बरेली में लगातार ठगी के मामले आ रहे सामने

304 दिन में दर्ज हुए 379 केस

अमीर बनने के शॉर्टकट में ठगे जा रहे हैं

BAREILLY: बरेली धीरे-धीरे ठगों का ठिकाना बनती जा रही है। शायद ही कोई ऐसा दिन जाता होगा जिस दिन कोई शख्स ठगों के जाल में न फंसता हो। पुलिस के आंकड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं। वर्ष ख्0क्ब् में अक्टूबर माह तक ही धोखाधड़ी के फ्79 मामले दर्ज हुए। यही हाल लास्ट ईयर का भी था। चाहें जमीन हो या फिर एटीएम से ठगी या फिर कोई अन्य वजह सभी तरह के मामले सामने आ रहे हैं। कानून के जानकारों का मानना है कि जल्द अमीर बनने के चलते लोगों में लालच आ रहा है इसके लिए वे चीटिंग का रास्ता अख्तियार कर रहे हैं। वहीं सोशियोलिस्ट भी इसकी वजह समाज में तेजी से आ रहे बदलाव को ही मानते हैं। हर कोई जल्द ही रुपया कमाना चाहता है।

आंकड़े सबकुछ बयां कर रहे

धोखाधड़ी के मामले पिछले कुछ सालों में ही लगातार बढ़े हैं। इस साल अक्टूबर तक फ्79 मामले दर्ज हुए हैं। अक्टूबर तक फ्0ब् दिन होते हैं जबकि मामले फ्79 दर्ज हुए जिससे साफ है कि किस तरह से रोजाना मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है। हालांकि इनमें से क्क् मामले फर्जी भी पाए गए हैं लेकिन यह संख्या काफी कम है। कुछ यही रिकार्ड पिछले साल का भी था। लास्ट ईयर अक्टूबर तक की बात करें तो फ्म्भ् मामले दर्ज किए गए थे और पूरे साल में ब्ब्ख् मामले दर्ज किए थे जिसमें ख्7 मामले ही फर्जी पाए गए थे।

म्0 परसेंट जमीन से जुड़े हैं मसले

सबसे ज्यादा करीब म्0 परसेंट जमीन से जुड़े मामले सामने आ रहे हैं। कोई भी किसी की भी जमीन पर कब्जा कर ले रहा है। जहां खाली प्लाट या जमीन देखी वहां पर लोगों की नजर टेढ़ी हो जाती है। फिर चाहें फर्जी बैनामा हो या फिर इकरारनामा या पॉवर अटार्नी या फिर और कोई अन्य कागज तैयार करना हो सभी पल भर में तैयार हो जाते हैं। जमीन मालिक को ही नहीं पता चलता है कि उसकी जमीन बेची जा चुकी है। एक बार जमीन दूसरे के हाथ फर्जी तरीके से बिक गई तो असली मालिक को भी अपनी जमीन पाने के लिए सालों साल पुलिस थाना और कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ते हैं लेकिन इसका भरोसा नहीं होता है कि उसे जमीन वापस मिलेगी भी या नहीं।

कीमतों में उछाल आने से आया लालच

जमीन के मामलों की बात करें तो सिटी में इस तरह के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। क्योंकि सिटी में जमीन की कीमत जो कुछ साल पहले तक थी वो अब दस गुनी से भी कहीं ज्यादा हो गई है। सबसे ज्यादा बुरा हाल नई डेवलप हो रही कालोनियों में है। इसलिए सुभाषनगर में बदायूं रोड, इज्जतनगर में नैनीताल और पीलीभीत रोड, किला में मिनी बाइपास और दिल्ली रोड, और बारादरी में पीलीभीत रोड व बीसलपुर रोड पर जमीन की धोखाधड़ी ज्यादा हो रही है।

बिल्डरों ने भी बढ़ा दिए दाम

जमीन के दामों में उछाल की बड़ी वजह बिल्डर भी हैं। बिल्डरों ने खराब पड़ी जमीन को भी महंगे दाम में खरीदकर फ्लैट बनाकर बेचना शुरु कर दिया। एक बार जिस जगह बिल्डिंग खड़ी हो गई तो आसपास के एरिया की कीमत भी अपने आप बढ़ जाती है। एक बार कीमत बढ़ी तो फिर भू-माफिया की इस पर नजर पड़ जाती है और वह जमीन के फर्जी कागजात तैयार कर बिक्री शुरू कर देते हैं।

ख्0 परसेंट मामले आनलाइन ठगी के

जमीन के बाद आनलाइन ठगी के मामलों का नंबर आता है। इस तरह के करीब ख्0 परसेंट मामले सामने आते हैं। ऐसे मामलों में इंटरनेट के जरिए लॉटरी निकलने का लालच दिया जाता है। ज्यादा रकम पाने के लालच में लोग अपनी मोटी कमाई ठगों के बैंक एकाउंट में डाल देते हैं लेकिन जब रुपये नहीं आते तो उन्हें ठगी का एहसास होता है। इसके अलावा एटीएम फ्राड के भी मामले बढ़े हैं। ऐसे मामलों में एटीएम कार्ड बदलने या फिर बैंक एकाउंट में चेंज करने के बहाने फोन पर एटीएम कोड और पासवर्ड पूछ लिया जाता है और फिर आनलाइन शापिंग कर ली जाती है।

