-ग्राम प्रधान द्वारा वोट के लालच में आरोपी पक्ष के खिलाफ न बोलने से टूटा रिश्ता

BAREILLY: रिश्ते टूटने-जुड़ने के वैसे तो तमाम मामले देखें होंगे, लेकिन चुनाव की राजनीति से घर के बिखरने की बात शायद नहीं सुनी होगी। परिवार परामर्श केंद्र में सैटरडे को एक ऐसा ही मामला आया, जिसमें लड़की का पिता इस बात की दुहाई दे रहा था कि प्रधान जी चाहें तो उनकी बेटी का घर उजड़ने से बच सकता है, लेकिन प्रधान हैं कि वोट बैंक के फेर में बीच-बचाव से बच रहे हैं।

प्रधान जी साथ देते तो रिश्ता न टूटता

बहेड़ी के गुड़वारा गांव में एक साल पहले सुनीता (नेम चेन्ज्ड) की शादी सब्जी व्यापारी राजू मौर्य से हुई थी। सुनीता का आरोप है कि पति शराब पीकर उसकी पिटाई करता है, जिससे उसका गर्भपात भी हो चुका है। इस मामले के समझौते के लिए सुनीता के पिता भगवान दास गुडवारा गांव के प्रधान से कई बार मिल चुके हैं। परामर्श केंद्र आए भगवान दास ने बताया कि छह महीने पहले तक प्रधान समझौता कराने का आश्वासन देते रहे, लेकिन अब इलेक्शन की वजह से वह अपने गांव के लोगों से बुराई मोल नहीं लेना चाहता। काउंसलर्स के सामने भगवान दास रोते हुए कहते रहे कि प्रधान भी एक ही जाति के हैं, ऐसे में समधी पक्ष को प्रधान की बात माननी पड़ती। प्रधान साथ दें देते तो इकलौती लड़की का परिवार न उजड़ता।

इकलौती लड़की की किस्मत पर रोता रहा पिता

सुनीता के पिता भगवान दास परामर्श केंद्र में मौजूद समधी पक्ष की लोगों तमाम दलील सुनते रहे, लेकिन अपनी इकलौती संतान को दोबारा ससुराल भेजने को राजी नहीं हुए। बिलखती सुनीता ने काउंसलर्स के सामने अपने साथ हो रही हिंसा की दास्तां सुनाई, और पति द्वारा गुंडे भेजकर मरवाने की धमकी की बात भी बताई। लड़के पक्ष को डपटने हुए काउंसलर्स ने राजू से सुनीता को अपने घर सुरक्षित रखने का आश्वासन लिया, लेकिन डरी सहमी सुनीता जाने के लिए तैयार नहीं हुई। काउंसलर्स ने ग्राम प्रधान को भी अगली काउंसलिंग में बुलाकर समझौता कराने का दबाव बनाने की बात कही, लेकिन भगवानदास राजी नहीं हुए। आखिर तक ये कहते रहे कि साहब, इलेक्शन के वक्त प्रधानजी सिर्फ अपने फायदे पर ही ध्यान देंगे। मामले की काउंसलिंग काउंसलर एसडी तिवारी व महेश चंद्र शर्मा ने की।

Posted By: Inextlive