सज गया दरबार, आज से नवरात्रि
-24 वर्षो के बाद प्रेमोत्व सकल कार्य सिद्धि योग
- तीन घंटा 48 मिनट में पूर्ण होंगी सारी मनोकानाएं -बिजली की झालरों से सजें सिटी के दुर्गा मंदिर -शेर पर सवार होकर आएंगी माता शैलपुत्री -कमल आसन पर माताजी की होगी विदाई BAREILLY: नवरात्रि की पूर्व संध्या पर भक्तजनों ने मां का दरबार सजाया। नवरात्रि का पहला दिन सोमवार को रोहिणी नक्षत्र में पड़ने की वजह से एंद्र योग बन रहा है। इस तरह का योग ख्ब् वर्षो के बाद आया है। इस योग से शांति, धन और प्रेम की वर्षा होगी। इस मौके पर संडे को लोगों ने पूजा-अर्चना के लिए सामान भी खरीदे। मंदिरों में रही चहल-पहल, भक्तों में उत्साहनवरात्रि को लेकर सिटी के हजारों भक्तों में उत्साह देखी जा रही है। प्रमुख मंदिरों में एक दिन पहले ही साफ-सफाई और डेकोरेटिंग की व्यवस्था कर दी गई। मंदिरों के आसपास नारियल, चुंदरी, रोरी, कपूर, दीपक आदि की दुकानें सज उठी हैं।
इन मंदिरों पर उमड़ेगा भक्तों का सैलाब डिस्ट्रिक्ट के प्रमुख दुर्गा मंदिरों में नव दुर्गा मंदिर साहुकारा, चौरासी घंटा मंदिर सुभाषनगर, कालीबाड़ी मंदिर, धूपेश्वर नाथ मंदिर पर भक्तों का जन-सैलाब उमड़ेगा। कालीबाड़ी मंदिर में सुबह साढ़े छह बजे कलश पूजन इसके पश्चात आरती और पूरे दिन पूजा-अर्चना सिलसिला जारी रहेगा।नक्षत्र, योग और करण एक तिथि पर
आज चंद्रमा, रोहिणी और एंद्र का संयोग है। विद्वानों का कहना है कि इस मौके पर शांति, धन और प्रेम के लिए अलग-अलग समय में माताजी का पूजन-अर्चन होगा। सोमवार सुबह भ्.भ्म् बजे सूर्योदय के साथ माता की पूजा का मुहुर्त शुरू हो जाएगा। सुबह सात बजे प्रेमोत्व सकल कार्य सिद्धि योग बन रहा है। इस योग की अवधि को तीन घंटे, ब्8 मिनट, क्ख् सेकेंड और फ्म् पल के तहत तीन चरणों में बांटा गया है। प्रथम चरण एक घंटे में भक्त प्रेम, द्वितीय चरण के एक घंटे में धन और तृतीय चरण में शांति के लिए पूजन-अर्चन करेंगे। ऐसे करें देवी की पूजामाताजी की प्रात:काल पूजन की विधान के तहत एक चौकी बनाई जाएगी। इसपर लाल रंग का वस्त्र लपेटकर उसको सफेद धागे से बांधना फलदाई होगा। भक्त चौकी पर लाल रंग के चावलों से साप्तिक बनाएं। इसपर देवी की स्थापना नारियल या फिर प्रतिमा के माध्यम से करें। खुद के बाएं और देवी की दाई तरफ कलश की स्थापना करें। अपने दाएं तरफ भक्त घी की दीया जलाएं। एक दूसरी चौकी पर सफेद वस्त्र बिछाएं और इसके दो भाग बना लें। एक साइड में नवग्रह और दूसरे साइड में षोड्स मात्रिका बनाएं। भक्त शुरू में गणेश पूजा करें और इसके बाद षोड्स मात्रिका पूजन और फिर नवग्रह की पूजा, कलश पूजा के उपरांत देवी का पूजन फलदाई होगा। पूजन के पश्चात भक्त अपनी मनोकामना के लिए हाथ में नारियल लेकर माताजी की स्तुति करेंगे। नारियल में चुंदरी लपेटें और ऊपर से सफेद धागा लपेटकर देवी को चढ़ा दें। देवी की पूजा के लिए भक्त जटायुक्त नारियल ही चढ़ाएं।
: मंदिर में साफ-सफाई हो चुकी है और भक्तों की सहूलियत के लिए कमेटी के सदस्य एलर्ट होंगे। राजेंद्र गौड़, अध्यक्ष श्री काली देवी मंदिर प्रबंधन कमेटी। : माताजी इस बार नवरात्रि में सुख और समृद्धता की बरसात करेंगी। भक्तों में काफी उत्साह की लहर है। रविंद्र मोहन गर्ग, व्यवस्थापक और पंडित चौरासी घंटा मंदिर। : इसबार नवरात्रि का पर्व खास योग के साथ प्रारंभ होगा। भक्तों की सारी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए चंद्रमा, रोहिणी और एंद्र का संगम हो रहा है। : ज्योतिषाचार्य, राजेंद्र।