तोडि़ए खामोशी, आगे बढि़ए, सामना करिए
- शहर में हर दिन गर्ल्स कमेंट्स का होती हैं शिकार
-पेरेंट्स की अनदेखी से बढ़ रही हैं ईव टीजिंग की घटनाएं BAREILLY: नवरात्रि के पावन मौके पर लोग कन्याओं के पूजन में जुट जाते हैं। विधि-विधान के साथ उनकी पूजा करने के बाद सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लेते हैं। लेकिन नवरात्र गुजरने के साथ वही कन्याएं ईव टीजिंग का शिकार होने लगती हैं। इस नवरात्रि पर आई नेक्स्ट आपको हर दिन शहर के एक ऐसे एरिया के बारे में बताएगा, जहां आए दिन गर्ल्स ईव टीजिंग का शिकार होती हैं, जिसके बारे में पब्लिक हो या पेरेंट्स जानकर भी अनजान बने हुए हैं। उनकी खामोशी ही इसे बढ़ावा दे रही हैं। हम मनोवैज्ञानिकों और लड़कियों दोनों के मुताबिक पेरेंट्स की अनदेखी ही ईव टीजिंग का मेन रीजन है। इंट्री से लेकर कैंपस तक असुरक्षितदोपहर करीब दो बजे आई नेक्स्ट टीम बीसीबी कॉलेज गेट पहुंची। कॉलेज में एग्जाम चल रहा था। पहली पाली खत्म होने वाली थी और दूसरी पाली के लिए गेट पर लड़कियां ग्रुप में एग्जाम को लेकर डिस्कशन कर रही थीं। तो दूसरी ओर कुछ एग्जाम देकर वापस लौट रही थीं। उनके पास ही खड़े लड़के लड़कियों को घूरते हुए तेज आवाज में अश्लील बातें कर रहे थे। कमेंट्स से बचना मुश्किल था। ऐसे में लड़कियों ने थोड़ी देर बाद जगह बदल कर उनसे दूरी बना ली। लेकिन यह क्या लड़कों का ग्रुप भी उनके समीप पहुंच गया। लड़कियों से बात करने पर उन्होंने बताया कि यह रोज का किस्सा है। एडमिनिस्ट्रेशन जानता है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। इससे इनके हौसले इस कदर बढ़ गए हैं कि गर्ल्स कॉमन रूम की ओर भी ताका-झांकी करने से लड़के बाज नहीं आते।
हर दिन दर्जनों होती हैं शिकार ईव टीजिंग केसेज पर गौर करें तो प्रत्येक ख्ब् घंटे में दर्जनों लड़कियां अश्लील टिप्पणियों का शिकार होती हैं। ईव टीजिंग के मामले में वूमेन पॉवर लाइन में वर्ष ख्0क्ब् में ख्780 केसेज दर्ज हुए। साथ ही बरेली डिस्ट्रिक्ट में वर्ष ख्0क्ब् में करीब ख्70 मामले दर्ज किए गए। यह आंकडा तो केवल फाइलों में दर्ज है। जबकि सैंकड़ों ऐसी गर्ल्स और महिलाएं हैं जिनपर छींटाकशी तो होती है लेकिन मामले को विभिन्न सामाजिक और पारिवारिक कारणों की वजह से दबा दिया जाता है। ऐसे में लड़कों के हौसला बढ़ने से ईव टीजिंग की घटनाओं में भी इजाफा हो रहा है। इजिली अवेलेबल प्लेसकॉलेज एक ऐसी जगह है जहां गर्ल्स और ब्वॉयज दोनों ही शिक्षा ग्रहण करने पहुंचते हैं। लेकिन धीरे-धीरे ज्ञान का मंदिर मनचलों का अड्डा बनता जा रहा है। सायकोलॉजिस्ट हेमा खन्ना के मुताबिक कॉलेज गोइंग स्टूडेंट्स में हार्मोनल चेंजेज होते हैं। इसलिए ब्वॉयज का गर्ल्स के प्रति आकर्षित होना नेचुरल है। ऐसे में जिन स्टूडेंट्स को परिवार से अच्छे संस्कार मिलते हैं। वह ऐसा नहीं करते। जिन्हें बचपन से ही गर्ल्स के प्रति सम्मान रखने की शिक्षा नहीं मिलती, वह अश्लील टिप्पणी करने से बाज नहीं आते। और इसी प्रवृत्ति के अन्य स्टूडेंट्स का साथ मिलता है तो आदतों में सुधार होना मुश्किल हो जाता है। उनके अनुसार ईव टीजिंग की घटनाओं के जिम्मेदार पेरेंट्स ही हैं। क्योंकि ईव टीजिंग की शिकार गर्ल्स को इग्नोर करते हैं तो दूसरी ओर लड़कों को महिलाओं के प्रति सम्मान भाव रखने की शिक्षा नहीं देते।
कॉलेजेज में ईव टीजिंग की घटनाएं बढ़ने का मेन रीजन पेरेंट्स की ओर से गर्ल्स को कोई एक्शन न लेने की सलाह देना है। अक्सर हम पर राह चलते लड़के ईव टीजिंग करते हैं। वीणा, स्टूडेंट ईव टीजिंग के मामले में गर्ल्स अक्सर अकेली हो जाती हैं। परिवार भी साथ नहीं देता। तो वहीं, पुलिस भी ऐसे मामलों में कोई ठोस कदम नहीं उठाती। दीक्षा, स्टूडेंटजब तक लोगों की मेंटालिटी नहीं बदलेगी, ईव टीजिंग की घटनाओं पर लगाम लगाना मुश्किल है। एक ओर कन्या पूजन करते हैं तो दूसरी ओर छींटाकशी।
करिश्मा, स्टूडेंट लड़कियों को चाहिए कि वह अकेले सफर न करें। सुनसान जगहों पर जाने से परहेज करें। क्योंकि ऐसे प्लेसेज पर अश्लील टिप्पणी करने वालों को पनिशमेंट का डर नहीं होता। इमरान खान, स्टूडेंट