Bareilly: बल्क एसएमएस से एक दिन पहले ही बैन हटने के बाद फ्राइडे को बरेली के यूथ्स काफी खुश रहे. चौदह दिनों बाद मैसेज लिमिट हटी तो यूथ्स ने अपने फ्रेंड्स और रिलेटिव्स को जमकर मैसेज किए. बंगलुरु में पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों को बड़ी संख्या में धमकी भरे एसएमएस भेजे जाने के बाद केंद्र सरकार ने 17 अगस्त से 31 अगस्त तक बल्क एसएमएस पर रोक लगा दी थी. इस समय सीमा के दौरान एक नंबर से पर डे पांच से ज्यादा एसएमएस भेजने पर रोक थी. इसे लेकर सिटी के यूथ्स काफी परेशान थे. समीक्षा के बाद सरकार ने एसएमएस पर लगी रोक को एक दिन पहले ही हटा दिया. बल्क एसएमएस पर लगी रोक को हटाने के सरकार के फैसले से बरेली के यूथ्स काफी खुश दिखे. एसएमएस को जिदंगी का महत्वपूर्ण अंग मानने वाले बरेली के यूथ्स का कहना है कि सरकार अगर इस फैसले को कुछ दिन पहले ले लेती तो और अच्छा होता.


कब हुआ क्याअसम में हिंसा के बाद अफवाहों से भरे एसएमएस की बाढ़ आ गई थी। इसकी वजह से चलते दक्षिण भारत में रहने वाले विभिन्न राज्यों के लोग अपने-अपने घरों की ओर पलायन करने लगे थे। स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार ने बल्क एसएमएस और एमएमएस पर प्रतिबंध लगाते दिया था। साथ ही पर डे मैक्सिमम पांच मैसेजेज की लिमिट निर्धारित की गई थी.     बाद में सुधरते हालात को देखते       हुए सरकार ने 24 अगस्त को एसएमएस की संख्या 5 से बढ़ाकर 20 कर दी थी। यूथ्स का ज्यादातर काम मैसेज से ही होता है। जब एसएमएस की लिमिट  पांच की गई थी तो हमें इमरजेंसी के लिए मैसेज बचाकर रखने पड़ते थे।-अजीत सिंह, पशुपतिनाथ


एसएमएस पर लगी गई रोक ने मोबाइल बिल बढ़ा दिया था। हर काम के लिए कॉल ही करनी पड़ती थी। लिमिट न होने से ज्यादातर बातें एसएमएस से ही हो जाती हैं। -कविता नेलसन, मिशन कंपाउंडमैं ये नहीं कहता कि सरकार का फैसला गलत था लेकिन जितने दिन हम मैसेज नहीं कर सके उतने दिन की क्रेडिट लिमिट को आगे बढ़ाया जाना  चाहिए। -शोभित गुप्ता, राजेंद्र नगर

घर से बाहर होते हैं तो घरवालों से जुड़े रहने का सबसे अच्छा और सस्ता माध्यम एसएमएस ही होता है। जब से एसएमएस पर रोक लगी थी। मैं  फ्रेंड से कट गई थी।-गजाला खान, ओल्ड सिटी

Posted By: Inextlive