मेंथी-पालक ने लगाई ‘सेंचुरी’
बरेली (ब्यूरो)। जुलाई, अगस्त और सितंबर में हुई कम बारिश ने जहां लोगों का गर्मी से पसीना छुड़ाया, वहीं अक्टूबर में हुई झमाझम बारिश ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। लगातार तीन दिन से हो रही तेज बारिश से शहर की सडक़ों पर जलभराव हो गया। इसके साथ ही हरी सब्जियों को भी काफी नुकसान पहुंचा है, जिससे मंडी में मेंथी और पालक के थोक रेट क्रमश: 150 और 100 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हंै। इसके साथ ही अन्य हरी सब्जियों के रेट में भी काफी उछाल आया है तथा आलू और प्याज पर भी महंगाई का तडक़ा लगा है।
थाली पर भी महंगाई की मार
होटल और रेस्टोरेंट में जहां अब तक दाल के साथ सीजनल हरी सब्जियां मिलती थीं, वहीं अब हरी सब्जियां या तो थाली से गायब हो गई हैं या थाली के रेट बढ़ा दिए गए हैं। इससे लोगों को मुश्किल हो रही है। वहीं अब सलाद भी थाली से गायब हो गई है या फिर उसके अलग से रुपए लिए जा रहे हैं।
फसल हो गई नष्ट
बारिश के कारण तीन दिन से मंडी में भी हरी सब्जियों की आवक घटी है। वहीं किसानों का कहना है कि उनकी तैयार फसल को भारी नुकसान हुआ है, क्योंकि सब्जियों के खेत में पानी भर गया है, जिससे फसल नष्ट हो गई है। वहीं मंडी आढ़तियों की मानें तो हरी सब्जियों के साथ आलू प्याज और अन्य सब्जियों के रेट में भी बढ़ोतरी हुई है।
हरी सब्जियां महंगी होने से जहां एक तरफ लोगों की मुश्किलें बढ़ी हैं, वहीं महिलाओं की मानें तो उनके किचन का बजट ही बिगड़ गया है। उनका कहना है कि फेस्टिवल के दौरान इनके महंगा होनेे से ये लोगों की पहुंच से दूर हो गई हैं। रेट कंट्रोल होने चाहिए, ताकि मीडिम वर्ग के लोगों को परेशानी न हो। इस समय सबसे अधिक पालक, मेंथी, धनिया और पत्ते वाली सब्जियों की डिमांड होती थी, लेकिन अब बारिश के कारण इसके रेट इतने बढ़ा दिए गए हैं कि ये आम आदमी की पहुंच से दूर होती नजर आ रही है ।
सब्जी पहले रेट अब रेट
तुरई 35 45
लौकी 10 20
करेला 35 45
धानिया 120 160
हरी मिर्च 40 80
टमाटर 30 50
फूलगोभी 35 50
शिमला मिर्च 75 90
आलू 18 22
प्याज 10 15
मेंथी 40 140
पालक 35 100
बोले व्यापारी
हरी सब्जियों के रेट में बारिश के बाद उछाल आया है। लगातार हो रही बारिश के कारण हरी सब्जी मंडी कम पहुंच पा रही है दूसरे किसानों की फसल काफी खराब हो गई है। जिस कारण मेंथी पालक और धनिया महंगा हुआ है।
सलीम, आढ़ती डेलापीर मंडी
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-मंडी में हरी सब्जी की आवक कुछ कम हुई है। इसका मेन कारण बारिश है। बारिश अधिक होने के कारण सब्जियों के रेट में अचानक उछाल आया है। मंडी में हरी सब्जियां भी लोकल एरिया के साथ आसपास के जिलों से ही आती है।
शुजा उर्र रहमान, अध्यक्ष डेलापीर सब्जी मंडी
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एक तो पहले से ही महंगाई ने मीडियम क्लास के लोगों की कमर तोड़ रखी है। अब लगातार बारिश होने से सब्जियों के दामों में वृद्धि कर दी गई है। इस पर कंट्रोल किया जाना चाहिए।
-प्रतिष्ठा इस समय त्योहार का समय है। मार्केट में हर चीज के दाम काफी बढ़े हुए हैं। अब तो हरी सब्जियां खाना भी मुश्किल नजर आने लगा है। बढ़ती महंगाई पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है।
-ज्योति मिश्रा फेस्टिवल टाइम है। ऐसे अवसर पर लोगों में खुशी का माहौल होता है, लेकिन वर्तमान में मार्केट का जो हाल है, उससे हम गृहिणियों की टेंशन काफी बढ़ गई है। सब्जियों के रेट में उछाल आने से बजट बिगड़ गया है।
- दीप्ति कश्यप