Bareilly: क्या आप अपनी कमर के बढ़ते साइज से परेशान हैं. डे बाई डे इंक्रीज होते वेट को कंट्रोल करने के लिए जिम में पसीने के साथ हर महीने हजारों रुपए भी बहा रहे हैं. तो चलिए हम आपको वेट कंट्रोल करने का चीप एंड बेस्ट तरीका बताते हैं. बस आटा माढऩा घर की साफ-सफाई और सब्जी बनाने जैसे काम शुरू कर देने हैं. डॉक्टर्स के मुताबिक घर के काम बेस्ट एक्सरसाइज हैं. जो लेडीज घर के ये काम रेगुलरली करती हैं उन्हें मोटापा कभी नहीं सताता.


6 महीने में 10 परसेंट का इजाफा फिजीशियन डॉ। भारती सरन के मुताबिक, बदलती लाइफस्टाइल लोगों को डिफरेंट टाइप की बीमारियां गिफ्ट कर रही है। खासकर घर की महिलाओं को। अपर मिडिल क्लास फैमिलीज में लेडीज एक बार में जितना खाती हैं, दरअसल उतनी मेहनत नहीं करती हैं। इससे पेट और कमर पर चर्बी बढ़ जाती है। उनके पास आने वाली फीमेल पेशेंट्स में ज्यादातर की परेशानी मोटापे की वजह से ही है। मोटापे से होने वाली बीमारियों के मामलों में हर 6 महीने पर 10 परसेंट का इजाफा हो रहा है। घरेलू कामों में कम interest


डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के फिजियोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ। हरीश चंद्र बताते हैं, अगर महिलाएं अपने घर के छोटे-छोटे काम खुद करें तो उनका मोटापा खुद ब खुद कंट्रोल में रहेगा। बरेली की सामाजिक संस्था द्वारा 200 महिलाओं पर हुई रिसर्च में यह बात सामने आई कि लेडीज का घर के कामों में इंट्रेस्ट कम होता जा रहा है, जिसकी वजह से उनमें मोटापे की समस्या बढ़ रही है।बढ़ रहीं serious disease

डॉक्टर्स के अकॉर्डिंग, महिलाओं में डायबिटीज, हाइपरटेंशन, ब्लड प्रेशर, अनिंद्रा और हार्ट डिजीज के केसेज बढ़ते जा रहे हैं। लेजी लाइफ मोटापे का सबसे बड़ा कारण होती है। घर में खाना बनाने, साफ-सफाई या पैदल खरीदारी से पर्याप्त मात्रा में कैलोरीज बर्न हो जाती है। साइकोलॉजिस्ट डॉ। हेमा खन्ना ने बताया कि महिलाओं में समस्या बढऩे का एक रीजन ये भी है कि वह सिक्योरिटी, ट्रैफिक और गंदगी जैसे कारणों के चलते घर से बाहर निकलना कम पंसद करती हैं। घर में भी वह  ज्यादा समय टीवी, कंप्यूटर और मोबाइल पर चैटिंग में बिताती हैं। वहीं घर में ज्यादा खाने की उपलब्धता भी उन्हें मोटा बना रही है। 80 परसेंट कैलोरी बर्न होनी चाहिएडायटीशियन मुक्ता वोहरा कहती हैं कि एक बार में जरूरत से ज्यादा खाना सेहत के लिए ठीक नहीं होता। आजकल घर में रहने वाली महिलाओं में एक्सेस खाने की मेंटेलिटी देखी जा रही है। जितनी कैलोरी खाने के साथ बॉडी में जाती है, उसका 80 परसेंट खर्च हो जाना चाहिए। अगर ये कैलोरी बर्न नहीं होती तो मोटापे का कारण बनती है।  घर के अंदर कामों पर खर्च होने वाली एनर्जीये डाटा उन फीमेल्स जिनका वेट 65 केजी हो और मेल जिनका वेट 72 केजी हो, को ध्यान में रखकर दिए गए हैं- काम                              खर्च हुई कैलोरी  क्लीनिंग एंड डस्टिंग              150 से 294 स्लीपिंग                              60 से 72

 रीडिंग                               90 से 108 प्रिपरेशन कुकिंग फूड               132 से 234 गार्डनिंग                           300 से 360  डांसिंग                            200 से 372 टीवी                                  50 से 86 घर के बाहर के कामों में व्यय होने वाली एनर्जी काम                                खर्च हुई कैलोरी शॉपिंग                          240 से 360 रनिंग                           320 से 400 वॉकिंग (4 किमी पर आवर )    100 से 140 वॉकिंग( 8 किमी पर आवर)      450 से 522 वॉकिंग ( 6 किमी पर आवर)     243 से 353 साइक्लिंग (16 किमी पर आवर)     300 से 444Report by: Abhishek Mishra

Posted By: Inextlive