मानसून बाद लहलहाएगा 'फॉरेस्ट विलेज'
- रामगंगा नदी किनारे 150 हेक्टेयर में विकसित किया जा रहा फॉरेस्ट विलेज
- औषधीय, फलदार वृक्षों के साथ ही जापानी मियावाकी तकनीक से तैयार हो रहा घना-सुरम्य वन बरेली : प्रदेश का सबसे बड़ा फॉरेस्ट विलेज बरेली के क्यारा ब्लॉक में विकसित करने की कवायद को मानसून की संजीवनी का इंतजार है। 150 हेक्टेयर में तैयार फॉरेस्ट विलेज में औषधीय और फलदार वृक्ष के साथ नहर, झील के लिए गड्ढे तैयार किए जा चुके हैं। अगस्त तक फॉरेस्ट विलेज पर्यटकों के लिए तैयार कर दिया जाएगा। गड्ढे तैयार किए जा रहेजिला मुख्यालय से 18 किमी दूर क्यारा ब्लॉक में दो जनवरी को डीएम नितीश कुमार ने फारेस्ट विलेज की नीव रखी। सांसद आंवला धर्मेंद्र कश्यप के साथ पहले पौधे लगाए गए। फिर कोविड संक्रमण बढ़ने की वजह से कवायद ठहर गई। वन विभाग ने भी 110 हेक्टेयर भूमि पर आम, करौंदा, अमरूद, आंवला, जामुन, बेर, पीपल, बरगद, शहतूत, शमी आदि के पौधे लगवाने के लिए तैयारी कर ली है। मानसून की बारिश के साथ यहां काम शुरू हो जाएगा। यहां 10 हेक्टेयर में एक लाख पेड़ मियावाकी तकनीक से विकसित होने हैं। इसलिए ज्यादा समय नहीं लगेगा।
बैलगाड़ी पर भी सवारीबुखारा मोड़ से शाहजहांपुर जाने वाली मुख्य सड़क से एक ¨लक रोड विलेज फॉरेस्ट तक आ रही है। इस रोड पर बालू पर गिट्टी बिछाई जाएगी। डीएम की प्ला¨नग है कि विलेज तक लोगों को बैलगाड़ी से लाया जाए। सड़क के दोनों तरफ अशोक, पाम, कचनार के पेड़ हों। भूमि सरंक्षण अधिकारी, वन विभाग, मत्स्य विभाग, ¨सचाई विभाग की टीमों ने सर्वे रिपोर्ट तैयार कर दी। यहां खेती के नवाचार को लेकर भी किसानों को जानकारी दी जाएगी।
कोविड संक्रमण की वजह से प्रोजेक्ट थोड़ा लेट हुआ। लेकिन मियावाकी वन तैयार होने में समय नहीं लगता है। बाकी मानूसन के साथ वन विभाग के अधिकारियों को यहां जंगल तैयार करने के लिए कहा गया है। यह आने वाले समय में पर्यटन की दृष्टि से आकर्षण होगा। - नितीश कुमार, डीएम बरेली