चाह कर भी बीसीबी नहीं भरवा सकता ऑनलाइन फॉर्म
- हजारों की संख्या में स्टूडेंट्स के लिए नहीं है सेटअप
- हजारों स्टूडेंट्स के लिए मुट्ठी भर कम्प्यूटरBAREILLY: आरयू ने एग्जाम फॉर्म भरवाने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था शुरू करने से पहले यह कतई नहीं सोचा होगा कि यह मुद्दा भी हंगामे का कारण बन सकता है। ऑनलाइन व्यवस्था किसी भी हाल में बंद नहीं हो सकती। वहीं दूसरी तरफ इसके तहत ली जाने वाली प्रोसेसिंग फीस और साइबर कैफे को लेकर हंगामा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। इस मुद्दे को लेकर स्टूडेंट्स अब आरयू के साथ टकराव के मूड में हैं। बरेली कॉलेज में तो उन्होंने बाकायदा फॉर्म जमा करने के प्रोसेस का बहिष्कार कर दिया है। यहां कॉलेज के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि वह हजारों की संख्या में स्टूडेंट्स का फॉर्म भरवाने में असमर्थ है। जबकि आरयू यह कहकर पूरे मसले से अपने आप को अलग कर रहा है कि कॉलेज अपने यहां पर फॉर्म भरवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। ऐसे में स्टूडेंट्स दोराहे पर आ गए हैं। कुछ भी हो मजबूरी में उन्हें प्रोसेसिंग फीस देनी ही होगी और साइबर कैफे में जाकर फॉर्म फिल करना ही होगा।
मुद्दे की बात यह हैआरयू ने पहली बार मेन एग्जाम फॉर्म को भरने की व्यवस्था को ऑनलाइन किया है। इसके तहत वह हर स्टूडेंट से प्रोसेसिंग फीस के रूप में ख्00 रुपए चार्ज कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ ऑलनाइन व्यवस्था होने से स्टूडेंट्स साइबर कैफे पर डिपेंड हो गए हैं। सारे डॉक्यूमेंट्स व फोटो स्कैन और अपलोड करने व फॉर्म की प्रिंटआउट निकालने के लिए साइबर कैफे स्टूडेंट्स से अलग चार्ज कर रहे हैं। हंगामे का मुद्दा यही है। स्टूडेंट्स लीडर्स चाहते हैं कि या तो यूनिवर्सिटी प्रोसेसिंग फीस ना चार्ज करे या फिर कॉलेज स्तर पर सभी स्टूडेंट्स का फॉर्म भराया जाए। ताकि साइबर कैफे वालों को अलग से चार्ज न देना पड़े।
बीसीबी में बंद है व्यवस्था बरेली कॉलेज में पिछले दो दिनों से स्टूडेंट्स न तो फॉर्म जमा कर पा रहे हैं और न ही प्रोसेसिंग फीस। स्टूडेंट्स लीडर्स के हंगामे के चलते सभी काउंटर्स बंद पड़े हैं। स्टूडेंट्स लीडर्स की मांग है कि कॉलेज में ही सभी स्टूडेंट्स के ऑनलाइन फॉर्म भराए जाएं। क्0 कम्प्यूटर पर ख्9,000 स्टूडेंट्सबरेली कॉलेज के सामने सबसे बड़ी प्रॉब्लम खड़ी हो गई है। वह चाह कर भी स्टूडेंट्स के ऑनलाइन फॉर्म भरा नहीं सकता। कॉलेज के लाइब्रेरी में इंटरनेट फैसिलिटी से लैस कम्प्यूटर की सुविधा है। लेकिन यहां पर महज क्0 कम्प्यूटर हैं। जबकि कॉलेज में रेगुलर स्टूडेंट्स की संख्या करीब ख्9,000 है। ऐसे में यह व्यावहारिक रूप से बिल्कुल मुमकिन नहीं है कि केवल क्0 कम्प्यूटर के सहारे सभी स्टूडेंट्स का ऑनलाइन फॉर्म भरा दिया जाए। यदि भराने की कोशिश की भी जाती है तो प्रोसेस टाइम पर पूरा भी नहीं होगा। वहीं स्टूडेंट्स की सहायता के लिए हर कम्प्यूटर पर कर्मचारी नियुक्त करना होगा। हजारों स्टूडेंट्स को फॉर्म की कॉपी भी मुहैया करानी होगी। ऐसे में कॉलेज के उपर भारी खर्च आएगा।
बीसीबी ने दिया था सुझाव इस मसले को हल कराने के लिए बीसीबी ने एक सुझाव भी दिया था। प्रिंसिपल डॉ। सोमेश यादव ने बताया कि आरयू को चाहिए थ कि वह हर सिटी में कई फैसिलिटेशन सेंटर खोल दे। ताकि स्टूडेंट्स वहां पर जाकर अपने सुविधा अनुसार फॉर्म फिल कर सके। बीसीबी जैसे बड़े कॉलेज में फॉर्म फिल कराना बिलकुल मुमकिन नहीं है। किसी भी कॉलेज में इतनी संख्या में स्टूडेंट्स को मैनेज करने के लिए पर्याप्त कम्प्यूटर सेटअप नहीं होता।