बायोलॉजी, प्रश्न की मांग को समझें तो मिलेगा अच्छा स्कोर
BAREILLY:
बायोलॉजी में डायग्राम की इर्पोटेंस को ध्यान में रखते हुए तैयारी करने की करने की जरूरत है। किसी भी सब्जेक्ट को सरसरी तौर पर तैयार करने की आदत अक्सर खराब रिजल्ट का कारण बनती है। यहां आज हम सब्जेक्ट स्पेशलिस्ट की राय पर आधारित कुछ की-प्वाइंटर सजेस्ट कर रहे हैं, जो आपको इस सब्जेक्ट की ऐन मूमेंट प्रिपेरेशन में मदद करेंगे। साथ है कुछ इंर्पोटेंट टॉपिक्स जो आपके लिए हो सकते हैं स्कोरिंग। ये है मार्क्स गेनिंग टॉपिक्सएग्जाम की स्मार्ट प्रिपेरेशन के लिए एनसीईआरटी बुक में न्यू पैटर्न के आधार पर जो यूनिट का मार्क्स डिस्ट्रीब्यूशन है, उसे जरूर ध्यान दें। जिन यूनिट्स को ज्यादा वेटेज दिया गया है उन्हें अच्छी तरह तैयार करें। इंर्पोटेंट टॉपिक्स में जेनेटिक्स एंड रिवोल्यूशन से ख्0 मार्क्स, एनवायरमेंट एंड इकोनॉमिक्स से क्ब् मार्क्स के क्वैश्चंस पूछे जाते है। इसके अलावा रीप्रोडक्शन, काईनेटिक्स, बायोलॉजी इन ह्यूमन वेलफेयर, बायोटेक्नोलॉजी एंड इट्स एप्लीकेशंस मार्क्स गेनिंग टॉपिक्स है। इसके अलावा दूसरे सभी टॉपिक्स की भी डीप स्टडी करें। तैयारी करते वक्त ध्यान रखें कि सक्सेस का कोई शार्टकट नही होता।
इनका रखें खास ख्यालहर क्वैश्चंस का आंसर उसके मार्क के एकॉर्डिग ही लिखें, यदि प्रश्न ज्यादा नंबर में पूछा गया है तो अपने आंसर को इलेबोरेट करें, जिसके लिए एग्जाम्पल्स व फैक्स का इस्तेमाल करें।
कम नंबर में क्वैश्चन पूछा गया है तो उसे समराइज्ड फॉर्म में लिखें। ये एक कला है जिसके लिए टॉपिक की डीप स्टडी जरूरी है। सभी लेसन इंटर-कनेक्टेड होते हैं इसलिए इन्हें हमेशा सीक्वेंस वाइज ही तैयार करें। इससे कांसेप्ट व बेस क्लीयर रहेगा। हर चैप्टर के डायग्राम को एक अलग कॉपी पर ड्रा करके याद करें। फ्लोचार्ट व टेबल्स को लिखकर याद करें इससे इनकी सीरीज में कंफ्यूजन नही होगा। क्वैश्चन पेपर सॉल्व करते वक्त सीक्वेंस का ध्यान रखें, जो भी सेक्शन कर रहे हैं उसके सारे क्वेश्चन सॉल्व करके ही दूसरे सेक्शन पर जायें। पेपर रीडिंग के लिए मिलने वाले एक्स्ट्रा मिनट्स में क्वेश्चन की डिमांड व नंबर को ध्यान में रखते हुए क्वेश्चन की लेंथ प्लान करे। इससे आंसर करते वक्त स्टूडेंटस का टाइम वेस्ट नहीं होगा। रटा-रटाया आंसर देने से बचें। - डा। सीमा अग्रवाल, बायोलॉजी टीचर, बीबीएल पब्लिक स्कूल