मिला पैरेंट्स का सपोर्ट तो भरी उंची उड़ान
माता-पिता ने न रोका न टोका, सिर्फ सपोर्ट किया
बरेली: डोहरा रोड पर सनराइज कॉलोनी में रहने वाली स्वाति ने सीबीएसई इंटरमीडिएट में 99.4 अंको के साथ जिले में पहला स्थान प्राप्त किया है। स्वाति जीआरएम की डोहरा ब्रांच में इंटरमीडिएट की छात्रा है। वह बताती है कि उन्होंने कभी भी पढ़ाई के वक्त तनाव नहीं लिया। पसंदीदा विषय अकाउंट रहा तो उसे सबसे ज्यादा समय दिया। बरेली कालेज में प्रोफेसर पिता डा। दयाराम ने भी उनका काफी सपोर्ट किया। पढ़ाई में कहीं कोई समस्या आई तो पिता ने एक झटके में समाधान दे दिया। मां एक गृहणी है तो उन्होंने भी कभी टोंका टांकी नहीं। पढ़ते वक्त बस आदत अपनाई जो भी पढ़ा पूरा मन से पढ़ा। रिजल्ट आने से कुछ दिन पहले ही स्वाति ने कामन यूनिवर्सिटी इंटरेंस टेस्ट सीयूइटी की परीक्षा दी है। उसका रिजल्ट भी जल्दी आने वाला है। स्वाति बताती है कि वह सिविल सेवा में जाकर लोगों की सेवा करना चाहती है। या फिर आरबीआइ में जाएंगी।
किसान पिता की टॉपर बेटी
पेशे से पिता किसान है और मां एक गृहणी। उनकी बेटी इशिका यादव राधा माधव पब्लिक स्कूल की छात्रा है। इशिका ने इस बार बोर्ड परीक्षा में 99 प्रतिशत अंक लाकर न सिर्फ मां-बाप का ही नाम रोशन किया बल्कि जिले में दूसरा स्थान भी प्राप्त कर लिया। इशिका ने बताया कि उन्होंने पढ़ाई के लिए कभी कोई समय सारिणी नहीं बनाई। न ही कभी यह सोचा कि कौन सा विषय पढऩा है। जब जिस विषय के पढऩे का मन हुआ तो उसे लेकर बैठ गए। जितनी देर तक मन हुआ उतनी देर तक पढ़ाई की। इशिका ने बताया कि वह मोबाइल भी यूज करती है। मगर उसमें अधिकांश समय पढ़ाई करती थी। जो भी चीजें स्कूल या कोङ्क्षचग में समझ में नहीं आती थी वह यूट््यूब से स्पष्ट हो जाती। मगर एक निश्चित समय तक ही उसका प्रयोग किया। अधिकांश समय किताबों से ही पढ़ाई को दिया। इशिका का कहना है कि वह एमबीए करना चाहती है।
इंटरनेट मीडिया पर भी समय बिताया, पढ़ाई भी की
ऐसा नहीं है कि मोबाइल का इस्तेमाल करने वाले कभी टापर नहीं बनते। जीआरएम की नैनीताल ब्रांच में पढ़ाई करने वाले प्रथम ने इस बात को भी झूठ साबित कर दिया। प्रथम ने पढ़ाई के साथ इंटरनेट मीडिया का भी इस्तेमाल करने के साथ पढ़ाई पर भी ध्यान दिया तो वह सीबीएसई इंटरमीडिएट में तीसरे टापर बन गए। उन्होंने 98.8 प्रतिशत प्राप्त किए है। प्रथम बताते है कि उनके पिता सुभाष गर्ग एक व्यापारी है। उन्होंने कभी भी पढ़ाई करने के लिए कोई प्रेशर नहीं दिया। सिर्फ सपोर्ट किया। जब भी कोङ्क्षचग पढऩे को कहा तो तुरंत हां कर दी। प्रथम ने जिले में तीसरा स्थान प्राप्त किया है।