फर्जी बैनामे कर पैतृक संपत्ति पांच करोड़ों में बेची, तीन वकीलों समेत 20 पर रिपोर्ट
- पिता की ताऊ बनकर तो ताऊ की पिता बनकर बेची संपत्ति, दोनों की ही तीन साल पहले है चुकी है मौत
- दोनों के बच्चे परेशान, लगा रहे हैं अधिकारियों के कार्यालयों के चक्करबरेली। पिता व ताऊ की मौत के बाद पैतृक संपत्ति पर बारातघर बनाकर गुजर बसर कर रहे चार चचेरे-तहेरे भाइयों के पैरों तले जमीन तब खिसक गई जब उन्हें तीन साल पहले ही मर चुके पिता और उनके भाई के नाम पर उनकी संपत्ति बिक जाने की जानकारी मिली। कुछ वकीलों समेत करीब 20 लोग इन भाइयों की संपत्ति करीब एक करोड़ बीस लाख रुपयों में पांच लोगों को बेच चुके थे। इसके बाद पीडि़तों ने पुलिस अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटना शुरू कर दिए। अब एसएसपी के आदेश पर धोखाधड़ी करने वाले वकीलों समेत 20 आरोपियों के खिलाफ बारादरी थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
यह है मामला।जगतपुर के रहने वाले अजयपाल सिंह ने बताया कि उनके पिता गुलफाम सिंह की मौत साल 2017 में हो गई थी। इसके कुछ ही महीनों बाद ही ताऊ प्रताप सिंह भी चल बसे थे। कुछ समय पहले उनकी पैतृक संपत्ति पर कुछ लोग मालिकाना हक जताने पहुंचे तो उन्हें जानकारी हुई की फर्जी बैनामों के आधार पर उनकी संपत्ति ताऊ और पिता के नाम से ही बेची जा चुकी है। जबकि उनकी मौत बैनामे की तारीख से पहले ही हो गई थी। दोनों की मौत के बाद चारों चचेर-तहरे भाई एक चौथाई हिस्सों के मालिक बने थे।
एक करोड़ बीस लाख में हुआ सौदाउनके मुताबिक पिता के हिस्से की संपत्ति फर्जी ताऊ बनाकर तो ताऊ के हिस्से की संपत्ति फर्जी पिता बनकर बेची गई है। जिसमें पहला बैनामा 20 लाख रुपए में सूफी टोला के समी खान के हक में किया गया, जिसमें स्वाले नगर के साजिद और फरीदपुर के संजीव ने गवाही दी थी। दूसरा बैनामा 28,50,000 रुपए में चक महमूद के नासिर के नाम पर किया गया। जिसमें साजिद और उसकी पत्नी रुकसाना गवाह बने। इस टुकड़े पर उन्होंने फर्जी तरीके से हाउसिंग लोन भी लिया। तीसरा बैनामा 21 लाख रुपए में किला के शोजिल खान के हक में किया गया। इसमें गवाही सय्यद रिज़वी मियां ने दी। चौथा बैनामा 20 लाख रुपए में सहसवानी टोला के अजहर के नाम किया गया। इसमें नवादा के सुहैल अंसारी और पुराना शहर के दानिश गवाह बने थे। वहीं पांचवा बैनामा कटरा के अभिषेक गुप्ता के नाम 28,50,000 रुपए में किया गया और इसमें मोहल्ले के ही राजीव कुमार गुप्ता और ब्रह्मपुरा के शकील रहमान ने गवाही दी थी। इन सभी के साथ वकील जयदेव गंगवार, एसबी सक्सेना व अन्य कुछ अज्ञात लोग भी शामिल थे। पीडि़त ने बताया कि ये सभी बैनामे दोनों लोगो की मौत के बाद फरवरी 2018 तक किए जा चुके थे।