आवासीय क्षेत्र में चल रहा चार मंजिला लूथरा टावर
(बरेली ब्यूरो)। डीडीपुरम एलआइसी बिङ्क्षल्डग के सामने एकता नगर में चल रहा व्यावसायिक कांप्लेक्स लूथरा टावर आवासीय क्षेत्र में बना है। बीडीए चार साल पहले ही इस बिङ्क्षल्डग को ध्वस्त करने के आदेश दे चुका है, लेकिन कोर्ट का स्टे होने के कारण कार्रवाई नहीं हो पाई। बीडीए ने स्टे हटाने के लिए कोर्ट में प्रयास शुरू किए हैं। स्टे हटने के बाद भवन का ध्वस्तीकरण बीडीए करेगा।
ध्वस्तीकरण करेगा बीडीए
एकता नगर आवासीय क्षेत्र में आता है। यहां सडक़ किनारे जिनके भी भूखंड हैं, उनमें से अधिकतर ने उसका स्वरूप ही बदल दिया है। तमाम घरों में व्यावसायिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं। लूथरा टावर भी इन्हीं में से एक है। मंगलवार दोपहर वहां पहली मंजिल में लगे बिजली के बोर्ड व मीटर में शार्ट सर्किट से आग लग गई थी। आग में चौथी मंजिल पर बने रेस्टोरेंट तक काफी सामान जल गया था। फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाकर वहां फंसे करीब 40 लोगों को सकुशल बाहर निकाला। इससे पहले दस लडक़े जान हथेली पर रखकर चौथी मंजिल से केबल के सहारे नीचे उतर गए। घटना में एक बात हैरान करने वाले सामने आई। चौथी मंजिल पर जाने के लिए सीढिय़ां और वही पर लिफ्ट भी लगी थी, लेकिन वह जगह काफी कम थी।
घटना के बाद बीडीए ने लूथरा टावर की फाइल तलब की है। जहां लूथरा टावर बना है, वह आवासीय क्षेत्र है। भवन स्वामी ने आवासीय क्षेत्र में व्यावसायिक टावर बना दिया। बीडीए अधिकारियों के अनुसार करीब चार साल पहले लूथरा टावर के निर्माण के दौरान ही उसके ध्वस्तीकरण के आदेश किए गए थे, लेकिन भवन स्वामी कोर्ट से स्टे ले आए। इस पर कार्रवाई नहीं की गई। करीब 20 दिन पहले भवन स्वामी ने बीडीए में 50 लाख रुपये कंपाउंङ्क्षडग के लिए जमा कराए हैं।
भू उपयोग बदलना मुश्किल भरा
आवासीय क्षेत्र में व्यावसायिक कांप्लेक्स की कंपाउंङ्क्षडग मुश्किल है। इसके लिए उस क्षेत्र का भू उपयोग बदलना होगा। व्यावसायिक क्षेत्र में तब्दील करने के बाद ही वहां बिङ्क्षल्डग की कंपाउंङ्क्षडग हो सकती है। इसके लिए बोर्ड में प्रस्ताव पास कराना होगा, फिर शासन से अनुमति भी लेनी होगी। ऐसे में बीडीए ने कोर्ट में स्टे खारिज कराने के लिए पैरवी शुरू कर दी है। स्टे हटने के बाद बिङ्क्षल्डग ध्वस्त करने की तैयारी है।
वर्जन
लूथरा टावर आवासीय क्षेत्र में बना हुआ है। इसकी फाइल निकलवाई गई है। फाइल देखने के बाद सही स्थिति पता होगी। उसके बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
आशु मित्तल, अधिशासी अभियंता, बीडीए