का होता है। इसके बाद भी अगर बकायादार विभाग बिल जमा नहीं करता है तो इसकी सूचना बिजली विभाग शासन को भेजता है और कनेक्शन काटने की कार्रवाई भी अमल में ला सकता है।
बिजल बिल को लेकर सभी के लिए एक सा ही नियम है। निर्धारित समय अंतराल के बाद भी बिल जमा नहीं करने वालों को नोटिस दिया जात है। अगर नोटिस देने पर भी बकायादार बिल जमा नहीं करता है तो जरूरी कार्रवाई की जाती है। बकायादार सरकारी विभागों की सूचना लखनऊ उच्चाधिकारियों को भेजी जाती है।
विकास सिंघल, इंजीनियर विद्युत विभाग