रकम दोगुनी करने का लालच

आनलाइन ठगी के बाद नंबर आता है रकम दोगुनी करने का। इस तरह के मामले प्रेजेंट टाइम में अब कम हो गए हैं लेकिन अभी भी कुछ केसेस सामने आ रहे हैं। ऐसे केसेस में लोग फर्जी कंपनी खोलते हैं और लोगों को कंपनी में मेंबर जोड़कर रकम दोगुनी करने का लालच देते हैं। इसी लालच में आकर लोग अपने जीवन की गाढ़ी कमाई लगा देते हैं। इसके अलावा दस परसेंट केस नौकरी लगाने के नाम पर ठगी के सामने आते हैं। ऐसे केसेस में लोगों को सरकारी पदों पर बैठे लोगों से जान पहचान का हवाला दिया जाता है। उनसे मोटी रकम ऐंठ ली जाती है।

इसलिए बढ़ रहे हैं मामले

कानून के जानकारों की मानें तो ठगी के मामलों की असली वजह जल्द अमीर बनने की चाहत ही है। इसके लिए वह कानून का भी जमकर उल्लघंन करते हैं। इसके लिए वे किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हो जाते हैं। कोई जमीन के फर्जी कागजात तैयार कर धोखाधड़ी करता है तो कोई इंटरनेट के जरिए ठगी का रास्ता अख्तियार कर लेता है। इसमें भी पुलिस की हीलाहवाली ठगों को और बढ़ावा दे देती है।

सब कुछ पाने के लिए चीटिंग

समाज से जुड़े जानकार भी धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों की वजह अमीर बनने की चाहत को ही मानते हैं। जैसे ही कोई शख्स अपने आसपास के शख्स के अच्छे रहन-सहन को देखता हो तो उसके मन में भी आता है कि वो भी उसके जैसा बने। इसके लिए फिर वह कोई तरीका अपनाने की कोशिश करता है। वह अपना लक्ष्य तो साध लेता है लेकिन इसके लिए साधन कौन सा इस्तेमाल करे इस बारे में नहीं सोचता। इसकी वजह सोसायटी में आ रहा लगातार चेंज भी है। क्योंकि अब समाज दिखावे का समाज होता जा रहा है।

पुलिस भी करती है हीलाहवाली

धोखाधड़ी के मामलों में पुलिस भी हीलाहवाली करती है। क्योंकि इस तरह के केस की जांच के लिए डॉक्यूमेंट की सबसे ज्यादा जरुरत होती है। अगर जमीन की ही बात कर लें तो किसके पास असली कागज हैं इसे पता लगाना काफी मुश्किल होता है। इन्हीं कागजों के फेर में पुलिस पीडि़त को दौड़ाती रहती है। इसके अलावा आरोपी से मोटी रकम भी वसूल लेती है। जबकि अगर पुलिस चाहे तो एक्सपर्ट के पास डॉक्यूमेंट की जांच के लिए भेज सकती है। तहसील व रजिस्ट्री आफिस से भी डॉक्यूमेंट का वैरीफिकेशन करा सकती है।

ऐसे बच सकते हैं ठगों से

-जमीन के मामलों में किसी पर आंख बंदकर भरोसा न करें

-जमीन का असली मालिक कौन है इस बारे में तहसील और रजिस्ट्री आफिस से पता कर सकते हैं

-आबादी की जमीन है तो रजिस्ट्री आफिस से संपर्क करें

-बिना आबादी की जमीन है तो तहसील से उसकी खतौनी निकलवाकर देख लें,

-लाटरी वाले मामलों में किसी भी तरह के मेल, फोन या मैसेज को बिल्कुल इंटरटेन न करें

-एटीएम ठगों से बचने के लिए एटीएम का पासवर्ड के साथ-साथ एटीएम का नंबर भी ना बताएं

-रकम दोगुने करने और नौकरी लगवाने वालों के भी झांसे में नआएं

ठगी के सबसे ज्यादा मामले जमीन से जुड़े हुए आते हैं। इसकी मेन वजह है जमीनों के रेट कई गुना बढ़ना है। इन ठगों से बचने के लिए जमीन के ओरिजनल डॉक्यूमेंट के बारे में तहसील या फिर रजिस्ट्री आफिस से जरूर पता कर लें

विशेष प्रताप सिंह, एडवोकेट

जल्द अमीर बनने की चाहत में लोग चीटिंग का रास्ता अख्तियार कर रहे हैं। इसकी वजह समाज में लगातार आ रहा बदलाव भी है। क्योंकि अब समाज दिखावे पर चल रहा है।

नवनीत अहूजा, सोशियोलोजिस्ट

ठगी के मामले बढ़े हैं। इस तरह के केस आर्थिक अपराध की श्रेणी में आते हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा मामले जमीन से जुड़े हैं। जांच साक्ष्य और दस्तावेजों पर ही आधारित होती है। पुलिस जांच के बाद ही कार्रवाई करती है।

राजीव मल्होत्रा, एसपी सिटी बरेली

Posted By: Inextlive