सब सोना खरा नहीं
- अक्षय तृतीया पर जमकर होगी गोल्ड, डायमंड और सिल्वर की बिक्री
- डिमांड अधिक होने से मिलावट के भी रहते हैं चांसेज - जांच-परख कर ही करें परचेजिंग BAREILLY: अक्षय तृतीया पर ज्वैलरी मार्केट में जमकर धन वर्षा होगी। बरेलियंस का रुझान पिछले कुछ सालों से गोल्ड क्वॉइन के प्रति काफी बढ़ा है। अक्षय तृतीया पर गोल्ड के साथ सिल्वर व डायमंड की बिक्री भी खूब होती है। आप जो गोल्ड, सिल्वर या डायमंड खरीद रहे हैं वह कितना खरा है, इसकी पहचान बहुत जरूरी है। आजकल कई ज्वेलर्स प्योर गोल्ड की जगह सिल्वर व कॉपर मिक्स क्वॉइन सेल कर रहे हैं, इसलिए कोई भी ज्वैलरी खरीदने से पहले उसकी जांच परख करना बेहद जरूरी है। डुप्लीकेट हो सकता है गोल्डगोल्ड की शुद्धता ख्ब् (99भ्-999 परसेंट )कैरेट से लगाई जाती है। ज्वैलरी शॉप पर क्वॉइन खरीदते वक्त पूरी सावधानी बरतने की जरूरत है। ब्रांडेड शॉप, पक्की रसीद, गोल्ड का प्राइस, टैक्स और मेकिंग चार्ज कितना है इन बातों का ध्यान देना बेहद जरूरी है। गोल्ड में सबसे अधिक सिल्वर व कॉपर के मिलावट की संभावना रहती है। गोल्ड क्वॉइन खरीदने से पहले से उसे कैरेट मीटर पर चेक कर लेना चाहिए।
डायमंड की जांच है जरूरीडायमंड में भी मिलावटखोरी का खेल खूब चलता है। नकली डायमंड में मोंजोनाइट मिला रहता है, जिसकी हार्डनेस शुद्ध डायमंड से कम होता है। एक्सपर्ट की मानें तो एक शुद्ध डायमंड की पहचान फोर सी यानि कट, कलर, क्लैरिटी और कैरेट के जरिए की जा सकती है। नकली डायमंड में ऐसा कुछ भी नहीं होता है। नकली डायमंड की पहचान नहीं होने की स्थिति में अक्षय तृतीया जैसे खास मौके पर छोटे ज्वैलर्स लोगों को चूना लगाने का काम करते हैं।
सिल्वर भी हो सकता है फीका ऐसा नहीं है कि मिलावट का खेल सिर्फ गोल्ड और डायमंड तक ही सिमित है। सिल्वर में भी मिलावट के काफी चांसेज रहते हैं। ज्वैलर्स सिल्वर में पेलेडियम मिक्स करते हैं, जिसकी पहचान करना काफी मुश्किल होता है। प्योर सिल्वर की पहचान 999 परसेंट से लगाई जाती है। सिल्वर को टंच कर उसकी शुद्धता जाना जा सकता है। एक्सपर्ट की मानें तो पुराने सिक्के खरीदने से बचने चाहिए, क्योंकि मार्केट में पुराने सिक्के नहीं है। कुछ ज्वैलर्स पुराने सिक्के के नाम पर भारी खेल करते हैं। आस्था के नाम पर हो सकता है खेलमैक्सिमम लोग फेस्टिव सीजन में खरीदा गया गोल्ड भगवान को चढ़ाते हैं। धर्म के प्रति इतनी अधिक आस्था होती है कि लोग उस क्वॉइन को बेचना उचित नहीं समझते हैं। सालों साल यूं ही अपने पास सहेज कर रखे रहते हैं। इसका फायदा उठाते हुए कुछ ज्वैलर्स फेस्टिव सीजन में प्योर गोल्ड न देकर कॉपर और सिल्वर मिक्स मार्केट में बेच देते हैं।
नहीं होता शुद्धता नापने का पैमाना सिटी में मैक्सिमम ज्वेलर्स ऐसे हैं जिनके पास क्वॉइन की शुद्धता नापने की मशीन ही नहीं है, जिससे कस्टमर गोल्ड क्वॉइन खरीदते वक्त प्योरिटी की जांच नहीं कर पाते हैं। क्वॉइन की जांच करने का सबसे अच्छा ऑप्शन कैरेट मीटर होता है। इसके जरिए बिना किसी नुकसान के क्वॉइन की जांच एक मिनट में हो जाती है। दूसरा ऑप्शन टंच है, जिसे लोकल मार्केट में रिफायनरी करानी पड़ती है। लेकिन इसमें क्वॉइन को काटना पड़ता है, जिससे गोल्ड क्वॉइन काफी हद तक वेस्ट हो जाता है। अक्षय तृतीया पर होगी पैसों की बारिशअक्षय तृतीया पर बरेलियंस गोल्ड, डायमंड, सिल्वर और प्लेटिनम पर जमकर पैसा खर्च करने के मूड में हैं। कस्टमर के रिस्पॉन्स और ज्वैलरी की बुकिंग से ज्वैलर्स काफी खुश हैं। बड़ा बाजार, आलमगिरी गंज, सिविल लाइन सहित सिटी के विभिन्न एरिया में वर्क कर रहे करीब ब्00 ज्वैलरी शॉप पर भ्0 करोड़ रुपए से अधिक का बिजनेस होने का अनुमान है। ज्वैलर्स की मानें तो कस्टमर रिंग, ईयररिंग, टप्स, पेंडल की ज्यादा डिमांड कर रहे हैं।
बाॅक्स मैटर इस बात का ध्यान दे - ब्रांडेड शॉप से डायमंड, सिल्वर और गोल्ड क्वॉइन या बार (बिस्किट)खरीदे। - कोई भी प्रोडक्ट लेते वक्त पक्का बिल जरूर ले। - एक्सचेंज वैल्यू के बारे में इंक्वॉयरी जरूर करें। - हॉलमार्क का निशान जरूर देख ले। - रसीद पर टिन (वैट) नंबर होना जरूरी। इस बात से बचे - लोकल शॉप से कोई भी सामान लेने से बचे। - बहकावे में आकर क्वॉइन न खरीदे। - बिना पक्की रसीद क्वॉइन लेने से मना कर दे। - रसीद पर टिन (वैट) नंबर है या नहीं इस बात का ध्याने दे। - वैट नंबर नहीं होने पर सामान लेने से मना कर दे। अक्षय तृतीया पर इस बार अच्छा बिजनेस होगा। अभी तक कस्टमर का अच्छा रिस्पांस मिला है। पिछले साल के मुकाबले इस बार गोल्ड, डायमंड और सिल्वर के अधिक बिक्री होने का अनुमान है। इस खास मौके पर कस्टमर को सावधान रहना बेहद जरूरी है। अपने जानने वाले शॉप से ही ज्वैलरी खरीदनी चाहिए। राजीव अग्रवाल, एक्स प्रेसिडेंट बरेली महानगर सर्राफ एसोसिएशनजब किसी चीज में पैसा इंवेस्ट किया जा रहा है तो अलर्ट होना बेहद जरूरी है। कोई भी चीज लेने के बाद पक्की रसीद लेनी जरूरी है। अपने स्तर पर जांच-परख के बाद ही सामान खरीदना चाहिए।
विवेक अरोड़ा, मैनेजर, शोरूम